शिक्षा बजट : 15,000 स्कूलों का होगा कायाकल्प, खोले जाएंगे 100 नए सैनिक स्कूल
बजट में बेहतर शिक्षा के लिए देश के 15,000 से अधिक स्कूलों का राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत कायाकल्प किया जाएगा जिससे देश में बेहतर शिक्षा को मजबूत किया जा सके।
Neetu Singh 1 Feb 2021 6:52 AM GMT
इस बार शिक्षा के लिए 93,224 करोड़ रुपए के बजट का आवंटन किया गया है। ये राशि पिछले साल की आवंटित राशि, 99,312 से थोड़ी कम है। हालांकि पिछले साल आवंटित राशि को बजट के संशोधित अनुमानों में घटाकर 85,089 करोड़ रुपए कर दिया गया था, जो वित्त वर्ष 2019-20 में शिक्षा पर ख़र्च हुई कुल राशि, 89,437 करोड़ रुपए से भी कम थी।
बजट पेश करने के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बेहतर शिक्षा के लिए देश के 15,000 से अधिक स्कूलों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सभी पक्षों को शामिल किया जाएगा। ताकि दूसरे स्कूल प्रेरित होकर इस मॉडल पर चल सकें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा कमीशन का गठन किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि देशभर में गैर सरकारी संगठनों, निजी स्कूलों और राज्यों के साथ भागीदारी से 100 नए सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। लद्दाख के लेह में उच्चतर शिक्षा के लिए एक केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाए जाने का भी ऐलान किया गया।
100 new Sainik schools will be set up in partnership with NGOs, private schools, and states. We would be introducing the legislation this year to implement the setting-up of Higher Education Commission of India: FM Nirmala Sitharaman. #Budget2021 pic.twitter.com/kAwIRZBNeI
— ANI (@ANI) February 1, 2021
निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश के कई शहरों में विभिन्न अनुसंधान संस्थान, विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जो सरकार की मदद से चलते हैं। उदाहरण के लिये हैदराबाद, जहां तकरीबन 40 मुख्य संस्थान हैं। सरकार इसी तरह 9 अन्य शहरों में इस तरह का एक समग्र ढांचा खड़ा करेगी, जिससे इन संस्थानों में बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध हो सकें और साथ ही इनकी स्वायत्ता बरकरार रह सके। इसके लिये एक विशिष्ट अनुदान (ग्लू ग्रांट) की शुरुआत की जाएगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि सरकार ने जुलाई 2019 के बजट में नेशनल रिसर्च फ़ाउंडेशन की घोषणा की थी। अगले पांच साल के लिए 50,000 करोड़ रुपए खर्च करके नेशनल रिसर्च फ़ाउंडेशन की कार्यप्रणाली तैयार की जाएगी। इससे देश की रिसर्च व्यवस्था मजबूत होगी।
आम बजट 2021-2022 में निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2016 में राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना शुरू की गई थी। अब सरकार ने प्रशिक्षुता अधिनियम में संशोधन किया है जिससे युवाओं को एप्रेंटिसशिप के अवसर मिल सकें। इसके लिए 3,000 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है।
वित्तमंत्री ने अनुसूचित जाति कल्याण के लिए पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम में बदलाव किया है। अनुसूचित जाति के चार करोड़ विद्यार्थियों के लिए 2025-26 तक छह साल के लिए 35,219 करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है।
निर्मला सीतारमण ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात के साथ भागीदारी से युवाओं की स्किल पर ट्रेनिंग कार्यक्रम किया जा रहा है जिससे देश के युवाओं को रोज़गारपरक कौशलपूर्ण बनाया जा सके। भारत सरकार और और जापान सरकार के बीच एक सहभागी ट्रेनिंग कार्यक्रम चल रहा है जिससे जापान की औद्योगिक और व्यावसायिक कुशल तकनीकी ज्ञान का लाभ मिल सके। इस तरह के ट्रेनिंग प्रोग्राम करने का प्रयास हम दूसरे देशों से भी किया जाएगा। इससे बेरोज़गारी कम होगी। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग डिप्लोमा पर ज्यादा ज़ोर रहेगा।
बजट में ये भी ऐलान किया गया कि आदिवासी इलाकों में 750 एकलव्य स्कूल बनेंगे। एकलव्य स्कूलों की लागत 20 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 34 करोड़ कर दी गई है वहीं पहाड़ी और दुर्गम क्षेत्रों में बजट की ये राशि बढ़ाकर 48 करोड़ रुपए कर दी गई है।
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