उन्नाव केस: लखनऊ में ही होगा रेप पीड़िता का इलाज, परिजनों ने दिल्‍ली आने से किया मना

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
उन्नाव केस: लखनऊ में ही होगा रेप पीड़िता का इलाज, परिजनों ने दिल्‍ली आने से किया मना

उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने शुक्रवार कहा कि पीड़िता का इलाज लखनऊ में ही किया जाएगा, उसे दिल्ली शिफ्ट नहीं किया जाएगा। वहीं रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का भी आदेश दिया है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार रेप पीड़िता के वकीलों की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि पीड़िता का परिवार लखनऊ में ही इलाज करवाना चाहता है, ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट किया जाए। गौरतलब है कि गुरुवार को कोर्ट ने कहा था कि अगर पीड़िता का परिवार चाहे तो उनका इलाज दिल्ली में किया जा सकता है।

इसे भी पढ़ें- उन्‍नाव रेप पीड़‍िता मामला: तीन सुरक्षाकर्मियों को सस्‍पेंड करने पर क्‍या बाेले पूर्व डीजीपी

बीते दिन सुप्रीम कोर्ट को पीड़िता की तबीयत की जानकारी दी गई थी। कोर्ट को बताया गया कि पीड़िता अभी लखनऊ के अस्पताल में भर्ती है, वह आईसीयू में ही है लेकिन उसकी हालत स्थिर है।

वहीं चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने आदेश दिया था कि लखनऊ में इस मामले से जुड़े जितने भी केस चल रहे हैं, उन्हें दिल्ली की अदालत में शिफ्ट किया जाएगा। साथ ही सभी मामलों की सुनवाई 45 दिन में पूरा करने का आदेश दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इस पूरे मामले की रोजाना सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ित परिवार को सीआरपीएफ सुरक्षा देने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को आदेश दिया है कि पीड़िता को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए।

इसे भी पढ़ें- उन्‍नाव रेप मामला: जानिए कब क्या हुआ?

इतना ही नहीं अदालत ने पीड़िता की चिट्ठी का समय पर ना मिलने पर सख्ती दिखाई, अदालत ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि PIL के सेक्शन में पीड़िता की चिट्ठी क्यों नहीं आई। जिसपर सॉलिसिटर जनरल ने जवाब दिया कि हर महीने रजिस्ट्रार के पास 6000 से अधिक चिट्ठी आती हैं, इस महीने 6800 चिट्ठियां आई थीं।

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.