उन्नाव रेप केस: विधायक कुलदीप सेंगर दोषी करार, 19 दिसंबर को सुनाई जाएगी सजा

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उन्नाव रेप केस: विधायक कुलदीप सेंगर दोषी करार, 19 दिसंबर को सुनाई जाएगी सजाविधायक कुलदीप सिंह सेंगर

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप केस में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया है। तीस हजारी कोर्ट ने 10 दिसंबर को यह फैसला सुरक्षित रखा था। अब सजा पर बहस 19 दिसंबर को होगी।

तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न) और POCSO के तहत दोषी ठहराया है। फिलहाल सेंगर तिहाड़ जेल में बंद है। अदालत ने मामले में सह आरोपी शशि सिंह (महिला) के खिलाफ भी आरोप तय किए हैं। शशि सिंह पर आरोप है कि नौकरी दिलाने के बहाने पीड़िता को कुलदीप सेंगर के पास लेकर गई थी।

इसी साल जुलाई में पेशी पर जाते समय पीड़ित की कार की ट्रक से भिड़ंत हो गई थी। इसमें उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई थी। पीड़ित लड़की और उसके वकील तभी से दिल्ली एम्स में भर्ती हैं। इस घटना के चर्चा में आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केस लखनऊ से दिल्ली कोर्ट ट्रांसफर हुआ था। इसके बाद 5 अगस्त से रोजाना बंद कमरे में सुनवाई हो रही थी।

पिछले साल जून में प्रकाश में आया मामला

मामला पिछले साल जून 2018 में उस समय प्रकाश में आया जब एक नाबालिग लड़की ने उन्नाव के बांगरमऊ से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया। इसके बाद जब आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इसी बीच पीड़िता गायब हो गई।

इसके बाद परिवार वालों ने लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखाई। इसके बाद पीड़िता को नौ दिन औरया जिले के एक गांव से बरामद किया गया जहां से उसे वापस उन्नाव लाया गया। कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया।


एक साल बाद दर्ज हुआ मामला

पीड़ित लड़की ने आरोप लगाया था कि 2017 में जब वे कुलदीप सिंह सेंगर के घर नौकरी के लिए गई थी तब उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। घटना के एक साल बाद पीड़ित लड़की ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घर के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की। इसके बाद से मामला लाइम लाइट में आ गया।

पीड़ित लड़की के पिता ही उसका केस लड़ रहे थे। इस बीच उनकी भी मौत हो गई जिसका आरोप कुलदीप सिंह सेंगर के भाई पर लगा। लड़की के पिता पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। पुलिस की कार्यशैली ने नाराज पीड़िता ने आत्मदाह का भी प्रयास किया था।

कोर्ट पहुंचा मामला

जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तक पीड़ित की माँ ने बीजेपी विधायक और उसके भाई पर FIR दर्ज कराने के लिए इस साल फरवरी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) से गुहार लगाई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इसी साल तीन अप्रैल को पीड़ित की माँ की याचिका पर सुनवाई की। उस समय भी पीड़िता के परिवार वाले आरोप लगा रहे थे कि विधायक और उसके भाई उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।

विधायक की पत्नी आई सामने

आरोपी के बचाव में उसकी पत्नी संगीता सेंगर मैदान में आ गयीं। उन्होंने डीजीपी से मुलाकात भी की। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि मैं यहां अपने पति के लिए न्याय मांगने आई हूँ। साथ ही उन्होंने तब नार्को टेस्ट भी कराने की मांग की थी। संगीता ने कहा था कि बिना किसी सबूत के ही मेरे पति को रेपिस्ट कहा जा रहा है।

पहले ही हो चुकी हैं दो मौतें

उन्नाव दुष्कर्म मामले में दो मौतें पहले भी हो चुकी हैं। पीड़िता के पिता की जेल में ही अप्रैल 2018 में एक हमले के बाद मौत हो गई थी। इस हमले के चश्मदीद गवाह की अगस्त 2018 में संदेहास्पद हालत में मौत हो गई थी।

कौन हैं कुलदीप सिंह सेंगर

कुलदीप सेंगर ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस की थी। उन्होंने 2002 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था. इसके बाद वे 2007 में BSP में शामिल हो गये और उन्हें बांगरमऊ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। मायावती से कथित विवाद के बाद उन्होंने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया। 2012 में उन्हें मुलायम सिंह यादव ने भगवंत नगर सीट से टिकट दिया और यहां भी उन्हें जीत मिली। इसके बाद में वे भाजपा में शामिल हो गये। उत्तर प्रदेश में 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में कुलदीप सिंह सेंगर को भाजपा ने बांगरमऊ सीट से टिकट दिया और वे चौथी बार विधायक चुने गये।

 

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