बोर्ड रिजल्ट : फेल होकर भी इन्होंने कमाया दुनिया में नाम
Shrinkhala Pandey 4 Jun 2017 5:06 PM GMT
लखनऊ। शनिवार यानी 3 जून को सीबीएसई के 10वीं के नतीजे आएंगे तो 9 जून को उत्तर प्रदेश में हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित किए जाएंगे, जिसके चलते छात्र- छात्राओं की धड़कनें बढ़ी हुई हैं। ज्यादातर के दिमाग में यही चल रहा है कि रिजल्ट कैसा होगा, नम्बर कितने मिलेगें, आगे कहां एडमिशन मिलेगा। लेकिन रिजल्ट को लेकर इतना सोचना आपको मानसिक रूप से नुकसान पहुंचा सकता है।
रिजल्ट को लेकर अभिवावकों का भी बच्चों पर दबाव रहता है जिससे बच्चे और भी ज्यादा डरे-सहमे रहते हैं लेकिन ये दबाव उनके भविष्य के लिए बुरा साबित हो सकता है। आपको बता दें कि देश की सबसे बड़ी परीक्षा भारतीय प्राशसनिक सेवा में बैठने के लिए सिर्फ उत्तीर्ण होना जरूरी है न कि अधिकतम अंक पाना और कोई भी ऐसा रिपोर्ट कार्ड नहीं बना है जो किसी छात्र का भविष्य बता सके। इसलिए कम नम्बर या फेल होने पर मायूस न होएं बल्कि आगे कड़ी मेहनत करने के लिए खुद को तैयार करें।
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1. कम अंक से न हों निराश - बोर्ड रिजल्ट आपकी करियर की दिशा तय नहीं करते हैं और आने वाले समय में ये भी किसी को याद नहीं रहता कि किसे कितने अंक मिले थे। बल्कि आपकी क्षमता व मेहनत आपको आगे ले जाती है।
2. मेडिटेशन: अपने तनाव और टेंशन पर काबू पाने के लिए मेडिटेशन का सराहा भी ले सकते हैं।
3. ज्यादा न सोचें: पुरानी चीजों को छोड़कर नया प्लान करें। पास होने की खुशी मनाएं भले अंक थोड़े कम हों। आगे अच्छा करेगें इस बात का ध्यान में रखकर आगे बढ़ें।
4. अपने आप को व्यस्त रखें: जरूरी नहीं है कि रिजल्ट आने वाला है तो आप सबकुछ छोड़कर उसी के बारे में सोचें। आ अपना पसंदीदा स्पोर्टस खेल सकते हैं। कहीं घूमने जा सकते हैं, खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में व्यस्त रखें। ऐसी चीजें करें जिससे आपको खुशी मिलती हो।
अभिवावक ऐसे में क्या करें----
अक्सर देखा जाता है कि अभिवावक परीक्षा में खराब अंक आने पर अपने बच्चों की तुलना अन्य किसी रिश्तेदार या पड़ोसी के बच्चे से करने लगते हैं ऐसा बिल्कुल न करें । ऐसे में बच्चे का आत्मविश्वास कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में उन्हें समझाएं कि एक असफलता उनके करियर का फैसला नहीं कर सकती।
बोर्ड परीक्षा के बाद रिजल्ट तक बच्चे काफी दबाव में रहते हैं। अगर बच्चा परीक्षा में ज्यादा अच्छा नहीं कर पाया तो इसका मतलब ये नहीं कि आप उन पर अनावश्यक दबाव बनाएं। उनके साथ अच्छा व्यवहार करें, उन्हें डराएं नहीं बल्कि आगे अच्छा करने के लिए प्रेरित करें।
ये महान हस्तियां भी हुईं थी फेल लेकिन आज दुनिया करती है इन्हें याद
- सचिन तेंदुलकर 10वीं में फेल हो गए थे। लेकिन उसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने अपने सिलेबस में उनका चैप्टर शामिल किया।
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी दसवीं की परीक्षा में इतिहास विषय में फेल हो गए थे लेकिन उन्होनें वो इससे निराश न होकर आगे बढ़े।
- अब्दुल कलाम एयरफोर्स की परीक्षा में फेल हो गए थे लेकिन बाद में उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में दुनिया भर में नाम कमाया।
- महान गणितज्ञ श्री निवासन रामानुजन बारहवीं की परीक्षा में गणित छोड़कर अन्य सभी विषयों में फेल हुए लेकिन आगे चलकर उन्होंने कई सारे सवालों के जवाब के लिए फार्मूले खोजे।
- बल्ब के आविष्कारक थॉमस एल्वा एडिसन 1000 बार असफल होने के बाद सफल हो पाए थे।
- एल्बर्ट आइंस्टाइन को अपने स्कूल की शिक्षा पद्धति पसंद नहीं थी। उन्होंने 15 साल की उम्र में स्कूल छोड़ दिया था।
- बिलगेट्स ने कॉलेज ड्रॉप कर अपने साथ पॉल एलन के साथ एख बिजनेस शुरू किया था। जो बुरी तरह असफल रहा था। बाद में उन्होंने माइक्रोसॉफ्ट की शुरूआत की, आज स्थिति देखी जा सकती है।
- अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन दो बार बिजनेस में असफल रहे। इसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ा। 6 बार हारने के बाद वे 7वीं बार राष्ट्रपति बन सके।
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