यूपी में 6 नवंबर तक कृषि उपकरण खरीदने वाले किसानों को 80 फीसदी तक छूट- कृषि मंत्री

Arvind ShuklaArvind Shukla   28 Oct 2018 1:21 PM GMT

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कृषि कुंभ में लगी प्रदर्शनी में कृषि उपकरण देखते किसान।कृषि कुंभ में लगी प्रदर्शनी में कृषि उपकरण देखते किसान।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 6 नवंबर तक कृषि उपकरण खरीदने वाले किसानों को 40 से 80 फीसदी अनुदान मिलेगा। उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि कुंभ के समापन अवसर पर इसकी घोषणा की।

लखनऊ में चल रहे देश के पहले अंतराष्ट्रीय कृषि कुंभ का रविवार को समापन हो गया। कृषि कुंभ में भारत समेत 7 देश और देश की 14 संस्थाओं ने भाग लिया। इजराइल और जापान कुंभ मुख्य विदेशी सहयोगी रहे।

सोलर और बैट्री चलित स्प्रे की रही प्रदर्शनी में काफी मांग। ये एक जापानी कंपनी ने बनाया है। जिस पर 2000 रुपए की छूट दी जा रही थी।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश के किसानों की आमदनी तेजी से बढ़े, किसानों को तकनीकी का साथ मिले, किसानों ने जो कृषि उपकरण यहां देखे हैं, अगर वो छह नवंबर तक उन्हें खरीदेते हैं तो उसपर बिना इंतजार के सब्सिडी मिलेगी। ये छूट 8 उपकरणों पर हैं,पराली वाली तीन उपकरण लेने पर ये सरकारी छूट 80 फीसदी तक पहुंच जाएगी।" कृषि विभाग प्रदेश के किसानों को कृषि उपकरणों को पर छूट देता है इसके लिए उन्हें कृषि विभाग के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है और नंबर आने पर ये सुविधा मिलती है। लेकिन कृषि कुंभ में कृषि मंत्री की घोषणा के अनुसार 6 नवंबर तक इंतजार नहीं करना होगा, साथ ही सब्सिडी भी एक महीने के अंदर किसान के खाते में पहुंच जाएगी।"

जिन यंत्रों पर छूट मिलेगी उनमें हैप्पी सीडर, मल्चर, रोटावेटर, जीरो टिल, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, श्रव मास्टर, पैडी स्ट्रॉ चॉपर, श्रेडर, रिवर्सिबल मोल्ड,बोर्ड प्याऊ शामिल है। इनमें से तीन यंत्रों को एक साथ लेने पर कृषि विभाग 80 फीसदी अनुदान का पैसा उनके खाते में ट्रांसपर करेगा।

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कृषि कुंभ में किसानों को संबोधित करते यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही।

यूपी के कृषि मंत्री ने आगे कहा कि, "यूपी के 69 कृषि विज्ञान केंद्र है। जबकि 20 नए बनने वाले हैं, इनकी जमीन चिन्हिंत हो गई है। इनमें से 11 कृषि विज्ञान केंद्रों पर इसी तरह के कृषि आयोजन होंगे ताकि जो किसान कृषि कुंभ में नहीं आ सके हैं वो खेती की नई तकनीकी का लाभ उठा सकें।"

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कृषि कुंभ के पहले दिन केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, यूपी के मुुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के साथ जापान और इजरायल के अधिकारी और कंपनी के विशेषज्ञ। फोटो सुषय

शाही ने कहा कि इतनी भारी संख्या में किसान आए हैं। किसान किसान अब इन बातों को लेकर गांव में चर्चा करेंगे, पराली जलाने के बजाए उसकी खाद बनाएंगे। हमारी सरकार ने पिछड़े डेढ़ साल में मृत प्राय हो चुके कृषि विभाग में जान फूंक दी है, किसानों की संख्या बता रही है यूपी का किसान नई तकनीकी अपनाने को तैयार है।

26 अक्टूबर से लखनऊ के गन्ना शोध और अनुसंधान संस्थान में शुरु हुए तीन दिवसीय कृषि कुंभ का आयोजन यूपी के कृषि विभाग और मंडी परिषद ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सहयोग से किया था। किसानों के लिए यहां नवीनतम तकनीकी, उपकरण, कृषि मॉडल, कृषि योजनाओं की प्रदर्शनी के साथ विभिन्न पहुलुओं पर चर्चा के लिए सत्रों का आयोजन भी किया गया, जिसमें सभी शेयर होल्डर, विशेषज्ञ वैज्ञानिक, अधिकारी, किसान और कंपनियों के लोग शामिल हुए। कृषि मंत्री ने समापन समारोह में कहा कि यूपी का ये भव्य आयोजन दूसरे प्रदेशों के लिए भी रोल मॉडल बनेगा।

कृषि कुंभ के दौरान ट्रैक्टर चलित रोटावेटर देखती फैजाबाद के आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्याल की छात्रा। कुंभ में यूपी के पांच कृषि विश्वविद्याल भी शामिल थे।

समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश की कृषि विपणन और कृषि आयात मंत्री स्वाती सिंह ने कहा, यूपी के किसानों के हित में मंडी परिषद और कृषि विभाग ने कई नियम बदले हैं। हमने किसानों को ये सुविधा दी है कि अब थोक विक्रेता सीधे किसान के खेत से फसल खरीद सकता है जिससे किसानों को बाजार के लिए भटकना न पड़े।" उन्होंने आगे कहा, "कोई भी किसान अगर सीधे उपभोक्ता को अपने उत्पाद बेच रहा है तो उसे मंडी शुल्क नहीं देना होगा। जैविक खेती करने वाले किसानों के प्रोत्साहन के लिए गोमती नगर में जैविक बाजार लगती है जिसमें किसान अपना सामान बेच सकते हैं।"

उत्तर प्रदेश के उप मुख्य मंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा, "खेती से जुड़ी दुनिया भर के देशों में जो भी तकनीक विकसित हो हम चाहते हैं उसका लाभ यूपी के किसानों को जरुर मिले। मैं भी के गरीब किसान का बेटा हूँ किसानों की तकलीफ समझता हूँ। अगर कृषि कुम्भ मेले में बताई गयी तकनीक किसान अपनाता है तो मैं निश्चित तौर पर किसानों की आमदनी बढ़ेगी।"

कृषि कुंभ में जैविक उत्पादों की कई स्टॉल थी, जिसमें कई किसानों, युवाओं और एफपीओ ने अपने उत्पाद प्रदर्शित किए थे।

इस दौरान उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने कहा, किसानों के लिए ऐसे आयोजन महत्वपूर्ण होते हैं, जहां उन्हें कुछ नया सीखने को मौका मिले, उन्होंने ऐसे आयोजनों को जिला स्तर पर भी कराने की वकालत की। इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि मेरे समेत देश के पांच राज्यों ने कृषि और किसानों की आमदनी को लेकर अपनी एक विशेष रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी है। जिसमें मैंने कई सुझाव भी दिए हैं।

समारोह में राज्यपाल राम नाईक, विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, मंत्री मंडी परिषद, स्वाती सिंह, कृषि राज्य मंत्री श्री रणवेन्द्र प्रताप सिंह (धुन्नी सिंह), जल सम्पूर्ति, भूमि विकास एवं जल संसाधन, परती भूमि विकास, वन एवं पर्यावरण, जन्तु उद्यान, उद्यान, सहकारिता (एमओएस) मंत्री उपेंद्र तिवारी, मनोहर लाल (मन्नू कोरी), यूपी के कृषि उत्पादन आयुक्त प्रभात सिंह, कृषि निदेशक सोराब सिंह, निदेशक मंडी परिषद उमाशंकर पांडेय, मुख्य सचिव कृषि अमित मोहन, समेत कृषि, पशुपालन, बागवानी, रेशम समेत प्रदेश में किसानों से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।

ड्रिप इरीगेशन यानी बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली और फौव्वारा सिस्टम को लेकर किसानों को काफी जागरुकता रही।



कृषि कुंभ में बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया गया। ये अवार्ड कई कैटेगरी में थे, जिनमें बेहतर मॉडल भी शामिल थे। यूपी के भूमि संरक्षण विभाग के मॉडल ने कुंभ में खूब लोकप्रियता बटोरी। राज्यपाल राम नाईक ने डिप्टी डायरेक्टर एग्रीकल्चर (स्वाइल कंजरवेशन) डॉ. एसपी सिंह को सम्मानित किया। इसके साथ ही एक एकड़ में सामेकित यानि इंटीग्रेटिड फार्मिग का मॉडल तैयार करने के लिए केंद्रीय मृदा एवं लवणता संस्थान (लखनऊ) के निदेशक डॉ. विनय मिश्र को भी सम्मानित किया गया। इसके साथ निदेशक पशुपालन विभाग और बागवानी को भी मंच पर बेहतर प्रदर्शन के लिए सम्मान मिला।

इसके साथ ही महाराष्ट्र, पंजाब और छत्तीसगढ़ व यूपी के प्रगतिशील किसानों को भी सम्मानित किया। पराली न जलाने को लेकर यूपी के 40 हजार बच्चों ने पेंटिंग प्रतियोगिता में भाग लिया था, जिनमें से विजयी बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया।





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