यूपी की हाईटेक पुलिस को ट्विटर से बदलाव लाने के लिए मिला सोशल मीडिया एम्पावरमेंट अवार्ड

Arvind ShukklaArvind Shukkla   30 April 2017 6:36 PM GMT

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यूपी की हाईटेक पुलिस को ट्विटर से बदलाव लाने के लिए मिला सोशल मीडिया एम्पावरमेंट अवार्डपुरस्कार लेते डीजीपी के प्रवक्ता और अपर पुलिस आयुक्त राहुल श्रीवास्तव।

लखनऊ/ नई दिल्ली। सोशल मीडिया के सकारत्मक उपयोग और लोगों का मददगार बनने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस को सोशल मीडिया एम्पावरमेंट अवार्ड से नवाजा गया है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर दिए जाने वाले देश में अपनी तरह का ये पहला सम्मान पाने वाली यूपी पुलिस ही है। ये अवार्ड यूपी पुलिस की ट्विटर सेवा को दिया गया।

यूपी पुलिस को अवार्ड मिलने पर ख़ुशी जताते हुए प्रदेश के नवनियुक्त डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा, अवार्ड मिलने पुलिस को ऊर्जा मिलेगी। हमारी कोशिश है लोग ज्यादा से ज्यादा अपनी शिकायतें करें, ट्विटर सेवा का और विस्तार किया जाएगा।

दिल्ली में सैकड़ों लोगों के बीच डिजिटल एम्पावर फाउंडेशन की तरफ से अवार्ड यूपी पुलिस के डिप्टी एसपी और डीजीपी के प्रवक्ता राहुल श्रीवास्तव को दिया गया। राहुल श्रीवास्तव बताते हैं, “ पुलिस की परंपरागत छवि से अलग हटकर ट्विटर सेवा ने काम किया, हजारों शिकायतें रोज मिलती हैं, जिनका वहीं पर निस्तारण करने की कोशिश की गई। आलोचना हुई तो उसे स्वीकार कर सुधारा। पुलिस के अच्छे कामों को लोगों तक ले गए तो जहां सिस्टम से शिकायत हुई लोगों को सॉरी बोला। इससे लोगों का भरोसा जीतने में सफल हो रहे हैं।”

अवार्ड मिलने पुलिस को ऊर्जा मिलेगी। हमारी कोशिश है लोग ज्यादा से ज्यादा अपनी शिकायतें करें। ट्विटर सेवा का और विस्तार किया जाएगा।
सुलखान सिंह, डीजीपी, उत्तर प्रदेश

वर्ष 2016 में पूर्व डीजीपी जवीद अहमद की अगुवाई में यूपी पुलिस ने लोगों तक सीधी पहुंच बनाने, थानों में भीड़ कम करने और डिजिटलाइजेश की राह पर चलते हुए ट्वीटर सेवा की शुरुआत की थी। राहुल श्रीवास्तव बताते हैं, “मार्च 2016 में पुलिस हेडक्वाटर के मुख्य अकाउंट समेत सभी 75 जिलों के एसपी और आईजोन समेत 122 वेरीफाइड अकाउंट बनाकर काम शुरु हुआ। औसतन अब 1000 शिकायतें रोज आती है, जिसमें शहर के साथ गांवों के लोग भी शामिल होते हैं, इसकी बड़ी उपलब्धि ये रही कि अब लोगों की पहुंच सीधे डीजीपी तक है, कोई शिकायत दबाई नहीं जा सकती। यही वजह रही कि सालभर में हमें काफी सराहना मिली।

यूपी पुलिस ने एक सार्वजनिक मंच पर पुलिस तक आम जनता की पहुंच को आसान बनाने का एक अभूतपूर्व काम कर दिखाया है। यह लोगों की शिकायतों को सुलझाने के लिए और लोगों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को पूरा करने का एक अच्छा प्रयास है।
ओसामा मंज़र, हेड, डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन

ट्विटर सेवा को अवार्ड देने वाली संस्था डिजिटल एम्पावरमेंट फाउंडेशन के हेड ओसामा मंजर करते हैं, “यूपी पुलिस ने एक सार्वजनिक मंच पर पुलिस तक आम जनता की पहुंच को आसान बनाने का एक अभूतपूर्व काम कर दिखाया है। यह लोगों की शिकायतों को सुलझाने के लिए और लोगों के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को पूरा करने का एक अच्छा प्रयास है। ये सामुदायिक पुलिस व्यवस्था का एक बढ़िया उदाहरण है।”

यूपी पुलिस को जिस कैटेगरी में अवार्ड मिला, उसमें कुल 162 नॉमिनेशन थे, जिसमें से दो फाइनल में पहुंचे थे। देश भर में पुलिस की छवि पर लगातार सवाल उठते रहे हैं, यूपी पुलिस से और समस्याए हैं ऐसे में एक ट्वीटर सेवा, जिससे न सिर्फ लोगों की समस्याएं सुझलाई जा रही है, बल्कि पुलिस व्यवस्था की सोच में बदलाव की वजह बन रही है। ट्विटर सेवा जैसे प्रयोग खुद पुलिस सिस्टम में बदलाव ला रहे हैं पुलिस के आलाधिकारी भी मानते हैं। पुलिस के सामने उसी की शिकायत अभी तक सोचना मुश्किल था। पुलिस एक ऐसी संस्था बनती जा रही था, जिसकी मानसिकता हो गई थी कि पर कोई प्रश्न नहीं लगा सकता। लेकिन वो धारणाएं तोड़ी जा रही है।

डीजीपी के सहायक आईपीएस संजय सिंघल अवार्ड पर खुशी जताते हुए कहते हैं, एक साल में मिले रेस्पांस को देखते हुए इसे और मजबूत किया जाएगा। आने वाले समय में हम इसमें एजुकेशन पार्ट भी जोड़ेगे। सड़क पर कैसे चलें, पासपार्ट से संबंधित समस्याओं के लिए किस नंबर पर कॉल करें, पुलिस के कर्तव्य क्या हैं, ऐसी जानकारियां पोस्टर के माध्यम से लोगों तक पहुंचाएंगे।”

हमने पुलिस के प्रति बनी की धारणाओं को तोड़ा है। कुछ जिले अच्छा काम कर रहे हैं, कुछ पीछे रहे हैं उन्हें आगे लाएंगे। हेड क्वाटर से सख्ती और लगातार रिपोर्ट तलब किए जाने का असर असर पड़ा है। अब ट्विटर के माध्यम से लोगों की जानकारियां बढ़ाई जाएंगी और उन्हें एजुकेट किया जाएगा।
संजय सिंघल (आईपीएस) सहायक डीजीपी, यूपी पुलिस

ट्विटर सेवा को लेकर आने वाली समस्याओं और पुलिस कर्मियों की सोच पर संजय सिंघल कहते हैं, हमने पुलिस के प्रति बनी की धारणाओं को तोड़ा है। कुछ जिले अच्छा काम कर रहे हैं, कुछ पीछे रहे हैं उन्हें आगे लाएंगे। शुरुआत में लोगों (पुलिस) को इसके फायदों का अंदाता नहीं था। हेड क्वाटर से सख्ती और लगातार रिपोर्ट तलब किए जाने का असर असर पड़ा है। फिर जब किसी स्थानीय अधिकारी की गलती पर हेड्वाटर खेद जताता है तो उन पर दबाव बढ़ जाता है।”

ट्विटर सेवा न सिर्फ आम लोगों की सोच बदलने में बड़ी भूमिका निभा रही है बल्कि शहरों के साथ गांवों के लोगों को भी हाईटेक होने के लिए प्रेरित कर रही है। ट्विटर पर ऐसी भी शिकायतें आ रही हैं जो परंपरागत सिस्टम के तहत शायद उच्च अधिकारियों तक नहीं पहुंच पातीं। राहुल बताते हैं गांवों के लोग ट्विटर का इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं, इसे समझने के लिए बस्ती जिले का एक केस बेहतर उदाहरण हो सकता है, लकवाग्रस्त एक महिला को उसके पति ने घर में कैद कर रखा था, उसके एक पड़ोसी ने इस संबंध में सिर्फ बस्ती पुलिस को शिकायत थी, उस महिला को मुक्त करवाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। एक युवती ने चलती ट्रेन में छेड़खानी की शिकायत की, अगले स्टेशन पर 41 शोहदों को पकड़ा गया।”

बस्ती पुलिस द्वारा लिया गया एक्शन।

ट्वीटर सेवा को शुरु करने वाले पूर्व डीजीपी जवीद अहमद ने पूर्व डीजीपी जवीद अहमद ने भी यूपी पुलिस को मिले इस सम्मान के लिए बधाई दी। अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अभी इस क्षेत्र में बहुत काम करने की जरुरत है और उम्मीद है ये सिलसिला जारी रहेगा।

पुलिस और लोगों के बीच कम हुई दूरी

यूपी पुलिस की टि्वटर सेवा ने शहर के लोगों को ही नहीं, बल्कि गांव के लोगों को भी पुलिस की सहायता तुरंत पहुंचा रही है। जब से यूपी पुलिस ने टि्वटर सेवा शुरू की है, तबसे एक तरफ जहां पुलिस का लोगों की समस्याओं के प्रति पहले से ज्यादा जबावदेह बनी है, वहीं लोगों को न्याय भी जल्दी मिलने लगा है। पुलिस के अधिकारी भी टि्वटर सेवा में पब्लिक की बढ़ती भागीदारी से खुश हैं। उनका कहना है यूपी पुलिस की टि्वटर सेवा ने पुलिस और पब्लिक के बीच की दूरी को कम किया है।

गांव से आ रहे हैं 50 से लेकर 100 ट्वीट

यूपी पुलिस की टि्वटर सर्विस की सेवा की देखरेख के प्रति लोगों ने बताया कि एक दिन में 50 से लेकर 100 ज्यादा ट्वीट सिर्फ गांव से आ रहे हैं। मथुरा जिले के मुसदपुर गांव में काफी दिनों से गांव के रोड को लेकर विवाद था। गांव के कुछ दंबग किस्म के लोग इस गांव की मुख्य सड़ेक को कब्जा करके गांव वाला का रास्ता रोक दिया था। ऐसे में इस गांव के रहने वाले नूतन शर्मा ने ट्वीट करके पुलिस को जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में जांच कराई और इस रास्ते को दबंगों से मुक्त कराया।

पुलिस की सलाह, समस्याओं को फोटो क्लिक करके भेजें

टि्वटर सर्विस में शब्दों की एक सीमा है। इसमें मैसेज करते हुए 140 से ज्यादा शब्दों को नहीं लिख सकते हैं। ऐसे में जब गांव के लोग ट्वीट करते हैं तो उनको शब्दों की लिमिट नहीं पता होती और उनका ट्वीट पूरा नहीं आ पाता है। ऐसे लोगों को यूपी पुलिस के टि्वटर हैंडलर से जुड़े लोगों ने सलाह दी है कि लोग अपनी शिकायत या समस्याओं को लिखने की बजाए उसकी फोटो क्लिक करके भेजें। क्योंकि टिवटर में एक इमेज में 8 से ज्यादा शब्द नहीं होते हैं ऐसे में लोग इसके जरिए अपनी बात को बेहतर तरीके से ट्वीट करके बता सकते हैं।

          

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