नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान तौकाते का असर दिखने लगा है। महाराष्ट्र, गोवा और गुजरात समेत कई तै।टीय इलाकों में बारिश का दौर जारी है। सैकड़ों पेड़ उखड़ गए है। उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में भी मौसम बदला हुआ है। सुबह से धूप नहीं निकली है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के तमौसम पूर्वानुमान केंद्र के अनुसार चक्रवाती तूफान “तौकते,” जो पूर्व-मध्य अरब सागर पर था, वह उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में मुड़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार तूफान शाम को गुजरात के तटों से टकरा सकता है। इसके अलावा तटीय क्षेत्रों से इसके टकराने की स्थिति में रेड अलर्ट जारी किया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने यह चेतावनी 17 मई, 2021 को भारतीय समयानुसार 8:15 पर जारी की है। इस चेतावनी के अनुसार तूफान पिछले छह घंटों के दौरान 20 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा था। वह बहुत तेज हो गया है और 17 मई, 2021 को साढ़े पांच बजे सुबह वह पूर्व-मध्य अरब सागर के ऊपर मौजूद रहा, यानी 18.5oउत्तर अक्षांश और 71.5o पूर्व देशांतर के निकट कायम था। यह क्षेत्र मुंबई से 160 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, वेरावल (गुजरात) से 290 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व और दीव से 250 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व से दूर है। यह कराची (पाकिस्तान)नसे 840 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व मौजूद था।
अंदेशा जताया जा रहा है चक्रवाती तूफान उत्तर-उत्तर-पश्चिम दिशा में मुड़ेगा और 17 मई की शाम को गुजरात पहुंच जायेगा। वहां यह 17 मई की रात आठ बजे से साढ़े आठ बजे के बीच पोरबंदर और महुवा (भावनगर) के तटों से टकरायेगा। इस इलाके में यह कहर बरपा सकता है। हवा की रफ्तार प्रति घंटा 155-165 से 185 किलोमीटर हो सकती है।
Heavy #rains have dropped the visibility over #Santacruz #airport to 700 meters. More than 100 mm rain & strong damaging winds are possible over parts of #Mumbai and suburbs. Stay safe and stay home at least until tonight. #CycloneAlert @SkymetWeather @JATINSKYMET @Munbairains
— Mahesh Palawat (@Mpalawat) May 17, 2021
चेतावनी: कहां कहां हो सकती है वर्षा
कोंकण और मध्य महाराष्ट्रः 17 मई को कई स्थानों पर हल्की से मध्यम तथा अलग अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और 18 मई को उत्तरी कोंकण में छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने का अनुमान है।
गुजरात: सौराष्ट्र के दक्षिणी जिलों, दीव और गुजरात क्षेत्र में 17 व 18 मई को अधिकांश स्थानों पर भारी और बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। इसी दौरान कच्छ में छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है।
राजस्थान:18 मई को दक्षिण राजस्थान के ऊपर तथा 19 मई को राजस्थान के ऊपर कई स्थानों पर हल्की से मध्यम तथा छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। राजस्थान पर 19 मई को कई छटुपुट स्थानों पर तेज से तेजतर बारिश होने का अनुमान है।
चेतावनी- यहां यहां आंधी ढा सकती है कहर
अगले छह घंटों के दौरान पूर्व-मध्य अरब सागर में 180-190 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवायें चलने की संभावना है, जिनकी रफ्तार बढ़कर 210 किमी प्रतिघंटा हो सकती है।
17 मई को महाराष्ट्र के तट से दूर और आसपास आंधी चलने का अनुमान है, जिसकी गति 80-90 किमी प्रति घंटा से बढ़कर 100 किमी प्रतिघंटा हो सकती है।
उत्तर-पूर्व अरब सागर के आसपास के इलाके में आंधी की स्थिति बनी हुई है। वहां 90-100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से तेज हवायें चल रही हैं, जो बढ़कर 110 किमी प्रतिघंटा हो सकती हैं। आंधी धीरे-धीरे तेज होगी और दोपहर बाद 12 घंटे तक 200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पकड़ लेगी। उसके बाद उसकी गति कम होने लगेगी।
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— SkymetWeather (@SkymetWeather) May 17, 2021
दक्षिण गुजरात के तट से दूर और दमन व दीव तटों 70-80 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी के आसार हैं, जिसकी रफ्तार बढ़कर 90 किमी प्रतिघंटा हो जायेगी। संभावना है कि आंधी की गति 155-165 किमी प्रतिघंटा तक हो जायेगी और बढ़ते-बढ़ते 185 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है।
आंधी की यह स्थिति गुजरात के तट से दूर व तट के आसपास (जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर) में रहेगी। इसके अलावा भरूच, आणंद, दक्षिण अहमदाबाद, बोताड, पोरबंदर में 120-140 किमी प्रतिघंटा; देवभूमि द्वारका, जामनगर, राजकोट, मोरबी, खेड़ा में आज रात से 18 मई की भोर तक 90-100 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी चलेगी, जिसकी गति 165 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच सकती है। दादर, नागर हवेली, दमन तट से दूर व आसपास वलसाड, नवसारी, सूरत, सुरेन्द्रनगर में 17 मई की शाम से 18 मई की सुबह तक 80-90 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से आंधी चलने का अनुमान है, जिसकी रफ्तार बढ़कर 100 किमी प्रतिघंटा तक हो सकती है।
चेतावनी- समुद्री हालात
18 मई की सुबह तक पूर्व-मध्य अरब सागर और उत्तर-पूर्व अरब सागर के आसपास के इलाकों में समुद्री हालात संगीन रहेंगे, हालांकि धीरे-धीरे उनमें सुधार आ जायेगा।
अगले 12 घंटों के दौरान महाराष्ट्र के तट से दूर और आसपास के इलाके में समुद्री लहरों में उफान आयेगा, जो काफी बढ़ सकता है। उसके बाद हालात सामान्य होने लगेंगे।
अगले छह घंटों के लिये संभावना व्यक्त की गई है कि दक्षिण गुजरात के तट से दूर व आसपास के इलाके में, दामन, दीव, दादर एवं नागर हवेली के तटों पर ऊंची लहरें उठेंगी। यह स्थिति 18 मई की भोर तक मौजूद रहेगी और उसके बाद स्थिति सामान्य होती जायेगी।
चेतावनी- तूफान तेज होने की चेतावनीः
तटीय इलाकों में ज्वार-भाटा के हालात बनेंगे, जिनका विवरण इस प्रकार हैः
अमरेली, गिर सोमनाथ, दीव, भावनगर में तीन मीटर तक की लहरें उठेंगी; भरूच, आणंद, अहमदाबाद के दक्षिणी इलाके में 2-3 मीटर, सूरत, नवसारी, वलसाड में 102 मीटर तथा गुजरात के बाकी तटीय इलाकों में 0.5-1 मीटर ऊंची लहरें उठेंगी। यह स्थिति उस समय बनेगी, जब तूफान गुजरात के तट से टकरायेगा।
चेतावनी- मछुआरों के लिये चेतावनी
पूर्व-मध्य अरब सागर, महाराष्ट्र के तटीय इलाकों, गुजरात, दामन, दीव, दादर व नागर हवेली के समुद्री इलाकों में मछली पकड़ने की गतिविधियों को रोक दिया गया है।
मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे पूर्व-मध्य अरब सागर, महाराष्ट्र-गोवा तटीय क्षेत्र, उत्तर-पूर्व अरब सागर, गुजरात, दामन, दीव, दादर व नागर हवेली के समुद्री इलाकों में 18 मई, 2021 तक मछली पकडने न जायें।
जो मछुआरे उत्तर अरब सागर में मछली पकड़ने निकले हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे तुरंत लौट आयें।
गुजरात के तटीय इलाकों में इन्हें हो सकता है नुकसान
गुजरात के, पोरबंदर, अमरेली,जूनागढ़, गिर सोमनाथ, बोताड और भावनगर जिलों तथा अहमदाबाद के तटीय इलाकों में नुकसान का अनुमान:
झोपड़ियां पूरी तरह ध्वस्त/कच्चे मकानों को भारी नुकसान। पक्के घरों को कुछ नुकसान। आंधी के साथ उड़कर आने वाली चीजों से संभावित खतरा।
बिजली तथा संचार के खंभे टूटसकते हैं/उखड़ सकते हैं।
कच्ची एवं पक्की सड़कों को बड़ा नुकसान, रास्तों पर पानी भर जायेगा, रेलवे, ओवरहेड बिजली की लाइनों तथा सिग्नल प्रणालीमें मामूली बाधा।
समुद्री नमक को सुखाने वाले क्षेत्रों तथा खड़ी फसलों को व्यापक नुकसान, घने पेड़ों केहवा में उखड़ जाने की संभावना।
छोटी नावों, डोंगियों के लंगर टूटने का खतरा।
बांधों/नमक सुखाने वाले रकबे को नुकसान।
संभावित इलाकों के लोग उठाएं ये कदम
संवेदनशील क्षेत्रों से लोगों को निकालने पर जोर।
मछली पकड़ने की सारी गतिविधियों को पूरी तरह स्थगित करना।
रेल एवं सड़क यातायात को सोच-समझकर चालू रखना।
प्रभावित क्षेत्रों में लोग अपने घरों में रहें।
मोटर बोट तथा छोटी नौकाओं में आवाजाही असुरक्षित।