“एक गाय से 30 एकड़ में होगी जीरो बजट खेती” 

Mithilesh DharMithilesh Dhar   29 Nov 2017 5:38 PM GMT

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“एक गाय से 30 एकड़ में होगी जीरो बजट खेती” कार्यक्रम में जैविक खेती पर बनी सीडी का लोकार्पण हुआ।

नई दिल्ली। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्थापित दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केंद्र द्वारा प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक खेती विषय पर 28 से 30 नवंबर तक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। गुरुकुल कुरुक्षेत्र एवं ग्राम विकास गतिविधि हरियाणा प्रांत के सहयोग से आयोजित की जा रही इस कार्यशाला के शुभारंभ अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत मुख्य अतिथि रहे। जबकि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. केपी सिंह कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं।

इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा " जैविक खेती को लेकर किसानों में भ्रांति है कि इससे पैदावार बहुत कम होती है। केवल दो साल कम पैदावार होती है लेकिन इसके बाद यह निरंतर बढ़ती जाती है। कृषि में केंचुओं की भूमिका से सब परिचित हैं। गाय के गोबर को खाद के रूप में प्रयोग करने से इनकी संख्या में बहुत तेजी से बढ़ती है। मगर कृषि में जहरीले रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण वह भी धरती के बहुत नीचे चले गए हैं। इसके कारण आज वर्षा ऋतु में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने लगी है।

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राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कीटनाशक और उर्वरकों के प्रयोग के कारण भूमि, वायु, जल प्राकृतिक संसाधन जहरीले हो रहे हैं। यही जहरीले उत्पाद हम बेच रहे हैं। इन जहर को बेचने वालों पर धारा 302 लगनी चाहिए। कीटनाशक और कृत्रिम उर्वरकों से तैयार खाद्यान्नों, सब्जियों और फलों के प्रयोग से कैंसर फैल रहा है। हमें जैविक खेती विशेषकर जीरो बजट जैविक खेती की ओर बढ़ना होगा। एक गाय से बिना रासायनिक खादों के प्रयोग के 30 एकड़ भूमि में खेती की जा सकती है। जैविक खेती को लेकर किसानों में भ्रांति है कि इससे पैदावार बहुत कम होती है। अगर जीरो बजट खेती को अपनाएं तो पहले साल में ही बराबर उत्पाद मिलेगा। जैविक खेती के उत्पादों के दाम भी दो से तीन गुना तक मिलते हैं।

विश्वविद्यालय के अनुसंधान निदेशक डॉ. एसके सेठी ने बताया कि इस मौके पर जाने-माने कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुभाष पॉलेकर मुख्य वक्ता होंगे और जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग विषय पर विचार रखेंगे और किसानों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

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उन्होंने बताया इस तीन दिवसीय कार्यशाला में लाला लाजपतराय पशुचिकित्सा एवं पशुविज्ञान विश्वविद्यालय हिसार, गुरूकुल कुरूक्षेत्र, हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर, ग्राम विकास गतिविधि हरियाणा प्रांत, आईसीएआर- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मिग सिस्टम रिसर्च मोदीपुरम (यूपी) के प्रतिनिधि औरतथा अन्य गणमान्य व्यक्ति भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि कार्यशाला में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान तथा अन्य राज्यों के 2000 से अधिक किसान भाग लेंगे। इस कार्यशाला में प्रतिभागी किसानों को घट रही मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता, रसायनों का मानव के स्वास्थ्य पर हो रहे दुष्प्रभावों के चलते समय की मांग के अनुरूप प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक खेती को अपनाने बारे जागरूक एवं उत्साहित किया जाएगा।

जीरो वेस्ट खेती होनी चाहिए

कुलपति प्रो. केपी सिंह ने कहा कि एचएयू में दीनदयाल उपाध्याय जैविक खेती उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया है। इसमें किसी भी उत्पाद को बाहर से नहीं लाया जाएगा। देश में प्राकृतिक खेती के उत्पादों की बहुत मांग है। हम मांग के अनुरूप इन उत्पादों की आपूर्ति करने में सक्षम नही हैं। विश्वविद्यालय को 12 करोड़ की एक परियोजना प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि कृषि में 80 प्रतिशत हिस्सा वेस्ट चला जाता है। खेती को जीरो वेस्ट पर लाना होगा। पौधे, फल, फूल, जड़ हर एक की कीमत मिलनी चाहिए। ऐसा होने पर ही खेती लाभदायक साबित होगी। भारतीय किसान संघ के आयोजक सचिव दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि कृषि को नई दिशा देना समय की मांग है। हमें पुन: गऊ कृषि वाणिज्य को स्थापित करना होगा। इसी से जलवायु परिवर्तन की चुनौती का भी समाधान कर सकेंगे।

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किसानों को उनकी भाषा में मिले प्रशिक्षण : इंद्रेश कुमार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि खेती उत्तम थी, उत्तम है और उत्तम रहेगी। किसानों को सस्ती, सहज, उत्तम तकनीक प्रदान की जाएं। कृषि विशेषज्ञों से किसानों को उनकी भाषा में प्रशिक्षण दें। शहरों में प्रशिक्षण की बजाय किसानों को उनके गांव में जाकर व्यावहारिक ज्ञान के साथ प्रशिक्षण दें।

सब चुनौतियों का एक ही हल

कृषि विशेषज्ञ डॉ. सुभाष पॉलेकर ने मुख्य संभाषण में जीरो बजट प्राकृतिक खेती पर प्रकाश डाला। खेती में विभिन्न रसायनों पर निवेश, जलवायु परिवर्तन, खेती से विमुख हो रही युवा पीढ़ी बड़ी चुनौतियां हैं। सब चुनौतियों का हल जीरो बजट प्राकृतिक खेती से है। इस मौके पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मिंग सिस्टम रिसर्च के निदेशक डॉ. एएस पंवार भी उपस्थित थे।

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सीडी और पुस्तकों का किया विमोचन

हिमाचल राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने जीरो बजट प्राकृतिक खेती-जहर से अमृत की ओर नामक फिल्म की सीडी और स्वदेशी खेती से आर्थिक सफलता विषय पर पुस्तक का विमोचन किया गया।

पांच राज्यों के 1200 प्रतिभागी ले रहे प्रशिक्षण

कार्यशाला में हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ से लगभग 1200 किसान भाग ले रहे हैं। इन्हें इन तीन दिनों में घट रही मृदा उर्वरता एवं उत्पादकता, रसायनों का मानव के स्वास्थ्य पर हो रहे दुष्प्रभावों के चलते समय की मांग के अनुरूप प्राकृतिक एवं आध्यात्मिक खेती को अपनाने के बारे में जागरूक किया जाएगा।

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