उन्नाव रेप पीड़िता एक्सीडेंट: CBI जांच के लिए राज्य सरकार ने की सिफारिश
गाँव कनेक्शन 30 July 2019 5:40 AM GMT
लखनऊ। उन्नाव रेप पीड़िता के साथ रविवार को हुए सड़क हादसे की सीबीआई जांच होगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दुर्घटना की जांच सीबीआई को सौंपे जाने की सोमवार देर रात सिफारिश कर दी है। राज्य सरकार मंगलवार को इस मामले में केंद्र सरकार को औपचारिक पत्र भेजेगी।
प्रधान गृह सचिव अरविंद कुमार ने कहा, ''सरकार ने रायबरेली जिले के गुरबख्शगंज थाना में आईपीसी की धारा 302,307,506,120 के तहत दर्ज अपराध संख्या 305/2019 की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया है। इस बारे में एक औपचारिक अनुरोध भारत सरकार को भेजा गया है।'' इससे पहले यूपी के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि अगर पीड़िता की मां या अन्य कोई रिश्तेदार आग्रह करता है तो राज्य सरकार हादसे की सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार है।
Uttar Pradesh Government has sent a formal request to Government of India to transfer the Unnao rape survivor's road accident case to CBI pic.twitter.com/TK0TvXxBE9
— ANI UP (@ANINewsUP) July 30, 2019
बता दें, दुष्कर्म पीड़िता रविवार को अपनी चाची, मौसी और वकील महेंद्र के साथ कार से चाचा से मिलने रायबरेली जेल जा रही थी। इसी दौरान उनकी कार को एक ट्रक ने सामने से टक्कर मार दी। हादसे में चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि रेप पीड़िता और वकील की हालत अभी गंभीर बनी हुई है। दोनों को ट्रॉमा सेंटर में वेंटिलेटर पर रखा गया है। इस मामले में पीड़िता के परिवार ने सुनियोजित तरीके से हादसा करवाने का आरोप लगाया है। पीड़िता की मां ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि, ''यह हादसा नहीं बल्कि हम सबको खत्म करने की साजिश थी।''
दुर्घटना के मामले में पीड़िता के चाचा की तरफ से FIR दर्ज कराई गई है। इसमें विधायक कुलदीप सिंह सेंगर, विधायक के भाई मनोज सेंगर, विनोद मिश्र, हरिपाल सिंह, नवीन सिंह, कोमल सिंह, अरुण सिंह, ज्ञानेन्द्र सिंह, रिंकू सिंह, वकील अवधेश सिंह तथा 15-20 अन्य लोगों को नामजद किया गया है। ये मुकदमा IPC की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश), 506 (डराने धमकाने), 120 बी (आपराधिक साजिश रचने) में दर्ज किया गया है।
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