खेती करते हुए लगी चोट तो मिलेंगे 3 हजार से 60 हजार तक रुपए , जानिए कैसे 

Devanshu Mani TiwariDevanshu Mani Tiwari   19 Jun 2018 7:50 AM GMT

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खेती करते हुए लगी चोट तो मिलेंगे 3 हजार से 60 हजार तक रुपए , जानिए कैसे कृषि यंत्र चलाते समय या जानवरों के सींग मारने से दुर्घटना होने पर मिलेगी मदद

खेत में काम करते हुए अगर किसी किसान या मजदूर को चोट लग जाए तो उसके इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाती हैं, इलाज के लिए मंडी परिषद की तरफ से 3 हजार से लेकर 60 हजार और मौत होने पर 2 लाख रुपए तक मिलते हैं।

लखनऊ। खेतीबाड़ी के दौरान अक्सर देखा गया है कि किसान व खेतिहर मजदूर धार दार उपकरणों और इलेक्ट्रॉनिक कृषि यंत्रों से चोटिल हो जाते हैं। यह ही नहीं कई बार पशुपालकों को भी कार्य के दौरान गाय- भैंस सींग मार देती हैं। खेती के दौरान चोटिल हो जाने पर किसान अपना इलाज के मंडी परिषद से आर्थिक मदद ले सकते हैं।

किसान मंडी परिषद उत्तर प्रदेश की सामूहिक जनता व्यक्तिगत दुर्घटना सहायता योजना की मदद से सरकार द्वारा घोषित मंडी क्षेत्रों के अंतर्गत कृषि संबंधी कार्य करते समय किसानों,खेतिहर मजदूरों और मंडी समिति के मजदूरों के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर आर्थिक मदद की जाती है।

किसान को कुछ शर्तों के साथ मिलती है आर्थिक मदद। फोटो - अभिषेक वर्मा।

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इस योजना के अंतर्गत आर्थिक लाभ में शामिल की गई दुर्घटनाओं के बारे में नवीन गल्ला मंडी, लखनऊ के मंडी सचिव डीके वर्मा बताते हैं,'' यह योजना उत्तर प्रदेश के सभी किसानों, खेतिहर मजदूरों और मंडी समिति के मजदूरों पर लागू है। इस योजना के तहत कृषि कार्य के अंतर्गत कृषि उपकरणों का संचालन, बिजली उपकरण का संचालन, ट्रैक्टर ट्रॉली की मदद से कृषि उत्पादों की धुलाई करते समय अपंगता या फिर मृत्यु हो जाने पर संबंधित परिवार को लाभ दिया जाता है।''

सामूहिक जनता व्यक्तिगत दुर्घटना सहायता योजना के अंतर्गत कृषि उपकरण, खाद, रसायन, बैलगाड़ी, ट्रैक्टर ट्रॉली का उपयोग के साथ साथ पल्लेदारी, गाय व बैल द्वारा सींग मारने व कृषि कार्य करते समय विषैले जंतु के काटने से हुई मृत्यु पर किसान की आर्थिक मदद की जाती है।

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'' अपने शरीर पर जान बूझकर चोट पहुंचाने, नशे की हालत में दुर्घटना या मृत्यु होने, भूकंप, युद्ध की घटना, दुश्मनों द्वारा की गई मारपीट, खेत पर झगड़ों से हुई क्षति से दुर्घटना या मृत्यु होने पर इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिलेगा। '' डीके वर्मा ने आगे बताया।

किसान इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने निकटतम मंडी समिति के कार्यालय पर जाकर योजना का लाभ ले सकता है।

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इस योजना के बारे में मंडी परिषद के निदेशक धीरज कुमार ने बताया,'' बदलते समय के साथ साथ किसान खेती में लागत व समय कम करने के लिए आधुनिक कृषि उपकरणों का प्रयोग करते हैं। कई बार इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्रयोग से किसानों को बिजली का झटका और गंभीर चोट लग जाती हैं। चोटिल हो जाने किसानों के इलाज के लिए मंडी परिषद यह योजना पूरे प्रदेश में चला रही है।''

योजना की पात्रता -

दुर्घटनाग्रस्त होने पर हुई क्षति में दी जाने वाली सहायता के लिए किसान की पात्रता की आयु सीमा 18 से 60 वर्ष ते बीच होनी आवश्यक है।

1) छोटी उंगली की क्षति होने पर - 3,000 रुपए

2) दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के एक हाथ की दो उंगलियों की क्षति होने पर - 12,000 रूपए

3) अंगूठे की क्षति होने पर - 18,000 रुपए

4) दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के एक हाथ की तीन उंगलियों की क्षति होने पर - 20,000 रुपए

5) दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के एक हाथ की चार उंगलियों की क्षति होने पर - 28,000 रुपए

6) दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के एक हाथ , पैर या आँख की क्षति होने पर - 30,000 रुपए

7) दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति के दोनों हाथ, पैर या आँखों की क्षति होने पर - 60,000 रुपए

8) दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की दुर्घटना में मृत्यु हो जाने पर - 2 लाख रुपए

कैसें उठाएं योजना का लाभ -

इस योजना का लाभ पाने के लिए दुर्घटना से पीड़ित व्यक्ति और उसके निकट संबंधी घटना के 30 दिन के अंदर अपनी नज़दीकी मंडी समिति के कार्यालय पर योजना का निशुल्क प्रार्थना पत्र भरकर जमा कर दें। इसके बाद मंडी समिति का अधिकारी निपटान विपणन धनराशि पीड़ित व्यक्ति के उत्तराधिकारी को चेक के माध्यम से प्रदान कर देगा।

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