इस तकनीक की मदद से दोबारा उपयोग में लायी जा सकती है पीपीई किट

‘वज्र कवच’ में कई चरणों में डिसइन्फेक्शन प्रणाली का प्रयोग किया गया है, जिसमें वायरस और बैक्टीरिया से होने संक्रमण को खत्म कर दिया जाता है।

India Science WireIndia Science Wire   3 Jun 2021 6:19 AM GMT

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इस तकनीक की मदद से दोबारा उपयोग में लायी जा सकती है पीपीई किट

इस प्रणाली को महाराष्ट्र और तेलंगाना के कई अस्पतालों में लगाया जा रहा है।

देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच कोविड-19 उपचार और उसके नियंत्रण के दौरान एक बार उपयोग होने वाली पीपीई किट के कचरे का निपटान भी एक बड़ी चुनौती है। लेकिन इस नई तकनीक से उन्हें फिर से उपयोग में लाया जा सकता है।

मुंबई स्थित स्टार्टअप 'इंद्रावाटर' द्वारा हाल में विकसित की गई एक डिसइन्फेक्शन प्रणाली इस मुश्किल को हल करने में मददगार हो सकती है। 'वज्र कवच' नामक यह प्रणाली पीपीई किट जैसी चिकित्सकीय और गैर-चिकित्सकीय कपड़ों को संक्रमण से मुक्त कर सकती है, जिससे उनका फिर से उपयोग किया जा सकता है। इससे अत्यधिक मात्रा में उत्पन्न हो रहे कोविड-19 अपशिष्ट को कम करने में मदद मिल सकती है।


इस उत्पाद में एक बहु-चरणीय डिसइन्फेक्शन प्रणाली का प्रयोग किया गया है, जो वायरस और बैक्टीरिया जनित संक्रमण और अन्य विषाक्त तत्वों को पीपीई किट में मौजूद उन्नत ऑक्सीकरण और यूवी-सी प्रकाश स्पेक्ट्रम के माध्यम से 99 प्रतिशत तक निष्क्रिय कर सकती है। इस प्रणाली को महाराष्ट्र और तेलंगाना के कई अस्पतालों में लगाया जा रहा है।

इस प्रणाली को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के जैव-विज्ञान एवं जैव-अभियांत्रिकी विभाग में परीक्षण के बाद प्रभावी पाया गया है। परीक्षण में यह प्रणाली विषाणुओं और जीवाणुओं को निष्क्रिय करने में 99 प्रतिशत से अधिक प्रभावी पायी गई है। इस प्रणाली को वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद की नागपुर स्थित लैब राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) से भी स्वीकृति मिली है। इस प्रणाली को अब सम्पूर्ण भारत में कोरोना संक्रमित रोगियों का उपचार करने वाले चिकित्सालयों में स्थापित किया जा रहा है।

जल-शोधन के क्षेत्र में नये आविष्कार और प्रयोग करने के लिए 'इंद्रा वाटर' स्टार्टअप को आईआईटी बॉम्बे के माध्यम से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की सहायता से शुरू किया गया है। इस स्टार्टअप ने कोविड-19 संक्रमण के विरुद्ध लड़ाई में योगदान के लिए अपनी प्रौद्योगिकी को संशोधित और परिष्कृत करके पेश किया है। आईआईटी बॉम्बे के साथ मिलकर यह स्टार्टअप हर महीने 25 डिसइन्फेक्शन प्रणालियाँ बनाकर उनकी आपूर्ति करने में सक्षम है।

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