'गांव बंद': दूध और सब्जियों के दाम छूने लगे आसमान, दूध की कालाबाजारी
'गांव बंद' आंदोलन का असर बाजार पर दिखने लगा। सब्जियों व दूध के दाम बढ़ने लगे हैं। कई राज्यों में सब्जियों और दूध की किल्लत हो गई है।
गाँव कनेक्शन 4 Jun 2018 5:55 AM GMT
लखनऊ। देश के कई राज्यों में 'गांव बंद' आंदोलन जारी है। 'गांव बंद' आंदोलन का असर बाजार पर दिखने लगा। सब्जियों व दूध के दाम बढ़ने लगे हैं। वहीं हिंसक घटनाओं को देखते हुए निजी डेयरियों ने दूध लेना और बांटना बंद कर दिया है। आंदोलन के कई राज्यों में सब्जियों और दूध की किल्लत हो गई है।
किसान कर्जमाफी और फसलों की सही कीमत की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। देश के कई हिस्सों में सड़कों पर सब्जियां फेंककर और नारे लगाकर किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। शुक्रवार को शुरू हुए किसानों के आंदोलन 'गांव बंद' से किसी तरह की हिंसा की खबर नहीं आई है, हालांकि सब्जियों के दाम आसमान छूने लगे हैं। कई जगह दूध व सब्जियों को बाजारों तक नहीं पहुंचने दिया गया। सप्लाई बाधित होने से सब्जियों के दोगुने से अधिक गुना और दूध की कीमतों में दो से तीन गुना तक इजाफा हो गया है। हालात यही रहे तो कीमतें और भी बढ़नी तय हैं। जो किसान आंदोलन से बचकर फल व सब्जियों की सप्लाई कर रहे हैं, उन्हें जबरन इसे फेंकने को कहा जा रहा है। पंजाब के मानसा में तो आंदोलनरत किसानों ने फलों से भरा ट्रक जबरदस्ती खाली करवा दिया। माछीवाड़ा में किसानों ने दूध की गाड़ी को रोककर दूध बांट दिया।
Maharashtra: Traders say there has been no impact on business and the market even as farmers' 'Kisan Avkash' strike enters fourth day; Visuals from Market Yard in Pune pic.twitter.com/Vn9uiX0Rez
— ANI (@ANI) June 4, 2018
तो क्या चुनावी मुद्दा और राजनीति का केंद्र बनेंगे किसान ?
मध्यप्रदेश के मुरैना के रहने वाले कुलदीप व्यास (38वर्ष) ने गाँव कनेक्शन को फोन पर बताया," किसान आंदोलन की वजह से सब्जियों के दाम अचानक बढ गए हैं। सबसे ज्यादा हरी सब्जियों के दाम बढ हैं। वहीं दूध का भी संकट गहराने लगा है। अगर किसान अपनी उपज और दूध को मंडियों में नहीं ले जाएंगे तो स्थिति और भयावह हो सकती है।"
आजादपुर फल मंडी के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार का कहना है, " गांव बंद का असर आजादपुर मंंडी में नहीं है। आज सुबह ही करीब १०० ट्रक सब्जियां आई हैं। गांव बंद का असर हो सकता है मंगलवार और बुधवार को देखने को मिले।"
चंडीगढ में रहने वाले राजन मिश्रा (32वर्ष) ने बताया, " किसान अपनी सब्जी लेकर मंडी नहीं आ रहे हैं, जिससे मंडी में सब्जी का अभाव हो गया है। गांव बंद की वजह से सब्जी के दाम काफी अधिक हो गए हैं। आज सुबह सब्जी लेने गया तो बहुत कम दुकानों पर सब्जी नजर आई। "
ग्रेटर नोएडा में रहनी वाली गृहणी आराधना ने बताया, " गांव बंद की वजह से सब्जी के दाम बढ गए हैं। जो सब्जी कुछ दिन पहले 20 रुपए किलो मिल रही थी वहीं आज 35 रुपए किलो बिक रही है। दूध के दाम में कोई असर नहीं पड़ा है। "
आखिरकार देश का किसान छुट्टी पर क्यों जाना चाहता है ?
आम किसान यूनियन के प्रमुख केदार सिरोही ने बताया, "किसान इस आंदोलन में भरपूर साथ दे रहे हैं, यही कारण है कि शहरों तक गांव का सामान नहीं पहुंच रहा। सरकार आंदोलन को असफल बनाने पर तुली हुई है लेकिन उनकी कोशिशें कामयाब नहीं हो पा रही।" वहीं अखिल भारतीय किसान सभा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू देसाले ने बताया, जिले की सभी दूध डेयरियां बंद हैं और दूध इकठ्ठा करने वाले केंद्र इससे प्रभावित हुए हैं।गौरतलब है कि बीते साल छह जून को आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस ने मंदसौर में गोलियां बरसाई थीं, जिसमें छह किसानों की जान गई थी और बाद में एक की पुलिस की पिटाई से मौत हुई थी। इस घटना के एक साल पूरा होने पर छह जून को मंदसौर में श्रद्घांजलि सभा का आयोजन किया जा रहा है। इस मौके पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भी पहुंच रहे हैं।
जमाखोरी हो गई है शुरू
हरियाणा सहित कई राज्यों मे जमाखोरी भी होने लगी है। सप्लाई न होने और मंहगाई बढ़ने से आम लोगों को दूध और सब्जी के लिए जूझना पड़ा रहा है। हालांकि प्रशासन की जमाखोरों पर नजर है। हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में आंदोलन से दिल्ली में भी दूध और सब्जियों के दाम बढ़ने का संकट मंडरा रहा है।जयपुर की मुहाना मंडी में आम दिनों की तुलना में रविवार को करीब डेढ़ सौ गाडि़यां कम पहुंचीं। वहीं बीकानेर में छतरगढ़ में रविवार को कुछ युवकों ने सब्जी मंडी में लूटपाट कर जमकर उत्पात मचाया।
#WATCH: Haryana CM Manohar Lal Khattar speaks on farmers' strike, says, 'they don't have any issues, they are just focusing on unnecessary things, not selling produce will bring losses to farmers.' (01.06.2018) pic.twitter.com/CFY7dzgj2g
— ANI (@ANI) June 2, 2018
मंत्रियों के विवादित बोल
किसानों के प्रदर्शन पर जब मीडिया ने केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से सवाल किया तो उन्होंने विवादित बयान दे डाला। कृषि मंत्री ने कहा कि देश में 12-14 करोड़ किसान हैं। किसी भी संगठन में एक हजार से दो हजार किसान स्वभाविक हैं। उन्होंने कहा कि मीडिया में आने के लिए अनोखा काम करना ही पड़ता है। वहीं हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सरकार के खिलाफ प्रदर्शन से किसी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होगी। हमने किसानों की हमेशा सुनी हैं जो लोग किसानों को गुमराह कर रहे हैं वे उनके सबसे बड़े दुश्मन हैं। किसानों को बाजारों में अपनी उपज लाने से रोकने वालों से कड़ाई से निबटा जाएगा। हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कृषि संकट के प्रति कथित उदासीनता को लेकर केंद्र की निंदा की।
गाँव बंद के बीच किसानों के दर्द को जानने के लिए पी. साईनाथ का यह इंटरव्यू देखिए।
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