वेंकैया नायडू बने देश के 13वें उपराष्ट्रपति, हिंदी में ली पद और गोपनीयता की शपथ

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वेंकैया नायडू बने देश के 13वें उपराष्ट्रपति, हिंदी में ली पद और गोपनीयता की शपथराष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद एम. वेंकैया नायडू को गोपनीयता की शपथ दिलाते हुए।

नई दिल्ली। एम. वेंकैया नायडू देश के 13वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्‍हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित समारोह में पद की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में एक बात यह भी खास रही कि वेंकैया नायडू ने हिंदी में शपथ ली। वह आज से ही अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे। शपथ ग्रहण से पहले वेंकैया नायडू ने महात्‍मा गांधी, सरदार पटेल और दीन दयाल उपाध्‍याय को श्रद्धांजलि दी।

हामिद अंसारी के बयान का ये दिया जवाब

वहीं हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिन मुस्लिमों की बेचैनी की बात की थी। इसके जवाब में उप-राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले वेंकैया नायडू ने बिना नाम लिए अंसारी के बयान पर निशाना साधा। उन्‍होंने देश में अल्पसंख्यकों के बीच असुरक्षा की भावना होने की बात को महज ‘राजनीतिक प्रचार’ बताकर खारिज कर दिया. वेंकैया नायडू ने यद्यपि किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन उनकी टिप्पणी को पूर्व उप-राष्ट्रपति अंसारी के एक टीवी साक्षात्कार की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश के मुसलमानों में असहजता और असुरक्षा की भावना है, और ‘स्वीकार्यता का माहौल’ खतरे में है. नायडू ने कहा, ‘कुछ लोग कह रहे हैं कि अल्पसंख्यक असुरक्षित हैं। यह एक राजनीतिक प्रचार है। पूरी दुनिया के मुकाबले अल्पसंख्यक भारत में ज्यादा सकुशल और सुरक्षित हैं और उन्हें उनका हक मिलता है। उन्होंने इस बात से भी इत्तेफाक नहीं जताया कि देश में असहिष्णुता बढ़ रही है और कहा कि भारतीय समाज अपने लोगों और सभ्यता की वजह से दुनिया में सबसे सहिष्णु है। उन्होंने कहा कि यहां सहिष्णुता है और यही वजह है कि लोकतंत्र यहां इतना सफल है।

गोपालकृष्ण गांधी को 272 वोटों से हराया

वेंकैया नायडू ने विपक्ष के उम्मीदवर गोपालकृष्‍ण गांधी को 272 वोटों से हराया था। वेंकैया नायडू को 516 वोट मिले जबकि गोपालकृष्ण गांधी को 244 मत मिले। विजय गोयल, सांवरलाल जाट, अनु आगा, एनके सारनिया, अब्दुल वहाब, पीके कुन्हालीकुट्टी, कुणाल कुमार घोष, तापस पॉल, प्रोतिमा मंडल, अभिषेक बनर्जी, मौसम नूर, रानी नारा उदयनराजे भोसले, अंबुमनि रामदौस वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए थे।

कुछ ऐसा रहा राजनीतिक सफर

वेंकैया नायडू का जन्म 1 जुलाई, 1949 को आंध्रप्रदेश के नेल्लोर जिले में हुआ। नेल्लोर से स्कूली पढ़ाई पूरी करने के बाद वहीं से राजनीति में स्नातक किया। विशाखापट्टनम के लॉ कॉलेज से अंतरराष्ट्रीय कानून में डिग्री ली। कॉलेज के दौरान ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए। नायडू पहली बार 1972 में जय आंध्रा आंदोलन से सुर्खियों में आए। 1975 में इमरजेंसी में जेल भी गए थे। सन 1977 से 1980 तक यूथ विंग के अध्यक्ष रहे। महज 29 साल की उम्र में 1978 में पहली बार विधायक बने। 1983 में भी विधानसभा पहुंचे और धीरे-धीरे राज्य में भाजपा के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे। बीजेपी के विभिन्न पदों पर रहने के बाद नायडू पहली बार कर्नाटक से राज्यसभा के लिए 1998 में चुने गए। इसके बाद से ही 2004, 2010 और 2016 में वह राज्यसभा के सांसद बने।

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