न्यू इंडिया कॉन्क्लेव में उपराष्ट्रपति बोले, कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था का आधार
उपराष्ट्रपति ने कहा कृषि को लाभकारी बनाने की आवश्यकता है। किसानों को पोल्ट्री, बागवानी, मधुमक्खी पालन, डेयरी और दूसरों को आय में सुधार के लिए संबद्ध गतिविधियों को लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए
गाँव कनेक्शन 16 July 2018 1:55 PM GMT
नई दिल्ली। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और यह सरकार के एजेंडे के शीर्ष पर है। ये बातें उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने वाई 4 डी फाउंडेशन द्वारा आयोजित न्यू इंडिया कॉन्क्लेव के उद्घाटन के बाद कही। उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने की आवश्यकता है। किसानों को पोल्ट्री, बागवानी, मधुमक्खी पालन, डेयरी और दूसरों को आय में सुधार के लिए संबद्ध गतिविधियों को लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा सस्ती कीमत पर ऋण उपलब्धता के लिए जगह बनाने की जरूरत है। इस कॉन्क्लेव में उन युवाओं को बुलाया गया था जिन्होंने कुछ अलग काम किया हो।
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Extremely pleased to inaugurate the New India Conclave which has brought together rural youth from across the country to brainstorm and come out with innovative ideas for transforming the lives of people in villages by empowering them economically. #NewIndiaConclave pic.twitter.com/31QpkgjSxw
— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) July 16, 2018
गांवों में रहने वाले किसानों को आश्वासन दिया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने जल्द से जल्द शहरी-ग्रामीण विभाजन को खत्म करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि अगले 10-15 वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की प्रगति में बाधा न हो। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों को ग्रामीण गतिविधियों की समग्र समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए आर्थिक गतिविधियों के संपन्न केंद्र बनना है। उपराष्ट्रपति ने युवाओं को गरीबी, निरक्षरता और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में लिंग और जाति भेदभाव जैसी अन्य सामाजिक बुराइयों से भारत को मुक्त करने के लिए सबसे आगे रहने के लिए कहा।
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