विजय माल्या लंदन में हिरासत में लिए गए

Anusha MishraAnusha Mishra   18 April 2017 4:30 PM GMT

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विजय माल्या लंदन में हिरासत में लिए गएविजय माल्या

नई दिल्ली। भारत सरकार के आग्रह पर लंदन में कारोबारी विजय माल्या को हिरासत में लिया गया है। विजय माल्या पर 17 बैंकों का 9 हजार करोड़ रुपये बकाया है। किंगफिशर एयरलाइंस के लिए कर्ज लेकर फरार हुए थे। माल्या को लंदन में वेस्टमिनिस्टर कोर्ट में पेश किया गया है।

भारत द्वारा विजय माल्या के खिलाफ लंदन को दिए गए सबूतों को लंदन पुलिस ने शुरुआती तौर पर सही माना है और इसी आधार पर उनको हिरासत में लिया गया है। भारत की सीबीआई टीम जल्द ही लंदन जाकर विजय माल्या से पूछताछ कर सकती है। अगर उन पर लगाए गए आरोप सही साबित होते हैं तो उन्हें 10 साल तक की सजा हो सकती है। जानकारी के मुताबिक पिछले महीने ब्रिटेन की सरकार ने भारत के प्रत्यर्पण के आग्रह को जिला जज को भेज दिया था लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उन्हें किस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। यह माल्या को भारत लाने और उन पर मुकदमा चलाने की दृष्टि से पहला कदम है।

लंदन में विजय माल्या की गिरफ्तारी के बाद से यह मुद्दा लगातार चर्चा में है कि क्या भारत सरकार विजय माल्या को देश में ला पाएगी। ऐसा कहा जा रहा है कि सीबीआई की टीम जल्द ही विजय माल्या को भारत में लाने के लिए जल्द ही लंदन जाने वाली है। यूके के अधिकारियों ने कहा है कि वह भारत सरकार का इस मामले में पूरा सहयोग करेंगे।

बता दें कि माल्या के देश छोड़ने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला था। सरकार ने ऐलान किया था कि माल्या को वापस लाया जाएगा। इसके बाद ईडी औऱ सीबीआई समेत तमाम एजेंसियां माल्या को घेरने में जुट गई थीं। भारत ने ब्रिटेन से माल्या को लाने के लिए कूटनीतिक चैनल का भी इस्तेमाल किया और ब्रिटिश सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी। अब गिरफ्तारी के बाद सरकार सारी प्रक्रियाओं को पूरा कर माल्या को वापस लाने की कोशिश करेगी।

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इससे पहले 14 जून 2016 को संकटग्रस्त शराब व्यवसायी विजय माल्या को भगोड़ा घोषित किया गया था। बैंक रिण अदायगी में कथित चूक के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर क विशेष पीएमएलए अदालत ने यह आदेश जारी किया था। यह मामला माल्या के खिलाफ धन शोधन जांच से जुड़ा है। प्रवर्तन निदेशालय ने सीआरपीसी की धारा 82 के तहत माल्या को भगोड़ा घोषित करने का अनुरोध करते हुए इस अदालत का रुख किया था। ईडी का कहना है कि माल्या के खिलाफ धन शोधन कानून (पीएमएलए) के तहत एक गैर-जमानती वारंट समेत ‘कई' गिरफ्तारी वारंट लंबित हैं।

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