जल संकट बना संसद का अहम मुद्दा, सांसदों ने कहा- समाधान होना चाहिए

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जल संकट बना संसद का अहम मुद्दा, सांसदों ने कहा- समाधान होना चाहिए

लखनऊ। जल को लेकर पूरे देश में संकट मंडरा रहा है। इस बार बारिश कम होने की वजह से जनता को जल की कमी का सामना करना पड़ा है, ऐसे में लोकसभा और राज्यसभा के दोनों दलों के लिए यह मुद्दा विचारजनक साबित हो रहा है।

वर्ष 2018 में आई नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार भारत इतिहास में जल संकट से सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार करीब 60 करोड़ लोग जबरदस्त जल संकट से जूझ रहे हैं, जबकि हर साल दो लाख लोग साफ पीने का पानी न मिलने से अपनी जान गंवा देते हैं।

इंडिया वाटर पोर्टल के अनुसार धरती पर कुल 14000 लाख घन किमी पानी है। इतने पानी से पूरी धरती पर 3000 किमी मोटी परत बन सकती है, पर कुल पानी का 2.7 प्रतिशत पानी ही शुद्ध है। इसका भी अधिकांश हिस्सा ध्रुवों पर जमा है। यह पानी उपयोग के लिए नहीं है। इस तरह से एक प्रतिशत से भी कम पानी हमें उपलब्ध है। यह नदियों, झीलों, कुँओं, तालाबों और भूमिगत भंडारों के रूप में है।

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राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों ने उठाया मुद्दा...

राज्यसभा और लोकसभा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बढ़ रहे पेयजल संकट का मुद्दा केंद्र के सामने उठाया हैं साथ ही सरकार से नदियों को जोड़ने व भूजल का स्तर बढ़ाने की खातिर वर्षा जल संचयन जैसे कदम उठाते हुए समय रहते समाधान निकालने की मांग की हैं।

शून्यकाल में भाजपा के सत्यनारायण जटिया ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि यह पुरानी समस्या है जो दिन पर दिन गंभीर रूप लेती जा रही है। मध्यप्रदेश में बुंदेलखंड, राजस्थान के बाड़मेर और बीकानेर, महाराष्‍ट्र के विदर्भ में अत्यंत चिंताजनक स्थिति है जहां पेयजल संकट बना रहता है लेकिन अब कर्नाटक, झारखंड और देश के विभिन्न हिस्सों में समस्या विकराल रूप लेती जा रही है।

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उन्होंने कहा ''पेयजल संकट का कोई तो स्थायी समाधान होना चाहिए। सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है। जल शक्ति मंत्रालय को चाहिए कि वह नदियों को जोड़ने के लिए पांच बड़ी परियोजनाएं बनाए। ये परियोजनाएं पूरे देश के लिए हों ताकि एक हिस्से के अतिरिक्त पानी को सूखे वाले हिस्से में उपलब्ध कराया जाए।

द्रमुक के सदस्य ने उठाया मुद्दा...

टीआर बालू ने केंद्र सरकार से मांग की कि तमिलनाडु में जल को तरस रही जनता को राहत पहुंचाने के लिए तत्काल रेल टैंकरों से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाए। पश्चिम बंगाल के माल्दा उत्तर से भाजपा के खगेन मुर्मू ने अपने क्षेत्र में बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने की मांग की।



उन्‍होंने तमिलनाडु में भीषण जल संकट के विषय को उठाया और चेन्नई समेत विभि‍न्न स्थानों पर रेल टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग केंद्र सरकार से की।

द्रमुक के टीआर बालू ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि तमिलनाडु में भयानक जल संकट है। राज्य की कई नदियों का जलस्तर कम हो गया है और जलाशय सूख गये हैं। उन्होंने जल संकट पर नीति आयोग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि 2030 तक पूरे देश में स्थिति खतरनाक होगी। (इनपुट भाषा)


   

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