मध्य प्रदेश में बारिश के साथ ओलावृष्टि से फसलों का नुकसान, आने वाले दिनों में कई राज्यों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी
ओलावृष्टि से सबसे अधिक नुकसान मध्य प्रदेश के कई जिले में हुआ है, गेहूं और सरसों की तैयार फसलें ओले से गिर गईं हैं।
Divendra Singh 16 Feb 2021 3:20 PM GMT
पिछले कुछ दिनों से मौसम अच्छा होने से किसानों को उम्मीद थी कि इस बार फसल अच्छी हो जाएगी, लेकिन एक बार फिर हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फ़सलों को काफी नुकसान पहुंचा है।
मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कुशीवाड़ा गाँव के किसान संदीप सिंह की टमाटर और मिर्च की फसल ओलावृष्टि से खराब हो गई है। संदीप सिंह बताते हैं, "हमने इस बार सौ एकड़ से ज्यादा में टमाटर और मिर्च की फसल लगाई है, फसल भी अच्छी आई थी, लेकिन अचानक ओलावृष्टि से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। टमाटर और मिर्च के पौधे टूट गए हैं, मान के चलिए कि 90% फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई है।
सिवनी के साथ ही विदिशा, छिंदवाड़ा, रायसेन, जबलपुर जिलों में भी बारिश हुई है। इस समय खेत में आलू, गेहूं, सरसों, चना, मटर, मसूर, टमाटर, मिर्च जैसी फसलें हैं। ओलावृष्टि से फसलें पूरी तरह से गिर खेत में बिछ गईं हैं।
मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने रबी की फसलों के नुकसान पर प्रभावित जिलों के कलेक्टर और डीडीए को निर्देश दिया है कि तत्काल मौके पर जाकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर सर्वे करें। गांव के सरपंचों, पंचों के साथ पंचनामा बनाएं जितनी क्षति हुई है उसके लिए आरबीसी 6, 4 में किसानों को राहत दें।
आज प्रदेश के कुछ जिलों से ओलावृष्टि होने की सूचना मिली है जिससे किसानों की रबी की फसलों को क्षति हुई है माननीय मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी के निर्देश पर मैंने जिन जिलों में ओलावृष्टि हुई है उन सभी जिले के जिला कलेक्टरों एवं डीडीए को निर्देश दिए हैं कि pic.twitter.com/eeDr39blIp
— Kamal Patel (@KamalPatelBJP) February 16, 2021
मध्य प्रदेश के कई जिलों के किसान सोशल मीडिया पर वीडियो और फोटो शेयर कर रहे हैं, जिनसे नुकसान का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते अगले 24 घंटे के दौरान उत्तर प्रदेश के तमाम दक्षिणी इलाकों में विशेष रूप से दक्षिण-पूर्वी शहरों, झारखंड के पश्चिमी भागों, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है। इस दौरान बारिश के साथ बादलों की तेज़ गर्जना और कहीं-कहीं पर तेज़ बारिश के बीच ओलावृष्टि की भी आशंका है। इन सभी क्षेत्रों में 17 फरवरी तक ऐसा मौसम जारी रह सकता है।
18 फरवरी से उत्तर प्रदेश के पूर्वी भागों में बारिश की संभावना कम हो जाएगी और मौसम साफ होने लगेगा। जबकि झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र में बारिश, 19 फरवरी तक जारी रह सकती है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार एक विपरीत चक्रवाती क्षेत्र ओडिशा के ऊपर बना हुआ है। साथ ही महाराष्ट्र के विदर्भ में इस समय एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र भी सक्रिय है। इस चक्रवाती सिस्टम से केरल तक एक ट्रफ बनी हुई है। इन सभी मौसमी सिस्टमों का संयुक्त प्रभाव देखने को मिल रहा है और उम्मीद है कि यह सिस्टम अगले 3 दिनों तक सक्रिय रहेंगे जिससे मध्य और पूर्वी भारत के कई शहरों में बारिश होने की संभावना है।
Under the influence of wind discontinuity over north Peninsular India, thunderstorm/lightning/hailstorm activities are likely over East MP, Vidarbha during next 24 hours. Later on, due to likely southwestward shifting of the wind discontinuity zone, Madhya Maharashtra pic.twitter.com/QwA2AWvn7I
— India Meteorological Department (@Indiametdept) February 16, 2021
पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र के विदर्भ तथा मराठवाड़ा के अधिकांश इलाकों में इस साल सर्दियों में औसत से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। यह बारिश इस कमी की भरपाई कुछ हद तक कर सकती है। लेकिन इस बारिश से खेती और किसानों के लिए चिंता पैदा हो सकती है क्योंकि तेज़ हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि फसलों की वर्तमान स्थिति के लिए अनुकूल नहीं है बल्कि इससे फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।
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