देश के अलग-अलग हिस्सों से रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी की खबरें लगातार आ रही है। कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के लिए इसे रामबाण बताया जा रहा है, लेकिन इसमें कितनी सच्चाई है?
देशभर में इस समय रेमडेसिविर इंजेक्शन की खूब मांग है तो कई राज्यों में इसकी भारी किल्लत है। उत्तर प्रदेश सरकार ने जहां गुजरात से इस इंजेक्शन के 25 हजार डोज मंगाए हैं तो वहीं महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में इसकी कमी को देखते हुए खुले बाजार में इसकी बिक्री पर ही रोक लगा दी।
इन सबके बीच विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम ने कहा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की यदि कमी भी हो जाती है तो घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि कोरोना को हराने का यही एक मात्र उपाय नहीं है। इसकी बजाय मरीजों को ऑक्सीजन थेरेपी, विटामिन सप्लीमेंट्स, स्टेरॉयड्स और ब्लड थिनर्स के जरिए ठीक किया जा सकता है।
12 अप्रैल को महाराष्ट्र की स्टेट टास्क फोर्स की बैठक में डॉक्टरों की टीम ने यह भी कह दिया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन के बिना भी मरीजों को कोरोना से बचाया जा सकता है।
महाराष्ट्र की स्टेट टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ संजय ने अपने बयान में कहा, “बहुत से डॉक्टर रेमडेसिविर इंजेक्शन की सलाह दे रहे हैं। जिसकी वजह से इसकी मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है। लोगों को लग रहा है कि कोरोना ये बचने का यह एक मात्र जरिया बचा है, लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। ऐसे में मरीजों के परिजन डॉक्टर पर इसी इंजेक्शन के लिए दबाव ना बनाएं।”
स्टेट टास्क फोर्स की विज्ञप्ति में यह भी लिखा है कि ऐसा देखा जा रहा है कि हॉस्पिटल्स और नर्सिंग होम्स में इसका स्टॉक जमा कर लिया गया है और इसे महंगे दामों में बेचा जा रहा है। डॉक्टरों ने साफ किया है कि बीमारी के दो से नौ दिनों तक ही यह कारगार रहता है, उसके बाद नहीं। यह केवल वायरस की प्रवृत्ति को पकड़ता है और इसके चलते अस्पताल में रहने की अवधि दो दिन कम हो जाती है।
देशभर में कोरोना के मामले दो लाख के पार
पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 2 लाख से ज्यादा मामले सामने आये हैं। देश में अब कुल संक्रमण के मामले अब 1,40,74,564 हो गये हैं। बीते 24 घंटों में 1,038 लोगों ने कोरोना की वजह से दम तोड़ दिया।
स्वास्थ्य मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में कोरोना की वजह से मरने वालों की कुल संख्या 1,73,123 तक पहुंच गई है। पिछले छह महीने में एक दिन में जान गंवाने वालों का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले, पिछले साल 17 अक्तूबर को सबसे ज्यादा 1,032 लोगों की मौत हुई थी। इससे एक दिन पहले बुधवार को 1.85 लाख से ज्यादा नए मरीज मिले थे और 1027 लोगों की संक्रमण से मौत हुई थी।
महाराष्ट्र में कोरोना संक्रमण के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 58,952 नए मामले सामने आए हैं। वहीं 278 मरीजों की मौत हो गई है। राज्य में कोरोना मृत्यु दर 1.64 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में सक्रिय मामलों की संख्या 6,12,070 है।