छत्तीसगढ़ में किसानों को धान का इस बार क्या रेट मिलेगा? 2500 या 1815 रुपए कुंतल?
Tameshwar Sinha 28 Nov 2019 7:39 AM GMT
रायपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर सियासी घमासान थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सरकार ने केन्द्र सरकार के तय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर ही धान खरीदने का निर्णय लिया। यानी कि किसानों को एक कुंतल धान के लिए 2500 रुपये की जगह 1815 रुपये ही मिलेंगे। लेकिन बाकी के 685 रुपए किसानों को बोनस के तौर पर मिलेंगे, लेकिन बोनस की समय सीमा तय नहीं है।
धान का कटोरा कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर से प्रदेश में धान की खरीदी होनी है। विधानसभा में पहले दिन सत्र की समाप्ति के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मीडिया से कहा कि धान खरीदी को लेकर अहम निर्णय लिया गया है। केन्द्र से तय एमएसपी पर ही धान की खरीदी होगी। 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर खरीदी किए जाने के वायदे के अनुरूप सरकार ने एक मंत्रीमंडलीय कमेटी के गठन को मंजूरी दी है, जो यह तय करेगी कि अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाए?"
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इसे किसानों के साथ धोखा बताया है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा किया था। जिसके बाद किसानों से 2500 रुपए में खरीदी हो रही थी, लेकिन प्रति एकड़ 18 कुंतल की सीमा रखी गई थी।
धान की ये कीमत देश में सबसे ज्यादा थी, लेकिन केंद्र सरकार की एजेंसी ने छत्तीसगढ़ से धान खरीद से ही इनकार कर दिया था, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने विरोध भी जताया था। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस बार 87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा है। वहीं छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू होनी थी लेकिन सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की तारीख को पहली दिसंबर 2019 कर दिया है।
कमेटी में शामिल होंगे ये सदस्य
सीएम भूपेश बघेल ने मीडिया से चर्चा में कि हमने किसानों को 2500 रुपए समर्थन मूल्य पर ही धान खरीदी किए जाने का वायदा किया है, इसे पूरा किया जाएगा। लेकिन केन्द्र सरकार के नीतिगत फैसले में आ रही अड़चनों को देखते हुए अंतर की राशि कैसे किसानों को दी जाएगी, इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जा रहा है। इस कमेटी में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह, सहकारिता मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल शामिल किए गए हैं।
ये था मामला
केंद्र सरकार ने शर्त रख दी है कि उसकी ओर से तय किए गए मूल्य से अधिक में धान की खरीदी की गई, तो बोनस की राशि नहीं दी जाएगी। वहीं राज्य सरकार धान की 2500 रुपए से कम कीमत करने को लेकर तैयार नहीं है। साथ ही प्रदेश सरकार सेंट्रल पूल से चावल लेने का दबाव भी केंद्र सरकार पर बना रही है। इसका लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच कई दिनों से खींचतान चल रही थी।
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