गेहूं बेचने के महीनेभर बाद भी नहीं मिले पैसे तो किसान ने बैंक में पिया कीटनाशक

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गेहूं बेचने के महीनेभर बाद भी नहीं मिले पैसे तो किसान ने बैंक में पिया कीटनाशकफिलहाल किसान की हालत स्थिर है

भोपाल। मध्यप्रदेश के हरदा जिले के हंडिया में गेहूं खरीद का पैसा न मिलने पर परेशान एक किसान ने बैंक में ही कीटनाशक पी लिया। किसान को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। घटना सतपुड़ा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की है।

किसान नारायण स्याग (28 वर्ष) ने पिछले महीने सरकारी खरीद केंद्र पर गेहूं बेचे थे, जिसके पैसे बैंक में आने थे। बताया जा रहा है नारायण का एक भाई अस्तपाल में भर्ती है, उनके इलाज के लिए पैसे की जरुरत थे और नारायण लगातार बैंक के चक्कर काट रहे थे। आरोप है कि परेशान होकर मंगलवार को उन्होंने बैंक में सबके सामने ही कीटनाशक पी लिया।

इस बारे में आम किसान यूनियन से जुड़े राम इमानिया बताते हैं कि किसान नारायण का भाई गंभीर रूप से बीमार है और वह इंदौर के अस्पताल में भर्ती है। इस वजह से किसान और भी ज्यादा परेशान था। मंगलवार शाम को जब वह बैंक में पैसे लेने गया तो फिर से टाल-मटोल करते हुए बैंक ने पैसे देने से इंकार कर दिया। परेशान नारायण ने बैंक में आत्महत्या करने की कोशिश की। राम आगे बताते हैं कि फिलहाल बैंक या किसी अधिकारी की तरफ से इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।

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बैंक मैनेजर जेके पंवार ने देर शाम थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसमें हंडिया पुलिस ने किसान नारायण के खिलाफ बैंक मैनेजर से मारपीट करने, शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।

हंडिया थाना के प्रभारी सिद्धार्थ प्रियदर्शन ने कहा कि किसान ने खुद के ऊपर कीटनाशक उड़ेला और बैंक मैनेजर पर भी फेंका। किसान ने मैनेजर को दो-चार चांटे भी मारे। तबियत बिगड़ने के बाद किसान को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा है। बैंक के सीसीटीवी फुटेज भी देखे गए हैं। मैनेजर की शिकायत पर किसान के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है। किसान के भी बयान लिए जाएंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।

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जिला अस्पताल में इलाज करा रहे नाराज किसान ने कहा वह अपने केसीसी के खाते से रुपए निकालने गया था। लेकिन बैंक मैनेजर बार-बार तहसीलदार से हस्ताक्षर कराने की बात कहकर टरका देता था। मैं क्या करता, भाई को इस हालत में देख नहीं सकता था। इसी वजह से यह कदम उठाया। मैं यदि गलत हूं तो अधिकारी मुझे फांसी पर टांग दें।

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