तब अखिलेश यादव ने योगी को रोका था, अब योगी अखिलेश यादव को रोक रहे हैं

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को लेकर हमेशा से ही यूपी की राजनीति में सियासत होती रही है। इससे पहले अखिलेश सरकार के द्वारा योगी आदित्यनाथ को भी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के कार्यक्रम में हिस्सास लेने से रोका गया था।

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तब अखिलेश यादव ने योगी को रोका था, अब योगी अखिलेश यादव को रोक रहे हैं

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यीक्ष अखिलेश यादव को प्रयागराज जाने और इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्र संघ कार्यक्रम में हिस्सा् लेने से रोक लिया गया है। इससे यूपी की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को लेकर हमेशा से ही यूपी की राजनीति में सियासत होती रही है। इससे पहले अखिलेश सरकार के द्वारा योगी आदित्यनाथ को भी इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के कार्यक्रम में हिस्सास लेने से रोका गया था।

तब क्या हुआ था?

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के राजनीति में कितना योगदान रहता है, यह क्षेत्रीय पार्टियां बखूबी जानती हैं। अक्टूबर, 2015 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में अध्यक्ष पद पर ऋचा सिंह की जीत हुई थी और शेष अन्य पदों पर अखिल भारतीय विधार्थी परिषद (एबीवीपी) ने जीत हासिल की थी। इसके बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को लेकर जो घटना घटित हुई, वह आग की तरह फैल गई। इलाहाबाद छात्रसंघ का उद्घाटन करने के लिए एबीवीपी के छात्र नेताओं ने योगी आदित्यनाथ को यूनिवर्सिटी में अतिथी के रुप में आमंत्रित किया, जिसका विरोध छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने बड़े स्तर पर किया। ऋचा सिंह अपने समर्थन में हजारों छात्रों को लेकर योगी विरोध में सड़कों पर उतर गईं और परिणामस्वरुप योगी आदित्यनाथ को परिसर में घुसने कि इजाजात कुलपति से नहीं मिली।



कौन हैं ऋचा सिंह?

ऋचा अक्टूबर 2015 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ अध्यक्ष बनीं थी। इसके बाद 2016 में ऋचा सिंह के खिलाफ केंद्र सरकार द्वारा एक जांच बैठाई गई। उन पर आरोप था कि उन्होंने यूनिवर्सिटी में एडमिशन गलत तरीके से लिया है, जिसकी जांच डीन ऑफ आर्टस ए के सत्यनारायण कर रहे थें। समाजवादी पार्टी द्वारा ऋचा सिंह को फरवरी 2017 को इलाहाबाद पश्चिम से विधानसभा का टिकट मिला।

इसके बाद जनवरी 2018 में उन्हें इलाहाबाद से समाजवादी प्रवक्ता के रुप में नियुक्त किया गया। ऋचा योगी सरकार को लेकर लगातार धरना–प्रदर्शन करती रहीं हैं। जून 2018 में उन्होंने योगी सरकार के विरोध में एक मजबूत मोर्चा निकाला था। उन्होंने हजारों छात्रों के साथ सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन किया था क्योंकि उस समय यूपीपीसीएस का पेपर लीक हुआ था। उनको इसी विरोध के कारण जेल भी जाना पड़ा था।

पढें- अखिलेश यादव का बीजेपी पर हमला, 'रोको और ठोको' की नीति पर कार्य कर रही योगी सरकार


   

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