आप आलसी हैं तो सावधान हो जाइए, वरना इस रिपोर्ट में आपका भी नाम आ सकता है

अगर आप आलसी हैं और रोजाना व्यायाम नहीं कर रहे हैं तो बहुत बीमारियां आपके इंतजार में हैं

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   6 Sep 2018 11:44 AM GMT

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आप आलसी हैं तो सावधान हो जाइए, वरना इस रिपोर्ट में आपका भी नाम आ सकता है

आलस शरीर का सबसे बड़ा दुश्मन है। ये तो आपने सुना ही होगा अब इसपर एक रिपोर्ट भी आ गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत में एक तिहाई लोग आलस के कारण बीमार पड़ रहे हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के मुताबिक भारत की 125 करोड़ आबादी में 42 करोड़ लोग आलस की चपेट में आकर बीमार हो रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार भारत की 34 फीसदी जनसंख्या पर पर्याप्त शारीरिक श्रम नहीं करने की वजह से कई बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है।

'द लांसेंट' में प्रकाशित सर्वे के मुताबिक भारतीय महिलाओं में शारीरिक श्रम न करने की समस्या पुरुषों की तुलना में दोगुना है। देश की करीब आधी महिलाएं (47.7%) पर्याप्त कसरत नहीं करती हैं जबकि 20 फीसदी से ज्यादा पुरुष भी आलस के शिकार हैं। 168 देशों में कराए गए 358 सर्वे के दौरान 19 लाख से ज्यादा लोगों को इस रिपोर्ट में शामिल किया गया। 2001 से 2016 के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया की 27.5 फीसदी आबादी आलस की शिकार है। यह रिपोर्ट डब्ल्यूएचओ की 2001 से 2016 के बीच के आंकड़ों पर आधारित है। सर्वे के दौरान अलग-अलग आयु वर्ग के लिए निर्धारित कसरत के व्यायामों को ध्यान में रखते हुए डाटा जुटाया गया।

डॉ. अजय सिंह, अर्थोपेडिक विभाग, केजीएमयू

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सपोर्ट मेडिसिन विभाग और पीडियाट्रिक अर्थोपेडिक विभाग के डॉ अजय सिंह ने बताया, "शारीरिक व्यायाम हमारे लिए बहुत जरुरी है। हफ्ते में तीन दिन 20-30 मिनट की एक्सरसाइज तो करनी ही चाहिए। एक्सरसाइज में साइकिल चलाना, चलना, दौड़ना शामिल करना चाहिए। अपनी दिनचर्या में काफी समय तक एक ही स्थान पर बैठने से बचना चाहिए क्योंकि यह आपको बीमार बना देता है।"

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इन पांच बीमारियों का खतरा

डायबिटीज-2, दिल का खतरा, मोटापा, उच्च रक्तचाप (ब्लडप्रेशर), कैंसर

डॉ. वीएस नारायन, हृदय रोग विभाग, केजीएमयू

एक्सरसाइज न करने से होने वाली समस्याओं के बारे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के ह्रदय रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ वीएस नारायन बताते हैं, "दिल की सबसे बड़ी बीमारी की वजह एक्सरसाइज (व्यायाम) न करना है। लोह बैठे-बैठे टेलीविजन देख रहे हैं, वजन बढ़ रहा है ख़ास कर पेट का हिस्सा बढ़ रहा है। युवाओं में जो पेट में फैट जमा होता है उसका सीधा असर दिल के दौरे से पड़ता है। ब्लडप्रेशर और डायबिटीज दोनों मिलकर बहुत ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं। ब्लडप्रेशर को भी हम सामान्य कर सकते हैं और डायबिटीज न होने पाए इसके लिए एक्सरसाइज करिए वजन घटाइए। योग करना चाहिए, ध्यान करना चाहिए, यह सभी बहुत जरुरी है हमारे शरीर के लिए। यह सब दिल के लिये ही नहीं डायबिटीज और ब्लडप्रेशर में भी आपकी मदद करता है।"

भारत में इस समय बीमारियां

वर्ष 2017 में भारत में 7.2 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित थे। भारत 1.4 करोड़ मोटे बच्चों के साथ दुनिया में दूसरे नम्बर पर है। हर तीन में से एक व्यक्ति उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित है। वर्ष 1990 से 2016 के बीच 34 प्रतिशत दिल की बीमारी के मामले बढ़ गये हैं। वर्ष 2016 में 17 लाख लोगों की मौत दिल की बीमारियों से हो गई। वर्ष 2008 से 2012 के बीच 11.54 प्रतिशत स्तन कैंसर के मामलों में वृद्धि हुई है।

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भारत में आने वाले समय में बीमारियों का खतरा

वर्ष 2045 तक 15.1 करोड़ लोग देश में मधुमेह से पीड़ित होंगे। वर्ष 2025 तक 1.7 करोड़ बच्चों में मोटापे का खतरा बढ़ जायेगा। 20-40 प्रतिशत की सालाना डर से उच्च रक्तचाप की समस्या में बढ़ोत्तरी हो रही है। वर्ष 2020 तक स्तन कैंसर के मरीजों की संख्या 18 लाख से ज्यादा होने की आशंका है।

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग सहायक प्रोफेसर डॉ. डी हिमांशु रेडी ने बताया, "व्यायाम न करने से आपका वजन तेजी से बढ़ता है, जिसकी वजह से आपको डायबिटीज-2 होने का खतरा रहता है। इसीलिए शरीर के लिए जितना वर्कआउट चाहिए वो तो करना ही चाहिए। वर्कआउट न करने से सुगर, बीपी, कोलेस्ट्रोल और वजन सब बढ़ जाता है, जिसे मेटाबॉलिक सिंड्रोम कहते हैं। यह शरीर के लिए बहुत नुकसानदायक है।"

डॉ. डी. हिमांशु रेडी, मेडिसिन विभाग, केजीएमयू

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, वयस्क को कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्रता अभ्यास की सलाह देता है- जैसे तेज चलना, तैराकी और धीरे-धीरे साइकिल चलाना। इसके अलावा हर सप्ताह या 75 मिनट तीव्रता गतिविधि- जैसे दौड़ना या टीम के खेल यह बहुत जरुरी है।

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