फर्जी बाबाओं की लिस्ट में गंभीर आरोपों से घिरे इन बाबाओं का नाम क्यों नहीं है ?

Mithilesh DharMithilesh Dhar   13 Sep 2017 1:42 PM GMT

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फर्जी बाबाओं की लिस्ट में गंभीर आरोपों से घिरे इन बाबाओं का नाम क्यों नहीं है ?जेल भी जा चुके हैं ये बाबा।

लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने पिछले दिनों इलाहाबाद में अपनी कार्यकारिणी की बैठक में 14 फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद में देश के सभी 13 अखाड़े शामिल हुए थे। ऐसे में सवाल ये भी उठता है कि क्या देश में फर्जी बाबाओं की संख्या मात्र 14 ? अभी भी कुछ ऐसे फर्जी बाबा हैं जिन्हें इस लिस्ट में नहीं डाला गया, जबकि उनपर गंभीर आरोप तो हैं ही साथ उन्हें जेल भी हो चुकी है। इनमें कुछ नाम ऐसे भी हैं जो अब जिंदा नहीं हैं लेकिन विचार तो उनके नामों पर भी होना चाहिए था। ऐसे कुछ बाबाओं पर नजर डालते हैं जो आपराधिक प्रवृत्ति के होने के बावजूद फर्जी बाबाओं की लिस्ट में नहीं हैं-

नित्यानंद स्वामी

दक्षिण भारत के जानेमाने धर्मगुरु स्वामी नित्यानंद यौन शोषण के आरोपों में घिरे होने के साथ-साथ जेल भी जा चुका है। 2010 में उनकी सेक्स सीडी आने के बाद खूब हंगामा हुआ था। आरोप लगे कि सीडी में नित्यानंद एक एक्ट्रेस के साथ गलत हरकत कर रहे थे। सीडी की जांच हुई, सेंट्रल फॉरेंसिक लैब ने सीडी को सही बताया, लेकिन नित्यानंद के आश्रम ने एक अमेरिकी लैब की रिपोर्ट पेश कर दी, जिसने सीडी से छेड़छाड़ होने की पुष्टि की गई।

इस मामले में वे काफी समय तक पुलिस से भागते रहे बंगलुरू पुलिस ने उन्हें हिमाचल प्रदेश से गिरफ्तार किया था। उन्हें 52 दिन जेल में रहना पड़ा। इसके बाद एक अमेरिकी महिला और एक उनके एक पुरुष अनुयायी ने स्वामी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगा दिए थे, हांलाकि नित्यानंद ने इससे इनकार किया लेकिन इसके बाद भी उनका इतना विरोध हुआ कि उन्हें शाही स्नान से भी दूर रहना पड़ा। बाबा पर इस संबंध में भी मामला दर्ज है। इसके बाद नित्यानंद का आश्रम बंद कर दिया गया।

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साक्षी महाराज पर लगे थे हत्या और बलात्कार के आरोप

स्वामी सच्चिदानंद गिरी उर्फ साक्षी महाराज पर साल 1997 में भाजपा नेता ब्रह्मदत्त द्विवेदी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगा था, हालांकि, बाद में उन्हें क्लीनचिट दे दी गई। 1990 में भाजपा के साथ राजनीतिक पारी शुरू करने वाले साक्षी महाराज फर्रुखाबाद से दो बार सांसद चुने गए। साल 2000 में एटा के कॉलेज प्रिंसिपल ने साक्षी महाराज और उनके दो भतीजों पर गैंगरेप की शिकायत दर्ज कराई।

उनके मुताबिक, पीड़ित महिला और उसके पुरुष दोस्त पर साक्षी महाराज और उनके लोगों ने तब हमला किया था, जब वे आगरा से एटा आ रहे थे। महाराज को इस केस में एक महीना तिहाड़ जेल में भी बिताना पड़ा। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया। दस साल पहले उनके खिलाफ फर्रुखाबाद में बलात्कार का एक का आरोप लगा था। यह आरोप उनके ही आश्रम की एक शिष्या ने लगाया था।

स्वामी परमानंद

यूपी के बाराबंकी रहने वाले बाबा राम शंकर तिवारी उर्फ स्वामी परमानंद पर बच्चा पैदा करने के नाम पर महिलाओं के यौन शोषण का आरोप लगा था। बाबा पर आरोप था कि वो उन महिलाओं का यौन शोषण करता जो बच्चे न हो पाने की वजह से परेशान थीं। महिलाएं इलाज के लिए बाबा के पास आती थीं। बाबा दावा करता था कि उसके आश्रम में पूजा करवाने वाली सभी महिलाओं को बेटा हुआ है। बाबा कई वर्षों से इस कृत्य को अंजाम दे रहा था, लेकिन खुलासा वीडियो वायरल होने पर हुआ।

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हुआ यूं कि स्वामी परमानंद का पर्सनल कंप्यूटर खराब हो गया। उसने इसे इंजीनियर के पास भेजा। इंजीनियर ने कंप्यूटर में मौजूद वीडियो जब देखा, तो आवाक रह गया। इस स्वामी के काले कारनामे मौजूद थे। उसने वीडियो को वायरल कर दिया। इसके बाद पुलिस ने कई दिनों की मेहनत के बाद स्वामी को गिरफ्तार कर लिया। बाबा ने 100 से अधिक महिलाओं के यौन शोषण की बात कबूली थी। उस पर रेप, हत्या के प्रयास, लूट और जालसाजी सहित कुल 11 आपराधिक केस दर्ज किए गए थे।

कृपालु महाराज पर लगा था विदेश में रेप का आरोप

प्रतापगढ़ जिले के मनगढ़ कस्बे में जन्मे रामकृपाल त्रिपाठी उर्फ कृपालु महाराज पर भी महिलाओं से अभद्रता और बलात्कार के आरोप लगे थे। मई 1991 में उन पर लड़कियों को अगवा और रेप करने का आरोप लगा। मई 2007 में त्रिनिदाद और टोबैगो में 22 साल की युवती ने उन पर रेप का आरोप लगाया। इस मामले में कृपालु महाराज की सहयोगी प्रिया शरण महाराज को नागपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कृपालु महाराज की एक शिष्या केरेन जॉनसन ने सेक्स, लाइज एंड टू हिंदू गुरुजः हाउ आई वॉज कॉन्ड बाई अ डैंजरस कल्ट नाम की किताब लिखी थी। इसमें उन्होंने कृपालु महाराज के आश्रमों में चल रही गतिविधियों और खुद कृपालु महाराज के चरित्र को लेकर कई संगीन आरोप लगाए।

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सत्य साईं बाबा

आंध्र प्रदेश में पुट्टपर्थी के सत्य साईं बाबा के ऊपर भी यौन शोषण और लोगों को बरगलाने के आरोप लगते रहे हैं। उनके आश्रम में कथित स्कैंडलों की भी खबरें सामने आईं। बाबा के खिलाफ यौन व्यवहार संबंधी सवाल भी खड़े हो चुके हैं, हालांकि, बाबा ने इसे उनके विरोधियों की साजिश कहकर खारिज कर दिया था। उन पर हाथ की सफाई को चमत्कार कहकर लोगों के भ्रमित करने का देश में ही नहीं विदेशियों ने भी आरोप लगाया था। बाबा पर हवाला, सेवा परियोजनाओं के निष्पादन में धोखाधड़ी और हत्या के भी आरोप लगे। सत्य साईं बाबा की 24 अप्रैल 2011 को मृत्यु हो गई थी।

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