इसरो क्यों श्रीहरिकोटा से ही लॉन्‍च करता है सैटेलाइट, क्या है इस जगह की ख़ासियत

vineet bajpaivineet bajpai   12 Jan 2018 2:29 PM GMT

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इसरो क्यों श्रीहरिकोटा से ही लॉन्‍च करता है सैटेलाइट, क्या है इस जगह की ख़ासियतजानिए क्या है श्रीहरिकोटा की ख़ासियत।

इसरो ने आज श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से PSLV C-40 से 31 उपग्रह एक साथ लॉन्च किए, जिसके साथ भारत ने अंतरिक्ष में अपनी सेंचुरी पुरी कर ली है। इसरो जब भी कोई सैटेलाइट लॉन्च करता है तो हमे हर बार पढ़ने को मिलता है कि सैटेलाइट श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सारे सैटेलाइट श्रीहरिकोटा से ही क्यों लॉन्च किये जाते हैं और इस जगह की खासियत क्या है।

श्रीहरिकोटा भारत के दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश के तट पर बसा एक द्वीप है। इसरो को ये इसलिए पसंद है क्‍योंकि ये पूर्व दिशा की तरफ लॉन्चिंग में फायदेमंद जगह मानी जाती है। 1969 में इस जगह को सैटलाइट लॉन्चिंग स्टेशन के रूप में चुना गया। फिर 1971 में RH-125 साउंडिंग रॉकेट लॉन्‍च किया गया। पहला ऑर्बिट सैटलाइट रोहिणी 1A था, जो 10 अगस्त 1979 को लॉन्च किया गया लेकिन खामी की वजह से 19 अगस्त को नष्ट हो गया।

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यह जगह पूर्व दिशा की ओर की जाने वाली लॉन्चिंग के लिए बेहतरीन मानी जाती है। पूर्वी तट पर स्थित होने से इसे अतिरिक्त 0.4 km/s की गति मिलती है। ज्यादातर सैटलाइट पूर्व की तरफ ही लॉन्च किए जाते हैं। इस जगह आबादी नहीं है। यहां या तो इसरो के लोग रहते हैं या फिर स्‍थानीय मछुआरे।

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ये नेशनल हाइवे (NH-5) पर है। सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन 20 किलोमीटर दूर है। नजदीकी शहर सुल्‍लुर्पेता है, यहीं सबसे पास का रेलवे स्‍टेशन भी है। चेन्नई के इंटरनेशनल पोर्ट से ये जगह 70 किलोमीटर दूर पड़ती है। अगर आप इसे देखना चाहते हैं तो इसरो से परमशिन लेकर इस लॉन्चिंग पैड को देखा जा सकता है। हर बुधवार को विजिटर्स को यहां ले जाया जाता है।

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