आखिर क्यों केन्द्र द्वारा घोषित खरीफ फसलों के एमएसपी से राष्ट्रीय किसान महासंघ है निराश ?

राष्ट्रीय किसान महासंघ की कोर कमेटी के सदस्य जगजीत सिंह डल्लेवाला ने यहां कहा, केन्द्र सरकार ने हमसे डॉ. एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार किसानों को व्यापक लागत यानी सी-2 व्यवस्था के तहत 50 फीसदी का लाभकारी मूल्य देने का वादा किया था। लेकिन केन्द्र सरकार ने अब तक इस वादे को पूरा नहीं किया है।

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
आखिर क्यों केन्द्र द्वारा घोषित खरीफ फसलों के एमएसपी से राष्ट्रीय किसान महासंघ है निराश ?

भोपाल। देश के 182 किसान संगठनों से बने राष्ट्रीय किसान महासंघ ने हाल ही में केन्द्र सरकार द्वारा घोषित किये गये खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर निराशा व्यक्त की है। राष्ट्रीय किसान महासंघ की कोर कमेटी के सदस्य जगजीत सिंह डल्लेवाला ने यहां कहा, " दिल्ली में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे द्वारा हाल ही में किये गये अनशन के दौरान केन्द्र सरकार ने हमसे डॉ. एमएस स्वामीनाथन की रिपोर्ट की सिफारिश के अनुसार किसानों को व्यापक लागत यानी सी-2 व्यवस्था के तहत 50 फीसदी का लाभकारी मूल्य देने का वादा किया था। यही वादा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने भी किया था। लेकिन केन्द्र सरकार ने अब तक इस वादे को पूरा नहीं किया है।"

'सरकारी कर्मचारी हड़ताल करता है तो उसकी तनख्वाह बढ़ जाती है, लेकिन किसानों की सुनने वाला कोई नहीं'


साभार इंटरनेट

डल्लेवाला यहां राष्ट्रीय किसान महासंघ के संयोजक शिवकुमार शर्मा ऊर्फ कक्काजी द्वारा की जा रही किसान अधिकार यात्रा में शामिल होने आये थे। कक्काजी की एक महीने तक चलने वाली यह यात्रा 26 जुलाई को कश्मीर से शुरू हुई और 26 अगस्त को कन्याकुमारी में इसका समापन होगा। आज यह यात्रा भोपाल पहुंची। डल्लेवाला भारतीय किसान यूनियन एकता (सिधुपुर) पंजाब के राज्य अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि यह यात्रा किसानों की कर्ज माफी एवं छोटे किसानों की आय सुनश्चिति करने के साथ-साथ किसानों के फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग को लेकर की जा रही है।

खेत-खलिहान : आखिर गुस्से में क्यों हैं गन्ना किसान

उन्होंने कहा कि पूरे देश में किसानों की आत्महत्याएं बढ़ रही हैं और उनकी समस्याओं को दूर करने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाये जाने चाहिए। इस दौरान कक्काजी ने बताया कि हमारा महासंघ किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है। उन्होंने कहा, हमारे महासंघ में समूचे देश के किसान संगठन शामिल हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर के किसान संगठन भी हैं। हम उन ताकतों की मदद करते हैं, जो किसानों की सहायता करते हैं। हम वोट की अपील नहीं करते हैं, लेकिन किसानों के मुद्दों को उठाते हैं। कक्काजी ने कहा कि हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक किसानों की कर्ज माफी सहित अन्य मांगे पूरी न हो जाएं।

आखिर गुस्से में क्यों हैं किसान ? वाजिब दाम के बिना नहीं दूर होगा कृषि संकट

   

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.