'मेरी दीदी को मारा पीटा जाता था, फिर एक दिन कॉल आयी कि उनकी मौत हो गयी'
ग्रेटर नोएडा में एक महिला की मौत हो गई। इस मामले में महिला के घर वाले ससुराल वालों पर दहेज हत्या का आरोप लगा रहे हैं।
Ranvijay Singh 15 Dec 2018 6:57 AM GMT
लखनऊ। 'मेरी दीदी को लगातार दुत्कारा जा रहा था, मारा पीटा जा रहा था। और फिर उसके घर से कॉल आई कि मेरी दीदी की मौत हो गयी है।' अपनी बहन की डेड बॉडी की तस्वीर को साझा करते हुए अभिमन्यू राज ये बात फेसबुक पर लिखते हैं। अभिमन्यू राज का आरोप है कि उनकी बहन की दहेज के लिए हत्या की गई है।
अभिमन्यू राज बताते हैं कि 'उनकी बहन के ससुराल वाले उनकी बहन से लगातार मार पीट करते थे। उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे। शुरुआत में उनकी बहन ने अपने घर वालों को ये बात नहीं बताई और सब सहती गईं। लेकिन जब ये सब रोज का हो गया तो उसने ये बात मम्मी पापा से बताई। लेकिन तब तक देर हो गई और 12 दिसंबर को उनकी बहन की मौत की खबर आई। अभिमन्यू का आरोप है कि जब पुलिस में सुनवाई नहीं हुई तो मजबूर होकर उन्हें सोशल मीडिया का सहारा लेना पड़ा और अपनी बहन क डेड बॉडी के साथ पोस्ट लिखना पड़ा।'
ये है अभिमन्यू की फेसबुक पोस्ट-
इस पोस्ट के वायरल होने के बाद यूपी पुलिस भी हरकत में आई और बिसरख थाने में मामला दर्ज किया गया। अभिमन्यू ने गांव कनेक्शन को बताया कि ''मेरी दीदी आरती की शादी देवघर 11 जुलाई 2013 को देवघर (झारखंड) में हुई। परिवार ने मन्नत मांगी थी इस लिए शादी वहां से की गई। शुरुआत में करीब 7-8 महीने तक सब सही रहा, लेकिन फिर आरती के ससुराल वाले कुछ न कुछ डिमांड करने लगे। हालांकि तब ये सीधे तौर पर नहीं था। बात को घुमा फिराकर कहते कि घर में पलंग नहीं है, सोफा नहीं है। और ये भी कहते कि अपने घर से मंगा लो तो तुम्हें आराम हो जाएगा। लेकिन धीरे धीरे ये मांग ज्यादा होती गई। फिर सीधे तौर पर मेरी दीदी को ताना देने लगे और उनसे मम्मी पापा से पैसे मंगाने की डिमांड करने लगे, कार भी मांगी थी।''
अभिमन्यू बताते हैं कि ''पापा पहले अपने तक ये बात रखते रहे। बहुत मांग पूरी भी की, लेकिन मांग बढ़ती ही जा रही थी। इसके बाद कुछ महीने पहले ही पापा ने हमसे ये बात बताई। हम भी उन्हें देख कर समझ रहे थे। लेकिन वो सीधे तौर पर मुझसे कुछ बता नहीं रही थीं। हमने लोगों ने दीदी के ससुराल वालों को पुलिस में जाने की बात भी कही थी, लेकिन वो समझे नहीं।''
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अभिमन्यू आरोप लगाते हैं, ''मेरी दीदी के पति विवेक राज और उनके देवर विनीत सिंह उनके साथ मारपीट करते थे। मेरे दीदी के पति का घर ग्रेटर नोएडा में सुपरटेक इको विलेज सोसाइटी में है। हमारे पास 12 दिसंबर को कॉल आया कि आरती दीदी की मौत हो गई है। हम सब समझ ही नहीं पाए कि हो क्या गया। हमारा शक इस लिए भी है कि दीदी के ससुराल वाले कह रहे हैं कि उसने चौदहवीं मंजिल से छलांग लगा दी। क्या ऐसा हो सकता है कि कोई चौदहवीं मंजिल से गिरे और उसके चेहरे पर एक खरोच भी न हो, शरीर भी सही सलामत हो? मेरी दीदी के चेहरे पर एक खरोच नहीं है। हमारा शक इस लिए भी ज्यादा बढ़ गया है। हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो और हमें पता चले कि मेरी दीदी की मौत कैसे हुई।'' फिलहाल यूपी पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
बिसरख थाना के एडिशनल एसएचओ राम संजिवन ने कहा, ''इस मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, जांच चल रही है। आईपीसी की धार 498 ए, 120 बी, 304 बी और दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 में मुकदमा दर्ज किया गया है।'' 498-ए दहेज प्रताड़ना, 120-बी अपराध करने लिए साझा साजिश, 304-बी दहेज हत्या के लिए दर्ज की जाती है। वहीं, दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 दहेज लेने और दहेज की मांग करने के लिए दर्ज की जाती है।
भारत में दहेज से संबंधित मौत के मामले हमेशा से चिंता का विषय रहे हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों से पता चलता है कि महिला हत्या के मामलों में दहेज हत्या के मामलों की बड़ी हिस्सेदारी है। दहेज से संबंधित हत्या के मामले महिलाओं की हत्या के सभी मामलों के 40 से 50 प्रतिशत तक होते हैं। 2104 से 2016 के दौरान ऐसे मामलों में एक स्थिरता भी दिखाई देती है। भारत सरकार द्वारा 1961 में दहेज निषेध अधिनियम लाया गया। इसके बावजूद दहेज की प्रवृत्ति रुकी नहीं है।
दहेज निषेध अधिनियम के तहत 2014 में 10050 मामले दर्ज किए गए, 2015 में 9894 और 2016 में 9683 मामले दर्ज किए गए। इन मामलों को देखने से पता चलता है कि दहेज की प्रवृत्ति में समाज में एक स्थिरता कायम है। गौर करने वाली बात है कि ये आंकड़े दर्ज किए गए हैं। ज्यादातर ऐसे मामलो में लोक लाज और घर वालों के दबाव में एफआईआर भी दर्ज नहीं कराई जाती।
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