इन महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक सलाम तो बनता ही है, पढ़ के आप भी कहेंगे वाह

Mithilesh DharMithilesh Dhar   17 Jun 2017 7:38 PM GMT

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इन महिला पुलिसकर्मियों के लिए एक सलाम तो बनता ही है, पढ़ के आप भी कहेंगे वाहमहिला पुलिस कांस्टेबल नूतन ओझा।

लखनऊ। हम अक्सर रेलवे कर्मचारियों की बदसलूकी की खबरें सुनते हैं। हम अक्सर उनके गलत व्यवहार पर चर्चा करते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है कि रेलवे कर्मचारी अच्छा काम नहीं करते। कई बार यही कर्मचारी मुश्किल घड़ियों में यात्रियों की सहायता करते हैं।

ऐसा ही एक मामला शक्रवार को देखने को मिला। घटना पटना के आसपास की है। चलती ट्रेन में एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा हुई। वह दर्द से कराह रही थी। लोगों को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें ? इतने में महिला कांस्टेबल मोनी और रेल सुरक्षा बल की महिला पुलिस नूतन ओझा को यह जानकारी मिली।

दोनों पुलिसकर्मियों ने चलती ट्रेन में उस कंपार्टमेंट को खाली करा दिया और बर्थ पर ही महिला की सुरक्षित डिलीवरी करवाई। जब तक डिलीवरी नहीं हुई तबतक सबकी सांसें अटकी हुई थीं। जैसे ही बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी, सभी यात्रियों के चेहरे पर मुस्कान दौड़ गई।

प्रसव के बाद गोदी में बच्चो को उठाए महिला कांस्टेबल।

ट्रेन दस बजे जब पटना जंक्शन के प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रूकी तो ट्रेन नंबर 12368 डाउन विक्रमशिला एक्प्रसेस में एस 11 के बर्थ संख्या 31 की महिला यात्री दीप्ति देवी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। महिला रेल पुलिस की मदद से महिला ने स्वस्थ शिशु को जन्म दिया। उक्त महिला भागलपुर जा रही थी। रास्ते में ही उसने नवजात को जन्म दिया। दोनों जच्चा और बच्चा को प्राथमिक उपचार के बाद रवाना कर दिया गया।

जिस समय प्रसव पीड़ा हो रही थी तो महिला कांस्टेबल ट्रेन में ही थीं। उन्होंने तत्काल मदद कर और लोगों के लिए मिसाल पेश की है। महिला अब पूरी तरह स्वस्थ्य है।
वीके सिंह, आरपीएफ इंस्पेक्टर, पटना

          

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