सचिन तेंदुलकर का 'सपना' पूरा करने वाले युवराज सिंह ने लिया संन्यास
गाँव कनेक्शन 10 Jun 2019 8:53 AM GMT
लखनऊ। 2011 विश्व कप में भारत के नायक रहे युवराज सिंह ने सोमवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। मुंबई के एक होटल में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंोने संन्यास की घोषणा कर दी। युवराज सिंह ने अपने करियर के दौरान 40 टेस्टप और 307 वनडे मैच खेला।
साल 2000 में भारत के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू करने वाले युवराज सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंीस में कहा, ''मैं काफी समय से रिटायरमेंट के बारे में सोच रहा था। इस गेम ने मुझे सिखाया है कि कैसे लड़ना है, कैसे गिरना है, कैसे उठकर फिर आगे बढ़ना है।'' इस दौरान युवराज सिंह भावुक भी हुए। इस 37 वर्षीय क्रिकेटर ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "मैंने 25 साल के बाद अब क्रिकेट से आगे बढ़ने का फैसला किया है। क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया और यही वजह है कि मैं आज यहां पर हूं। मैं बहुत भाग्यशाली रहा कि मैंने भारत की तरफ से 400 मैच खेले। जब मैंने खेलना शुरू किया था तब मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता था।"
युवराज सिंह ने भारत की तरफ से 40 टेस्ट, 304 वनडे ओर 58 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। उन्होंने टेस्ट मैचों में 1900 और वनडे में 8701 रन बनाये। टी20 अंतरराष्ट्रीय में उनके नाम पर 1177 रन दर्ज हैं।
उन्होंने आगे कहा, "इस खेल के साथ एक तरह से प्रेम और नफरत जैसा रिश्ता रहा। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि वास्तव में यह मेरे लिये कितना मायने रखता है। इस खेल ने मुझे लड़ना सिखाया। मैंने जितनी सफलताएं अर्जित की उससे अधिक बार मुझे नाकामी मिली पर मैंने कभी हार नहीं मानी।"
बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने अपने करियर के तीन महत्वपूर्ण क्षणों में विश्व कप 2011 की जीत और मैन आफ द सीरीज बनना, टी20 विश्व कप 2007 में इंग्लैंड के खिलाफ एक ओवर में छह छक्के जड़ना और पाकिस्तान के खिलाफ लाहौर में 2004 में पहले टेस्ट शतक को शामिल किया।
विश्व कप 2011 के बाद कैंसर से जूझना उनके लिये सबसे बड़ी लड़ाई थी। उन्होंने कहा कि मैं इस बीमारी से हार मानने वाला नहीं था। इसके बाद हालांकि उनकी फार्म अच्छी नहीं रही। उन्होंने भारत की तरफ से आखिरी मैच जून 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ वनडे के रूप में खेला था। उन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मैच 2012 में खेला था। इस साल आईपीएल में वह मुंबई इंडियन्स की तरफ से खेले थे लेकिन उन्हें अधिक मौके नहीं मिले।
Yuvraj Singh: After 25 years in and around the 22 yards and almost 17 years of international cricket on and off, I have decided to move on. This game taught me how to fight, how to fall, to dust off, to get up again and move forward pic.twitter.com/NI2hO08NfM
— ANI (@ANI) June 10, 2019
2011 विश्व कप में मैन ऑफ दी सीरीज युवराज सिंह को उनकी जीवटता के लिए याद किया जाता है। वह 2011 विश्व कप के दौरान कैंसर की बीमारी से ग्रस्त थे। लेकिन उन्होंने ना सिर्फ टूर्नामेंट खेला बल्कि उसमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी दिखाया। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का सपना था कि वह विश्व कप जीते, जिसे युवराज सिंह ने पूरा किया।
2011 विश्व कप के बाद युवराज सिंह ने कैंसर का इलाज कराया। इसके बाद लग रहा था कि वह अतर्राष्ट्रीय क्रिकेट फिर कभी ना खेल पाए। लेकिन युवराज सिंह ना सिर्फ कैंसर से उबरे बल्कि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सफल वापसी भी की।
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