एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा होगा चेनाब नदी पर बनने वाले रेल पुल का 60 फीसदी काम पूरा 

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एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा होगा चेनाब नदी पर बनने वाले रेल पुल का 60 फीसदी काम पूरा जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी पर बन रहे इस पुल का 60 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है

कटरा, जम्मू कश्मीर (भाषा)। भारत को जल्द दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का गौरव हासिल होगा। जम्मू कश्मीर में चेनाब नदी पर बन रहे इस पुल का निर्माण कार्य पूरे जोर शोर से जारी है। इस पुल का 60 फीसदी काम पूरा हो चुका है।

फिनलैंड और जर्मनी के सलाहकारों द्वारा डिजाइन किया गया 1.315 किलोमीटर लंबा यह पुल चेनाब नदी के ऊपर 359 मीटर की उंचाई पर बन रहा है। यह ऊंचाई एफिल टॉवर से 35 मीटर अधिक है।

परियोजना से जुड़े मुख्य रेलवे इंजीनियर बीबीएस तोमर ने बताया कि पुल का निर्माण कार्य खत्म होते ही यह इंजीनियरिंग की एक अनूठी मिसाल बन जाएगी। कश्मीर रेलवे परियोजना के उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला खंड का हिस्सा रहा यह पुल कटरा और बनिहाल के बीच अहम संपर्क का कार्य करेगा।

यह एक अभूतपूर्व कार्य है क्योंकि आप किसी बेहद सूदूर स्थान पर सक्षम ठेकेदारों के साथ मिलकर एक विशाल इस्पात के पुल का निर्माण कार्य कर रहे हैं।
डेविड मैकेंजी, क्वॉलिटी कंसल्टेंट, ब्रिटेन

उच्च भूकंपीय क्षेत्र और सीमा के निकट होने के कारण डीआरडीओ इस पुल पर विशेष ध्यान दे रहा है और 12,000 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे पुल को आतंकवाद प्रभावित क्षेत्र में किसी भी बड़े विस्फोट को झेलने में सक्षम बनाया जाएगा।

इस विशालकाय ढांचे का निर्माणकार्य मार्च 2019 तक पूरा करने के लिए वर्तमान में 1,400 कामगार दिन रात काम कर रहे हैं। ब्रिटेन स्थित क्वॉलिटी कंसल्टेंट डेविड मैकेंजी ने बताया, ‘यह एक अभूतपूर्व कार्य है क्योंकि आप किसी बेहद सूदूर स्थान पर सक्षम ठेकेदारों के साथ मिलकर एक विशाल इस्पात के पुल का निर्माण कार्य कर रहे हैं।’

परियोजना में अपनी भूमिका को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने बताया, ‘मेरी भूमिका गुणवत्ता नियंत्रण की है और इसके लिए क्या कुछ स्वीकार्य है और क्या गैर स्वीकार्य इस बारे में उन्हें सुझाव देना है। यह विश्वस्तरीय मानक वाला एक बड़ा कार्य है, जिसके बारे में जानने और अध्ययन के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्सुक रहेगा। निश्चित रूप से यह इंजीनियरिंग की एक मिसाल है और भारत को इस पर गर्व होना चाहिए।’ इससे पहले यह क्षेत्र पहुंच के बाहर था और पुल के निर्माण कार्य को लेकर रेलवे को मार्ग सुगम्य बनाने के लिए 22 किलोमीटर लंबी सड़क बनानी पड़ी।

पुल को मिलेगी हवाई सुरक्षा

योजना के मुताबिक पुल की सुरक्षा के लिए हवाई सुरक्षा उपलब्ध करायी जाएगी। गंभीर परिस्थितियों में यात्रियों एवं ट्रेनों की सुरक्षा के लिए ऑनलाइन निगरानी व चेतावनी सूचक प्रणाली लगायी जाएगी। इससे सटे इलाके में पैदल पारपथ और साइकल पारपथ भी मौजूद रहेंगे।

तोमर ने बताया, ‘पुल का निर्माण कार्य कश्मीर रेल लिंक परियोजना का बेहद चुनौतीपूर्ण हिस्सा है।’ जांच व रखरखाव के मकसद से पुल पर रोपवे भी बनाया जाएगा।

          

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