बहुत कुछ कहता है योग का यह ‘लोगो’

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बहुत कुछ कहता है योग का यह ‘लोगो’योग का आधिकारिक लोगो। 

मंगलम् भारत

लखनऊ । 29 अप्रैल 2015 को भारत सरकार में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और आयुष विभाग में मंत्री श्रीपद् येस्सो नाइक ने योग का आधिकारिक लोगो लॉन्च किया था। इस लोगो को लॉन्च करते वक्त मंत्री सुषमा स्वराज ने तीन प्रमुख बातें कही थीं।

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1. इस योग को भारत की ओर से प्रस्तावित किया गया था। 27 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे संयुक्त राष्ट्र संघ में इसका प्रस्ताव रखा था। यह 21 जून को, जो कि उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे बड़ा दिन है, पूरी दुनिया में मनाया जाएगा।

2. यह प्रस्ताव केवल 75 दिन के भीतर ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने पास कर दिया जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

3. यह विश्व का पहला ऐसा संकल्प है जिसके लिये 177 देश प्रायोजक बनने को राज़ी हुए हैं। यहाँ तक कि नेल्सन मंडेला के जन्मदिन पर भी 165 देशों ने अपनी सहमति जताई थी।

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क्या है योग के इस लोगो में ख़ास

यह लोगो प्रकृति के साथ सामंजस्य, मानवता और शान्ति को दर्शाता है, जो कि योग का सार है। लोगो में तीनों ही बिन्दुओं को चित्रों के साथ दर्शाने का प्रयास किया गया है।

इस लोगो में चार चीज़ें मुख्य रूप से दिखाई देती हैं। पहले तो एक मनुष्य हाथ जोड़कर योग करता हुआ दिखाई दे रहा है। इस चित्र में मनुष्य का हाथ जोड़ना एकता और संगठन का प्रतीक है। हाथ जोड़ना अपनी आत्मीय चैतन्यता के साथ वैश्विक चैतन्यता को मिलाने का प्रतीक है। यह सामंजस्य मन व शरीर, मनुष्य व प्रकृति तथा स्वास्थ्य व अच्छे इंसान के बीच का है।

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ठीक पीछे पृथ्वी का चित्र है, जिसमें भारत का मानचित्र शख़्स के चेहरे से होकर गुज़रता है। मनुष्य के मस्तिष्क से भारत के मानचित्र का गुज़रना भारत के योग में प्रतिनिधित्व को दर्शाता है।

पृथ्वी के ठीक पीछे नारंगी रंग का सूर्य है, जो सुबह उठकर योग करने की प्रवृति को दर्शाता है। क्योंकि योग सुबह उठकर ही करना चाहिये और सुबह के वक्त ही सूर्य का रंग नारंगी होता है।

योग करने वाले व्यक्ति के ठीक नीचे हरे और भूरे रंग की पत्तियाँ हैं। भूरे रंग की पत्तियाँ पृथ्वी के भौतिक तत्त्वों और हरी पत्तियाँ पृथ्वी के पर्यावरण को दर्शाती हैं। मनुष्य का इनके समीप योग करना दो बातों का सूचक है। पहला तो पर्यावरण के नज़दीक रहना और दूसरा पर्यावरण के साथ सामंजस्य बनाकर रखना और पृथ्वी का सम्मान करना।

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ध्यान से योग के इस लोगो को देखें तो मनुष्य के जुड़े हुए हाथ बीच में एक बूँद का निर्माण भी करते हैं जो हमारे जीवन में जल के महत्त्व और जल ही जीवन की को दर्शाती है।

अन्ततः यह लोगो सामंजस्य और मन की शान्ति का सूचक है।

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