योग कनेक्शन : वजन और मोटापा कम करने के लिए ये योगासान हैं मददगार

मोटापे और बढ़ते वजन की समस्या से ज्यादातर लोग परेशान हैं। कुछ लोग तो वजन कम करने के लिए दवाइयों का सहारा भी लेते हैं। योगानंता, स्टूडियो ऑफ योगा की संस्थापक और योग विशेषज्ञ रेखा चर्चा कर रही हैं कुछ ऐसे योगासनों की जिनसे वजन और मोटापा कम होता है

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योग कनेक्शन : वजन और मोटापा कम करने के लिए ये योगासान हैं मददगार

आप शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको अपने दैनिक जीवन के क्रियाकलापों में संतुलन बनाए रखना होगा। दैनिक क्रियाकलापों की तरह व्यायाम, योग आदि को भी अपनाना जरूरी है। लेकिन हमेशा किसी एक्सपर्ट की निगरानी में ही योगाभ्यास करें ताकि हम इन्हें सही तरीके से कर सकें और पूरा लाभ उठा पाएं। वर्तमान समय में मोटापे और बढ़ते वजन की समस्या से ज्यादातर लोग परेशान हैं। कुछ लोग तो वजन कम करने के लिए दवाइयों का सहारा भी लेते हैं। योगानंता, स्टूडियो ऑफ योगा की संस्थापक और योग विशेषज्ञ रेखा चर्चा कर रही हैं कुछ ऐसे योगासनों की जिनसे वजन और मोटापा कम होता है।


वीरभद्रासन :--

सबसे पहले ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं और स्वास भरते हुए अपने पैरों को 3 से 3.5 फ़ीट तक खोल लें। अब अपने बाएं पैर को 45 से 60 डिग्री अंदर की तरफ मोड़ें और दाहिने पैर बाहर की तरफ 90 डिग्री बहार मोड़ें। ध्यान रखें की इस अवस्था में आपकी दाएं एवं बाएं एड़ी एक ही सीध में रहें। अब दोनों हाथों को उठाएं जब तक के हाथ आपके कन्धों के सीध में न आ जाएं। ध्यान रखें के आपकी पीठ एकदम सीधी हो।

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अब धीरे से अपने सिर को 90 डिग्री दाहिने की ओर मोड़ लें जिससे आपकी दृष्टि आपके दाहिने हाथ के अंगूठे पे बनी रहे। इसी अवस्था में आप 30 से 60 सेकेंड तक बने रह सकते हैं। आसन से बाहर निकलने के लिए सबसे पहले अपने सिर को सीधा कर लें एवं दाहिने पैर को अंदर कर लें। ठीक इसी प्रकार से यह प्रक्रिया दूसरी तरफ से करें। दोनों तरफ से करने पर एक चक्र पूरा होता है, इसी तरह से आप वीरभद्रासन को 3-4 चक्र कर सकते हैं।


सेतुबंधासन :--

सबसे पहले आसन पर अपनी पीठ के बल लेट जाएं। अपने घुटनों को मोड़ लें, घुटनों और पैरों को एक सीध में रखें, तथा दोनों पैरों को एक दूसरे से 10-12 इंच दूर रखते हुए फैला ले। दोनों हाथों से अपने दोनों टखने पकड़ लें। सांस लेते हुए धीरे से अपनी पीठ के निचले, मध्य और फिर सबसे ऊपरी हिस्से को ज़मीन से उठाएं।

धीरे से अपने कन्धों को अंदर की ओर लें। बिना ठोड़ी को हिलाये अपनी छाती को अपनी ठोड़ी के साथ लगाएं । इसी आसन में 30से 40 सेकंड तक बने रहें और सांस छोड़ते हुए आसन से बहार आ जाएं। इस तरह से यह एक चक्र पूरा होता है। सेतुबंधासन को आप 3 से 4 चक्र कर सकते हैं।

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धनुरासन:--

सबसे पहले आसन पर पेट के बल लेट जाए। अब स्वास छोड़ते हुए दोनों घुटनों को मोड़े और अपने हाथों से टखनों को पकड़े। स्वास भरते हुए अपने सिर, छाती एवं जांघ को ऊपर की ओर उठाएं। अपनी क्षमतानुसार शरीर को ऊपर उठाते जाएं। पूरी तरह से अपने शरीर को उठा लेने के बाद पैरों के बीच की जगह को कम करने की कोशिश करें।

धीरे धीरे सांस ले और धीरे धीरे सांस छोड़े। अपने हिसाब से आसन को धारण करें। वापस आसन पार जाने के लिए लम्बी गहरी स्वास छोड़ते हुए नीचे आएं। इस तरह से यह एक चक्र पूरा होता है।इस तरह से आप 3-5 चक्र कर सकते हैं।


सर्वांगासन :--

सबसे पहले अपने आसन पर पीठ के बल लेट जाएं, अपने दोनों हाथों को जंघाओं के पास रखें एवं धीरे धीरे दोनों पैरों को एक साथ पहले 30 डिग्री फिर 60 डिग्री और अंत में 90 डिग्री तक लेके जाएं। हाथों का दवाब हिप्स पर बनाते हुए अपने पैरों को सिर की ओर लेके आएं।

अपनी हथेलियों से अपनी पीठ को सहारा देके रहें। कोहनियों को आसन से लगा के रखें। शरीर धीरे धीरे सीधा करते जाएं और अपनी ठोड़ी को छाती से लगाने का प्रयास करें। क्षमतानुसार आसन में बने रहें। वापिस आने के लिए धीरे से पहले 60 डिग्री पर उसके बाद 30 डिग्री और पैर धीरे से आसन पर रखें। ये आसन आप 3 से 4 चक्र कर सकते हैं।

(रेखा योगानंता-स्टूडियो ऑफ योगा की संस्थापक हैं और योग विशेषज्ञ हैं।)

    

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