धान के अधिक उत्पादन के लिए अपनाएं ये तरीके
vineet bajpai 20 July 2016 5:30 AM GMT
खरपतवार, धान के हिस्से का पोषण और पानी लेकर उत्पादित धान की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। इसलिए खरपतवार पर नियंत्रण के उपाय जरूरी हैं।
प्रमुख खरपतवार
1- जलभराव- होरा घास, बुलरस, दतरीदार मोथा, गंध वाला मोथा, पानी की बरसीम आदि।
2- सिंचित- संकरी पत्ती- सांवा, सांवकी, बूटी, मकरा, कांजी, बिलुआ कंजा आदि।
चौड़ी पत्ती - मिर्चबूटी, फूलबूटी, पानपत्ती, बोनझलोकिया, बमभोली, घारिला, दादमारी, साथिया, कुशल आदि।
सीधी बुवाई
प्रेटिलाक्लोर 30.7 फीसदी ईसी 1.25 लीटर बुवाई के दो-तीन दिन के अंदर और बिस्पाइरीबैक सोडियम दस फीसदी एससी 0.20 लीटर बुआई के 15-20 दिन बाद प्रति हेक्टेयर दर से नमी की स्थिति में लगभग 500 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए।
रोपाई की स्थिति में
संकरी और चौड़ी पत्ती दोनों प्रकार के खर पतवारों के नियंत्रण के लिए निम्न्नलिखित रसायनों में से किसी एक रसायन की संस्तुति मात्रा को प्रति हेक्टेयर लगभग 500 लीटर पानी में घोल कर छिड़काव करना चाहिए।
खरपतवार पर उपायों से करें नियंत्रण
चौड़ी पत्ती वाले खरपतवारों के नियंत्रण के लिए निम्नलिखित रसायनों में से किसी एक रसायन की संस्तुति मात्रा को प्रति हेक्टेयर लगभग 500 लीटर पानी में घोल कर बुआई के करीब 25 दिन बाद छिड़काव करना चाहिए।मेटसल्फ्यूरान मिथाइल 20 ग्राम इथाक्सी सल्फ्यूरान 15 फीसदी डब्ल्यूडीजी 100 ग्राम 3-2, 4-डी इथाइल ईस्टर 38 फीसदी ईसी 2.5 ग्राम
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