समय पर विकास निधि खर्च न कर पाने वाले सांसदों के लिए मिसाल हैं दिल्ली के ये सांसद

एक तरफ पंद्रहवी लोकसभा में जहाँ देश के अधिकतर सांसद अपनी विकास निधि नहीं खर्च कर पाए थे वही सोलहवीं लोकसभा के उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले दिल्ली के एक सांसद ने मिसाल बना दी हैं।

Ashwani Kumar DwivediAshwani Kumar Dwivedi   1 Jun 2018 9:55 AM GMT

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समय पर विकास निधि खर्च न कर पाने वाले सांसदों के लिए मिसाल हैं दिल्ली के ये सांसद

लखनऊ।एक तरफ जहाँ सांसद अपने कार्यकाल के दौरान अपनी सांसद निधि खर्च तक नहीं कर कर पाते वहीं देश में एक सांसद ऐसे भी हैं जिन्होंने अपनी सांसद निधि से विकास कार्य करवाने के साथ ही अपने लोकसभा क्षेत्र में ओपन जिम भी खुलवा रहें है।और यहीं नहीं लोगों को "स्वस्थ जीवन "के प्रति जागरूक करने के लिए अन्य संस्थाओ के सहयोग से भी पार्कों और सार्वजिनक स्थलों पर ओपन जिम खुलवाने का प्रयास कर रहें हैं।

हम बात कर रहे हैं, उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जनपद से ताल्लुक रखने वाले भारतीय जनता पार्टी के सांसद डॉ उदित राज के बारें में ,डॉ उदित राज उत्तरी -पश्चिम दिल्ली से सांसद हैं। 57 वर्षीय सांसद उदित राज इन्डियन जस्टिस पार्टी के संस्थापक है। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान डॉ उदित राज ने इंडियन जस्टिस पार्टी को भारतीय जनता पार्टी में विलय कर दिया।डॉ उदित राज देश के नामी दलित चिंतको में गिने जाते हैं।

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लोगो को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की मुहीम ...

डॉ उदित राज ने गाँव कनेक्शन को फोन पर बताया, " लोगो को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और उन्हें सुविधा देनें के लिए अपने निर्वाचन क्षेत्र पब्लिक पार्कों में सांसद निधि से ओपन जिम खुलवा रहा हूं, अब तक दिल्ली में 101 ओपन जिम खुलवाये हैं साथ ही सांसद निधि से 263 प्रोजेक्ट चल्र रहे हैं। दिल्ली के रिठाला ,रोहिणी ईस्ट ,रोहिणी वेस्ट में 36 लाख रुपए की लागत से आरओ प्लांट सहित अन्य विकास कार्य करवाए जा रहें हैं।क्षेत्र में जरुरतमंदो को प्रधानमंत्री राहत कोष से अब तक 2 करोड़ 91 लाख 67 हजार रुपए भी दिलाये गए हैं।

सांसद डॉ उदित राज आगे बताते हैं कि सांसद निधि से अब तक 45 करोड़ के प्रस्ताव् भेजे है, निधि विकास कार्यो के लिए ही सरकार द्वारा दी जाती है और मेरा मानना हैं कि सांसद निधि को समय से विकास कार्यो में खर्च किया जाना चाहिए।ये पैसा केंद्र सरकार विकास के लिए देती है अगर ये लैप्स हो जाता है तो देश की जनता का नुकसान हैं।

जो पैसा सांसद खर्च नही कर पाते वो सरकार के खाते में वापस चला जाता है

सरकार हर साल विकास कार्य करवाने के लिए देश के सभी सांसदों को पांच करोड़ रुपए देती हैं । यानी पांच साल में 25 करोड़ रुपए केंद्र सरकार सांसद को विकास कराने के लिए उपलब्ध कराती हैं ।आप को ये जानकर हैरानी होगी की देश के अधिकतर सांसद अपनी सांसद निधि खर्च नहीं कर पाते और ये धनराशि केंद्र सरकार को वापस चली जाती है।

एनडीटीवी इंडिया की एक खबर के मुताबिक पंद्रहवी लोकसभा के दौरान हरियाणा के सांसद अपनी विकास निधि का 75 प्रतिशत धनराशि ही खर्च कर पाये।

वही देश की राजधानी दिल्ली के सांसद अपनी निधि का सिर्फ 70 फीसदी ही खर्च कर पाए 30 प्रतिशत सांसद निधि लैप्स हो गयी थी। पंद्रहवी लोकसभा के दौरान उत्तर प्रदेश के सांसदों को सरकार ने 1306 करोड़ रुपए सांसद निधि के तहत दिए थे। जिसमे प्रदेश के सांसद सिर्फ 962 करोड़ रुपए ही खर्च कर पाए और 344 करोड़ जिसे उत्तर प्रदेश के विकास में खर्च होना चाहिए था वो लैप्स हो गया।

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सांसद निधि खर्च करने में देश के उत्तरी राज्य फिसड्डी

सरकारी आकड़ों के मुताबिक सांसद निधि खर्च करने के मामले में देश के उत्तरी राज्यों का प्रदर्शन काफी ख़राब रहा हैं।जबकि देश के पूर्वी और दक्षिणी राज्यों का प्रदर्शन उत्तरी राज्यों की तुलना में बेहतर रहा हैं।

      

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