दो मिलावटखोरों पर चला कार्रवाई का चाबुक

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दो मिलावटखोरों पर चला कार्रवाई का चाबुकgaonconnection

उन्नाव। बेसन व हींग में मिलावट करने वाले दो दुकानदारों पर कार्रवाई का तगड़ा चाबुक चला है। पिछले कई तारीखों में अनुपस्थित रहने पर अपर जिलाधिकारी कोर्ट ने एकपक्षीय सुनवाई करते हुए दोनों दुकानदारों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका है। यदि दुकानदार जुर्माना अदा नहीं करेंगे तो उन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मुख्य खाद्य निरीक्षक केके त्रिपाठी के नेतृत्व में चले छापेमारी अभियान में खाद्य निरीक्षक नरेंद्र शर्मा ने 25 मार्च 2015 को तकिया पाटन स्थित बासू किराना स्टोर से खुले बेसन का नमूना लिया था। सैंपल को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था। तीन माह इसकी जांच रिपोर्ट आई थी जिसमें बेसन में मटर आदि की मिलावट पाई गई थी। अधिकारियों ने दुकानदार विकास सिंह को नोटिस जारी की थी। इसके बाद मामले से संबंधित मुकदमा एडीएम कोर्ट में दायर किया था। वहीं 24 सितंबर 2013 को खाद्य निरीक्षक हितेंद्र मोहन त्रिपाठी ने सफीपुर स्थित प्रदीप कुमार तिवारी की किराना दुकान से काका ब्रांड की बन्धानी हींग का नमूना लिया था। छह माह बाद आई जांच रिपोर्ट में हींग की क्वालिटी घटिया पाई गई। बाद में अधिकारियों ने 31 मार्च 2014 को इस मामले का वाद अपर जिलाधिकारी की कोर्ट में दाखिल किया था। दोनों ही मामलों की सुनवाई में दुकानदार सिर्फ एक बार ही उपस्थित हुए। शेष सुनवाई से गायब रहने पर एडीएम बृजनाथ यादव ने इसे गंभीरता से लिया और मामले में एकपक्षीय निर्णय देते हुए दोनों दुकानदारों पर 50-50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। 

मुख्य खाद्य निरीक्षक केके त्रिपाठी ने बताया कि एडीएम की ओर से दोनों ही मामलों में तगड़ी कार्रवाई की गई है। इससे पहले सिर्फ एक मामले में दुकानदार को एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। इसके बाद सिर्फ 5 से 10 हजार रुपये के बीच अर्थदंड लगाया जा रहा था। इस बार एडीएम ने तगड़ा जुर्माना लगाकर मिलावटखोरों को चेतावनी दी है। उन्होंने बताया कि जो दुकानदार सिर्फ एक बार सुनवाई में आकर चले जाते हैं और दुबारा नहीं पहुंचते हैं तो ऐसे दुकानदारों पर एडीएम ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। यह दोनों दुकानदार सिर्र्फ एक सुनवाई में ही उपस्थित हुए थे। शेष में अनुपस्थित रहने पर एकपक्षीय निर्णय के तहत तगड़ा जुर्माना लगाया गया है। 

जुलाई माह में भरे गए 17 नमूने

खाद्य विभाग ने जुलाई माह में छापेमारी अभियान चलाकर विभिन्न खाद्य पदार्थों के 17 नमूने भरे हैं। इनमें दूध, नमकीन समेत अन्य खाद्य पदार्थ शामिल हैं। मुख्य खाद्य निरीक्षक ने बताया कि लिए गए नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। 

 

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