बलूचिस्तान: प्रतिबंधित संगठनों के 434 विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण किया
Anusha Mishra 22 April 2017 8:24 AM GMT
क्वेटा। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में कई प्रतिबंधित संगठनों के 434 विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। शुक्रवार को आत्मसमर्पण करने वाले विद्रोही प्रतिबंधित संगठन बलोच रिपब्लिकन आर्मी (बीआरए), बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और अन्य चरमपंथी संगठनों से जुड़े हुए थे। ये संगठन अस्थिर प्रांत बलूचिस्तान के सुरक्षाकर्मियों और कैम्पों को कथित रूप से निशाना बना चुके हैं। बलूचिस्तान में चीन ग्वादर पोर्ट विकसित कर रहा है जिसका व्यापारिक और सामरिक महत्व है।
बलूचिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक करीब 1500 चरमपंथी आत्मसमर्पण कर चुके हैं। पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान और ईरान से लगने वाले बलूचिस्तान के बॉर्डर का उपयोग प्रांत के लोगों को भड़काने और देश विरोधी काम करवाने में किया जाता है। चीन पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (सीपीईसी) बलूचिस्तान से होकर गुजरेगा। अशांत बलूचिस्तान सीपीईसी के नजरिए से भी अहम है।
ऐसे में आजादी समर्थक गुटों के 434 विद्रोहियों का सरेंडर इस्लामाबाद के लिए राहत की सांस है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग पुरानी है। पिछले साल आजादी समर्थकों ने पाकिस्तान का विरोध करते हुए भारतीय झंडा और पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर लहराई थी।
दक्षिणी कमांड के लेफ्टिनेंट जनरल अमीर रियाज ने विद्रोहियों के सरेंडर पर कहा कि वे विद्रोही जो साधारण जीवन जीना चाहते हैं आत्मसमर्पण करने के बाद ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, कोई भी जो अपने हथियार छोड़ना चाहता है उसका स्वागत है।
बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सन्नुल्लाह जेहरी ने आरोप लगाया कि लंबे समय से विदेशी एजेंसियां प्रांत के इन मासूम लोगों को भड़का कर यूज कर रही हैं। गैर-कानूनी संगठन बीएलए के कमांडर शेर मोहम्मद ने कहा, हमें ऐंटी-पाकिस्तान तत्वों से धोखा मिला है।
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