दिल्ली में लघु सचिवालय की तरह काम करते हैं राज्यों के भवन, सदन
गाँव कनेक्शन 6 Nov 2016 3:49 PM GMT
नई दिल्ली (भाषा)। राष्ट्रीय राजधानी में देश के हर राज्य का एक भवन होता है जो संबंधित राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय कायम करने के साथ ही अपने राज्य की संस्कृति, खानपान और विशेषताओं को प्रदर्शित करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
राजस्थान भवन के अतिरिक्त निदेशक (जनसंपर्क) गोपेंद्र नाथ भट्ट ने बताया, ‘‘दिल्ली में हमारे राज्य के तीन भवन राजस्थान स्टेट गेस्ट हाउस, बीकानेर हाउस और राजस्थान हाउस हैं। इन भवनों और सदनों में राजस्थानी वास्तुकला, स्थापत्य कला, खानपान और संस्कृतियों की विशेष झलक देखने को मिलती है।'' अपने शाही शानो-शौकत के लिए मशहूर राजस्थान के इन भवनों या सदनों में राज्य की एक अलग छाप दिखाई देती है।
उन्होंने बताया, ‘‘हमारे यहां सोमवार को विशेष रुप से दाल-बाटी चूरमा बनाया जाता है जो राजस्थान का बेहद लोकप्रिय भोजन है। हाल के वर्षों में इन सदनों को आधुनिक और बेहतर बनाने के लिए काफी काम किया गया है।'' दिल्ली में बने राज्यों के अपने-अपने भवन के मुखिया स्थानिक आयुक्त (रेजिडेंट कमिश्नर) होते हैं। संबंधित राज्य के भवनों में उनका कार्यालय होता है। स्थानिक आयुक्त राज्य सरकार और केंद्र के बीच एक कड़ी के रुप में काम करता है। उसका प्रयास होता है कि केंद्र से मिलने वाला अनुदान समय पर मिलता रहे ताकि जितने भी विकास कार्य हैं उन्हें सही समय पर पूरा किया जा सके।
छत्तीसगढ़ भवन के संयुक्त निदेशक (जनसंपर्क) उमेश मिश्रा ने बताया, ‘‘यह जगह काफी पुरानी है। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद हमें यह भवन मिला। इसमें एक रेस्तरां भी है जहां दिल्ली में रहने वाले लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले लोग ठहरते हैं और खाने-पीने का आनंद लेते हैं।'' उन्होंने बताया, ‘‘भवन और यहां के माहौल को इस तरह से तैयार किया गया है कि राज्य से आने वाले लोगों को यहां घर जैसा माहौल लगे और वे इससे जुडाव महसूस करें।'' दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भी राज्यों की भागीदारी सुनिश्चित करने में भवनों-सदनों की काफी अहम भूमिका होती है। देश में विरोध प्रदर्शन का प्रतीक बन चुके जंतर-मंतर के पास बने केरल भवन का विशाल परिसर है।
केरल भवन के अतिरिक्त स्थानिक आयुक्त पुनीत कुमार ने राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर बताया, ‘‘सांस्कृतिक कार्यक्रम केंद्र और राज्य सरकार के बीच संबंधों की परिपाटी का ही हिस्सा है। स्वतंत्रता दिवस पर राजपथ पर भारत पर्व का आयोजन किया गया था, जिसमें हमने हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम और कला से जुडी चीजों का प्रदर्शन किया था।''
उन्होंने बताया, ‘‘दक्षिण भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने वाली केरल भवन की कैंटीन में समुद्री मछली, चावल, सांभर, इडली जैसे दक्षिण भारतीय व्यंजन मिलते हैं। अन्य राज्यों के लोग भी यहां भोजन करने आते हैं। ओणम जैसे दक्षिण भारतीय त्योहारों का पूरी पारंपरिकता से आयोजन किया जाता है। राजधानी में बसे केरल के लोग इन अवसरों पर यहां आते हैं।'' अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप और पुदुचेरी जैसे छोटे केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा हरियाणा का भी भवन दिल्ली में स्थित है।
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