दिल्लीः कई वर्षो से खाली पड़े हैं इन मंत्रालयों में आरक्षित कोटे के पद 

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दिल्लीः कई वर्षो से खाली पड़े हैं इन मंत्रालयों में आरक्षित कोटे के पद प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली (भाषा)। सरकारी नौकरियों में नियुक्ति में आरक्षण का संवैधानिक प्रावधान होने के बावजूद भी विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों में कई वर्षो से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्गों के कोटे के पद काफी संख्या में खाली हैं। कुछ मामलों में खाली पदों को भरने के लिए विज्ञापन और अन्य कार्रवाई की गई है।

सूचना के अधिकार के तहत विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 30 जून 2016 तक मंत्रालय में सहायक के खाली पदों में अनुसूचित जाति वर्ग में 50 पद रिक्त थे जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग में 20 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग में 95 पद रिक्त थे। इसी तरह से LDC के रिक्त पदों में अनुसूचित जाति वर्ग के 4 पद रिक्त थे जबकि अनुसूचित जनजाति वर्ग में 4 पद और अन्य पिछडा वर्ग में 6 पद खाली थे।

कारपोरेट कार्य मंत्रालय में MTS पद श्रृंखला में अनुसूचित जनजाति के 3 पद नवंबर 2011 से भी पहले से रिक्त हैं और DOPT को इसकी सूचना दी गई है। इसी प्रकार अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में भी एक पद इसी वर्ष रिक्त हुआ है और अगली भर्ती में इस रिक्त पद की सूचना दी जायेगी। दिल्ली स्थित RTI कार्यकर्ता गोपाल प्रसाद ने RTI के तहत विभिन्न मंत्रालयों और विभागों से आरक्षण नीति और नियमावली के अनुसार, केंद्र सरकार के सभी विभागों में आरक्षित पदों के तहत रिक्तियों का विवरण मांगा था।

शहरी विकास मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रामीण विकास विभाग में MTS कैडर के तहत ओबीसी श्रेणी के 12 पद रिक्त हैं जबकि अनुसूचित जाति के एक पद रिक्त हैं। इकोनामिक इंवेस्टिगेटर समूह 2 का एक पद ओबीसी श्रेणी के तहत रिक्त हैं।

वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, राजस्व विभाग में MTS श्रेणी के 48 पद रिक्त हैं और इनकी भर्ती के लिए कर्मचारी चयन आयोग को सूचना दी गई है। इनमें से 4 पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं जबकि 13 पद अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए, 5 पद पूर्व सैनिकों के लिए और 2 पद शरीरिक रुप से अशक्त लोगों के लिए आरक्षित हैं।

रक्षा मंत्रालय के मुम्बई स्थित कैंटीन स्टोर विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस विभाग में आरक्षित कोटे के तहत कोई लंबित रिक्तियां शेष नहीं हैं। हाल ही में समूह ‘सी' पद पर भर्ती के लिए मांग पत्र प्रारुप कर्मचारी चयन आयोग (SSC) को भेजा गया है।

आयुष मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आयुर्वेद के तहत अनुसूचित जाति श्रेणी के 4 पद रिक्त हैं जबकि होम्योपैथी के तहत अनुसूचित जाति के 2 पद, अनुसूचित जनजाति के 1 पद, अन्य पिछडा वर्ग के तहत 1 पद रिक्त हैं। युनानी पद्धति के 1 पद अनुसूचित जनजाति के तहत रिक्त हैं जबकि अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत इसमें 2 पद खाली हैं। सिद्धा पद्धति के तहत अन्य पिछड़ा वर्ग के एक पद रिक्त हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, वाणिज्य विभाग में मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के रिक्त स्थान ही सीधी भर्ती द्वारा भरे जाते हैं। साल 2003 से 2012 तक इस पद पर कोई भर्ती नहीं हुई थी। MTS पदों की रिक्तियों को उचित उम्मीदवार द्वारा भरे जाने के लिए कर्मचारी चयन आयोग को पत्र भेजे गए हैं।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रालय के मुख्य सचिवालय में MTS श्रेणी के खाली 18 पदों में से अनुसूचित जाति वर्ग के छह पद खाली हैं जबकि अनुसूचित जनताति वर्ग के 2 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग के 10 पद खाली हैं। इसी तरह से कैंटीन एटेंडेंट के पदों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के एक-एक पद खाली है।

शहरी विकास मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली स्थित मुद्रण निदेशालय में विगत 10 वर्षो में आरक्षण नीति एवं नियमावली के अनुसार किसी भी प्रकार की कोई विशेष नियुक्ति प्रक्रिया (लंबित रिक्तियों) प्रारंभ नहीं की गई। युवा एवं खेल मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, मंत्रालय में आरक्षित कोटे के तहत समूह सी के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के 3 पद और अन्य पिछड़ा वर्ग के 3 पद 2015-16 से खाली हैं।

RTI के तहत कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मामलों के मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, 2004 में विभिन्न मंत्रालयों में समूह ‘अ' के कुल पदों में अन्य पिछडा वर्ग (OBC) की हिस्सेदारी 3.5 प्रतिशत थी जो साल 2015 में बढ़कर 10.3 प्रतिशत हो गई। इसी तरह से साल 2004 में विभिन्न मंत्रालयों में समूह ‘बी' के कुल पदों में ओबीसी की हिस्सेदारी 2.1 प्रतिशत थी जो 2015 में बढकर 10.2 प्रतिशत हो गई।

2004 में समूह ‘सी' के कुल पदों में ओबीसी की हिस्सेदारी 5.2 प्रतिशत थी जो 2015 में बढ़कर 20.5 प्रतिशत हो गई। 2004 में समूह ‘डी' के कुल पदों में ओबीसी की हिस्सेदारी 2.1 प्रतिशत थी। हालांकि छठे वेतन आयोग के बाद समूह ‘डी' के पदों का समूह ‘सी' में विलय होने के कारण 2012 से यह जानकारी उपलब्ध नहीं है।

      

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