एच-1बी प्रभाव : इनफोसिस 10,000 अमेरिकियों को नौकरी देगी

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एच-1बी प्रभाव : इनफोसिस 10,000 अमेरिकियों को नौकरी देगीइंफोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिक्का।

नई दिल्ली (भाषा)। अमेरिका में वीजा संबंधी मुद्दों से पार पाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख भारतीय कंपनी इनफोसिस अगले दो साल के दौरान 10,000 अमेरिकियों को नौकरी देगी। इसके अलावा कंपनी वहां चार प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष केंद्रों की भी स्थापना करेगी। इनफोसिस नई नियुक्तियों और नए केंद्र खोलकर कृत्रिम बुद्धिमता, मशीनी ज्ञान, उपयोक्ता अनुभव, क्लाउड और बिग डेटा जैसी नई प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपने कारोबार का विस्तार करेगी। इनफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने कहा कि पहला नवोन्मेष केंद्र इस साल अगस्त में इंडियाना में खोला जायेगा। इस केंद्र में 2021 तक अमेरिकियों के लिए 2,000 रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कहा कि तीन अन्य केंद्रों के स्थानों के बारे में अगले कुछ महीनों के दौरान फैसला लिया जाएगा।

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इन केंद्रों में न केवल प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष के क्षेत्र में लोगों को प्रशिक्षण दिया जायेगा बल्कि महत्वपूर्ण उद्योगों जैसे वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र, विनिर्माण, स्वास्थ्य देखभाल, खुदरा कारोबार और ऊर्जा क्षेत्र में ग्राहकों के साथ नजदीकी से काम करने में भी मदद मिलेगी। उत्तरी अमेरिका का बाजार इनफोसिस के लिए काफी महत्वपूर्ण है। इनफोसिस के वर्ष 2016-17 में 10.2 अरब डालर राजस्व में उत्तरी अमेरिका का 60 प्रतिशत से अधिक योगदान रहा है। सिक्का ने हालांकि, स्पष्ट किया कि इन कदमों को केवल इसलिए नहीं उठाया जा रहा है कि अमेरिका में वीजा के कड़े नियमों के प्रभाव को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल के दौरान कृत्रिम बुद्धि और आभासी प्रौद्योगिकियों का इस्तेमाल काफी बढ़ा है। यहां तक कि पुरानी परियोजनाओं को भी अब ज्यादा आटोमेटिक बनाया जा रहा है।

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सिक्का ने कहा, ‘‘सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अब ज्यादा से ज्यादा काम नवीन प्रौद्योगिकी के साथ आधुनिक होता जा रहा है, ऐसे में आपको वैश्विक और स्थानीय कुशल कर्मियों का मिला जुला कार्यबल चाहिये। आपको अब परंपरागत तौर तरीकों जिसे ‘वैश्विक डिलीवरी मॉडल' कहा जाता रहा है पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

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आपको स्थानीय स्तर पर काफी कुशल कर्मियों को अपने साथ जोड़ना होगा। पिछले कुछ सप्ताहों के दौरान दुनियाभर के विभिन्न बाजारों में संरक्षणवाद को बढ़ावा मिला है। अमेरिका सहित कई देशों के बाजारों में स्थानीय लोगों के लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर दिया जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप विदेशी कर्मचारियों के लिए वीजा नियमों को सख्त किया जा रहा है। अमेरिका ने इनफोसिस और उसकी सबसे बड़ी प्रतिद्धंदी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सविर्सिज पर एच-1बी वीजा का बड़ी हिस्सा हथियाने के लिए ‘‘अनुचित'' तरीके अपनाने का आरोप लगाया है।

अमेरिका के मुताबिक ये कंपनियां लॉटरी प्रणाली में अतिरिक्त टिकट लेकर एच-1बी वीजा का बड़ी हिस्सा हासिल कर लेतीं हैं। अमेरिका हर साल 65,000 एच1-बी वीजा जारी करता है। इसके अलावा करीब 20,000 वीजा अमेरिका में आधुनिक शिक्षा डिग्री हासिल करने वालों के लिए रखे गए हैं। बहरहाल, अमेरिका में वीजा नियमों के कड़ा होने से इन प्रौद्योगिकी कंपनियों के लिए न केवल कामकाज करने की लागत बढ़ गई है बल्कि कुशल कर्मचारियों के आवागमन को भी मुश्किल बना दिया है। सिक्का ने हालांकि, निवेश के बारे में कुछ भी बताने से इनकार किया। उन्होंने अमेरिका में वर्तमान में स्थानीय और वैश्विक कर्मचारियों के बारे में जानकारी देने से भी इनकार किया।

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