यहां कुछ विरले हैं, जो दूसरों के लिए जमा कर रहे कैश

sachinsachin   17 Nov 2016 10:03 PM GMT

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यहां कुछ विरले हैं, जो दूसरों के लिए जमा कर रहे कैशप्रतीकात्मक फोटो: साभार गूगल 

रिपोर्ट: सचिन गुप्ता

लखनऊ। नोटबंदी के हफ्ते भर बाद भी लोगों की दिक्कतें अभी तक कम नही हो पायी हैं। हर तरफ बस नये नोटों के लिए बैंकों में अफरा-तफरी का माहौल दिखाई पड़ रहा है। ऐसे में नोटों की इस किल्लत को कुछ हद तक कम करने के लिए आम लोगों की परेशानियों का बीड़ा उठाते हुए राजधानी और उससे जुड़े आसपास के क्षेत्रों के बड़े व्यापारियों ने बैंकों मे छोटे नोट जमा करने की पहल शुरू की है। साथ ही आसपास के लोगों को कालेधन व भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने के लिये प्रेरित भी किया है।

आम लोगों के लिए मददगार

इन व्यापारियों का कहना है कि सरकार का फैसला सही है, लेकिन अव्यवस्थाओं के चलते लोग परेशानियां झेल रहे हैं। इसलिये ये पहल बैकों के बाहर खड़े लोगों के लिये मददगार साबित हो सकती है।

89 हजार रुपये जमा किये

हाल में बहराइच शहर के तेल व्यापारी कृष्ण कुमार ने अपनी रोजाना बिक्री के फुटकर पैसों को एकत्र करके बैंक में करीब 89,000 रूपये जमा किये हैं। साथ ही इनके बेटे ने भी बैंक मे 11 हजार रूपये जमा कराने का सहयोग दिया है। इनका कहना है कि अगर अन्य व्यापारी भी आपस में सहयोग करके ये पहल शुरू कर दें तो लोगों की समस्याएं कुछ हद तक कम हो सकती हैं।

बड़े फैसले से शुरुआती मुश्किलें आती हैं

इसके अलावा बहराइच जिले के मिहीपुरवा कस्बे के थोक किराना व्यापारी दुर्गेश कुमार ने भी पास के ही बैंक में 50,000 के छोटे नोट जमा किये हैं। इनका मानना है कि सरकार ने भ्रष्टाचार जैसी कुरितियों को मिटाने के लिये सही कदम उठाये हैं, मगर किसी भी बड़े फैसले से शुरूआती मुश्किलें आती हैं। आम लोगों की इन समस्याओं को दूर करने के लिये पहल हमें ही शुरू करनी होगी।

इन व्यापारियों ने भी की मदद

वहीं बहराइच के एक कपड़ा व्यवसायी ने सरकार के फैसले का समर्थन करते हुए मदद के रूप में 10,000 रुपये के छोटे नोट बैंक में जमा कराये हैं। इसी के साथ मिहीपुरवा कस्बे के ही एक व्यापारी प्रशांत ने अपने खाते में 30,000 के छोटे नोट जमा कराये साथ ही केन्द्र सरकार की सराहना भी की। व्यापारियों की इस पहल में कैसरगंज के एक खुदरा व्यापारी ओमप्रकाश ने भी रोजना की बिक्री में से पांच हजार रूपये छोटे नोट पास के ही बैंक में जमा किये हैं। केन्द्र सरकार के इस बड़े फैसले की विरोधियों द्वारा जहां आलोचना हो रही है, वहीं व्यापरियों की ये सकारात्मक पहल आम लोगों की लिये समस्याओं को कम करने का एक अच्छा जरिया बन रही है।

क्या कहते हैं बैंक अधिकारी

कैसरगंज के इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक के सहायक प्रबंधक राजेन्द्र श्रीवास्तव कहते हैं कि व्यापारियों ने यह एक अच्छी पहल शुरू की है। ऐसा करने से गरीब तबके को मदद मिलेगी। साथ ही बैंक के कर्मचारियों को छोटे नोट देने में हो रही दिक्कतों से एक हद तक निजात मिल पायेगी। साथ ही उन्होंने अपील भी कि पेट्रोल पंपों और सरकारी घरानों में आने वाले छोटे नोटों का बैंकों में आदान प्रदान हो, जिससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना न करना पड़े।

  

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