पाक को झटकाः आईसीजे ने अंतिम फैसले तक कुलभूषण की फांसी पर लगाई रोक 

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पाक को झटकाः आईसीजे ने अंतिम फैसले तक कुलभूषण की फांसी पर लगाई रोक कुलभूषण जाधव।

नई दिल्ली। जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में मौत की सजा का सामना कर रहे भारतीय कुलभूषण जाधव के मामले में अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) ने अंतीम फैसले तक कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने भारत की दलीलों से सहमत होते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान वियना संधि के तहत प्रतिबद्ध है। पाकिस्तान को काउंसलर एक्सेस देना चाहिए और राजनयिक मदद मिलनी चाहिए। इतना ही नहीं अंतरराष्ट्रीय कोर्ट को इस मामले में सुनवाई का अधिकार है।आईसीजे ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा दया याचिका के लिए दी गई 150 दिन की अवधि अगस्त में खत्म हो रही है जो यह संशय पैदा करती है कि इसके फौरन बाद फांसी दी जा सकती है। कोर्ट ने कहा कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस मिलना चाहिए। यह आदेश नहीं मानने पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगेगा।

इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत के फैसले पर संतोष जताया। प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से बात कर उन्हें धन्यवाद दिया। साथ ही जाधव मामले में भारत का पक्ष रखने वाले वकील हरीष साल्वे की प्रशंसा की।


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इससे पूर्व नीदरलैंड के हेग में स्थित आईसीजे में विगत सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर विएना संधि के घोर उल्लंघन का आरोप लगाते हुए अंतरराष्ट्रीय अदालत से भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव की मौत की सजा को रद्द करने की मांग की थी। जबकि इस्लामाबाद ने नई दिल्ली द्वारा मामले को आईसीजे में लाए जाने को अवैध बताया था।

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पाकिस्तान ने अपनी दलील में कहा कि भारत को कुलभूषण मामले को आईसीजे में लाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि विएना संधि जासूसों, आतंकवादियों तथा जासूसी से जुड़े लोगों पर लागू नहीं होती। जबकि भारतीय वकील साल्वे ने जाधव की गिरफ्तारी, उसके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने तथा मामले की सुनवाई से संबंधित तमाम कार्रवाई को विवेकशून्य तरीके से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर तथा विएना संधि का उल्लंघन करार दिया था।
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साल्वे ने अदालत से कहा कि 16 मार्च, 2016 को ईरान में जाधव का अपहरण किया गया और फिर पाकिस्तान लाकर कथित तौर पर भारतीय जासूस के तौर पर पेश किया गया और सैन्य हिरासत में एक दंडाधिकारी के समक्ष उनसे कबूलनामा लिया गया। उन्हें किसी से संपर्क नहीं करने दिया गया और सुनवाई भी एकतरफा की गई।
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साल्वे ने कहा, "मैं आईसीजे से आग्रह करता हूं कि वह सुनिश्चित करे कि जाधव को फांसी न दी जाए, पाकिस्तान इस अदालत बताए कि (फांसी नहीं देने की) कार्रवाई की जा चुकी है और ऐसी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जो जाधव मामले में भारत के आधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता हो।" पाकिस्तान की तरफ से पेश हुए वकील खवार कुरैशी ने मामले को आईसीजे में लाने के भारत के प्रयास को खारिज करते हुए कहा कि विएना संधि के प्रावधान जासूसों, आतंकवादियों तथा जासूसी में संलिप्त लोगों के मामलों में लागू नहीं होते हैं।

कुरैशी ने यह भी कहा कि भारत ने इस साल जनवरी में पाकिस्तान के उस संपर्क का कोई जवाब नहीं दिया, जिसमें जाधव से संबंधित मामले की जांच के लिए उससे सहयोग मांगा गया था।

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