झारखंड में स्कूल में मिड डे मील की जगह चूहे, खरगोश और पक्षी खाते हैं छात्र
Basant Kumar 17 March 2017 5:49 PM GMT
लखनऊ। जहां सरकार ज्यादा से ज्यादा संख्या में बच्चों को स्कूल तक लाने के लिए मिड डे मील योजना चला रही है। वहीं झारखंड के राजगढ़ की पहाड़ियों के स्कूलों के छात्रों को मिड डे मीलनहीं मिलता है, छात्र बजाय चूहे, खरगोश और पक्षी खाते हैं।
एनडीटीवी चैनल के अनुसार झारखण्ड के राजगढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में बच्चे मिड डे मिल की जगह चूहे, खरगोश और पक्षी खाते खाने को मजबूर है। खबर के अनुसार यहां स्कूलों की हालत बहुत खराब है। स्कूलों में शिक्षक नहीं है। शिक्षक साल में एक से दो बार ही स्कूल आते हैं।
शिकार करने के बाद ही मिलता है खाना
बच्चों को खरगोश, चूहे और पक्षी भी बिना शिकार करने के बाद ही मिलता है। सरकार जहां देशभर में मिड डे मील चलाने की बात करती है, वहीं झारखंड के इस इलाके की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
मिड डे मिल योजना की शुरुआत स्कूल की तरफ ज्यादा से ज्यादा बच्चों को आकर्षित करने के लिए किया गया था। मिड डे मील को लेकर आए दिनों शिकायतें आती रहती है। कहीं खाने के कारण बच्चे बीमार हो जाते हैं तो कहीं दलित समुदाय की महिला के खाना बनाने के कारण सवर्ण छात्र खाना खाने से इंकार कर देते हैं।
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