आयुर्वेद व जड़ी-बूटियों की ओर बढ़ रहे मलेशिया के कदम, करेगा सम्मेलन की मेजबानी 

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आयुर्वेद व जड़ी-बूटियों की ओर बढ़ रहे मलेशिया के कदम, करेगा सम्मेलन की मेजबानी gaon connection, गाँव कनेक्शन

सिंगापुर (भाषा)। दक्षिण भारत में उत्पन्न होने वाली सिद्ध दवाओं, वैकल्पिक दवाइयों, जड़ी-बूटियों और हरे पौधे पर सम्मेलन अगले महीने मलेशिया में आयोजित किया जाएगा। श्री गुरुजी फाउंडेशन ऑफ मलेशिया ने कहा कि 'ट्रैडेल्थ कन्वेंशन ' का आयोजन 18 से 20 अगस्त को किया जाएगा। इसमें मुख्य ध्यान आयुर्वेद और सिद्ध दवाइयों एवं चिकित्सकों पर केंद्रित किया जाएगा। फाउंडेशन का लक्ष्य सम्मेलन के बाद बेंगलूर स्थित स्वामी विवेकानंद योग अनुसंधान संस्थान विश्वविद्यालय के सहयोग से मलेशिया में एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करना है। वैकल्पिक दवाइयों, जड़ी-बूटियों एवं हरे पौधों और सिद्ध दवाइयों पर तीन सम्मेलन किए जाएंगे। इसमें मलय एवं चीनी दवाइयों पर भी चर्चा की जाएगी।

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फाउंडेशन के प्रतिनिधि रामचंद्रन मयप्पन ने कल सिंगापुर में आयोजित दूसरे अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद सम्मेलन में कहा कि इस सम्मेलन को मलेशिया स्वास्थ्य मंत्रालय एवं कुआलालम्पुर में भारतीय उच्चायोग सहायता दे रहा है। इस समय आयुर्वेद एवं सिद्ध समेत भारतीय रसायन रहित दवाइयां मलेशिया में प्रयोग की जानी कुल पारंपरिक दवाइयों का एक केवल एक प्रतिशत हैं। मलेशिया की कुल तीन करोड़ तीन लाख 30 हजार का सात प्रतिशत भारतीय जनसंख्या है। इसके मद्देनजर भारतीय रसायन रहित दवाइयों का इस्तेमाल यहां बढ़ाया जा सकता है। मलेशिया के प्रधानमंत्री नाजिब रजाक की अप्रैल 2017 में नई दिल्ली की यात्रा के बाद भारत-मलेशिया स्वास्थ्यसेवा कार्यक्रमों एवं सहयोग की घोषणा की गई थी।

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यह सम्मेलन भी इसी दिशा में एक पहल है। उन्होंने कहा कि इसमें दोनों देशों के बीच स्वास्थ्यसेवा के क्षेत्र में ज्ञान का आदान-प्रदान भी शामिल है। मलेशिया ने भारत के कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में स्वास्थ्यसेवा पाठ्यक्रमों के लिए अधिक छात्र भेजने आरंभ कर दिए हैं। इस समय आयुर्वेद और सिद्ध क्लीनिक एवं केंद्र केरल और तमिलनाडु के पेशेवर संचालित करते हैं। रामचंद्रन ने कहा, ' 'हम चाहते हैं कि मलेशियाई लोग इन चिकित्सा पद्धतियों को अपनाएं।' '

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