‘WHO की रिपोर्ट : जानिए कितने अरब लोगों को नहीं मिलता साफ पानी’

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‘WHO की रिपोर्ट : जानिए कितने अरब लोगों को नहीं मिलता साफ पानी’पीने के लिए लोगों के पास साफ पानी नहीं है

नई दिल्ली (आईएएनएस)। स्वच्छ पानी की समस्या हमारे सामने कई दशकों से है। प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ता जा रहा है कि लोगों को पीने के लिए भी पानी नसीब नहीं हो रहा। हज़ारों लोग हर साल गंदे पानी से होने वाली बीमारियों का शिकार होते हैं। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया है कि दुनिया में कितने लोग साफ पानी की कमी से जूझ रहे हैं।

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इस रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में लगभग 4.4 अरब लोग स्वच्छता से महरूम हैं, जबकि लगभग 2.1 अरब लोगों को घरों में स्वच्छ पानी नसीब नहीं होता। संयुक्त निगरानी कार्यक्रम की रिपोर्ट 'सुरक्षित तरीके से प्रबंधित' पेयजल तथा स्वच्छता सेवाओं का पहला वैश्विक आकलन पेश करती है। रिपोर्ट से यह निष्कर्ष निकलता है कि ज़्यादातर लोग अभी भी इसकी पहुंच से दूर हैं, खासकर ग्रामीण इलाकों के लोग।

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डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेडरॉस अधानोम घेबरेयेसस ने कहा, "घरों में स्वच्छ जल व सफाई केवल अमीरों या शहरों में रहने वाले लोगों तक ही सीमित नहीं होना चाहिए।" उन्होंने कहा, "ये मानव स्वास्थ्य के लिए कुछ सबसे आधारभूत जरूरतों में से है और हर देश को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह हर व्यक्ति को मिल सके।" रिपोर्ट में कहा गया है कि कई घरों, स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों तथा स्कूलों में अभी भी हाथ धोने के लिए साबुन नहीं मिलता। इसके कारण सभी लोगों खासकर बच्चों को अतिसार जैसी बीमारियों का खतरा होता है।

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भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है, जो अपने प्राथमिक उद्देश्यों के तहत गांवों व शहरों में खुले में शौच से मुक्ति दिलाने का काम रहा है। सरकार परिवारों को स्वच्छ शौचालय के निर्माण के लिए सहायता प्रदान कर रही है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आधारभूत स्वच्छता की दिशा में 90 देशों की प्रगति बेहद धीमी है, जिसका मतलब है कि वे साल 2030 तक यूनिवर्सल कवरेज के लक्ष्य तक नहीं पहुंच पाएंगे।

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