लाखों रोहिंग्या को वापस लेने पर तैयार हुआ म्यांमार, बांग्लादेश से हुआ समझौता

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लाखों रोहिंग्या को वापस लेने पर तैयार हुआ म्यांमार, बांग्लादेश से हुआ समझौताप्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली। बांग्लादेश ने शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों की वापसी के लिए म्यांमार से एक समझौते पर दस्तख़त किए हैं। बांग्लादेश में शरणार्थियों की जिंदगी जी रहे लाखों रोहिंग्या मुसलमानों का घर वापसी का रास्ता अब साफ हो गया। विश्व सममदाय के दबाव के चलते म्यांमार ने लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने पर गुरुवार को सहमति जताई है। म्यांमार के वरिष्ठ अधिकारी मिंत क्यायिंग के मुताबिक, बांग्लादेश द्वारा शरणार्थियों को लौटाने का फॉर्म सौंपे जाने के बाद हम जल्द से जल्द इन्हें वापस लेने के लिए तैयार हैं।'

उधर, बांग्लादेश ने शरणार्थी संकट सुलझाने की दिशा में इसे 'पहला कदम' बताया है। म्यांमार के रखाइन प्रांत में सैन्य कार्रवाई के बाद अगस्त से अब तक छह लाख बीस हजार लोग पलायन कर बांग्लादेश चले आए हैं। बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि हफ्तों की बातचीत के बाद दोनों पड़ोसी देशों ने विस्थापित लोगों की वापसी की व्यवस्था को लेकर हस्ताक्षर किया। अमेरिका ने म्यांमार की सैन्य कार्रवाई को 'नस्ली संहार' करार दिया है।

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म्यांमार की नेता आंग सान सू ची और बांग्लादेश के विदेश मंत्री अबुल हसन महमूद अली से बातचीत की और दोनों देशों ने इस बारे में एक करार पर हस्ताक्षर किया। बांग्लादेश के अधिकारियों का कहना है कि जिस करार पर हस्ताक्षर किया गया है उसको लेकर पिछले कुछ महीने से बातचीत हो रही है और कल दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसको अंतिम रूप दिया। बांग्लादेश ने एक संक्षिप्त बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने दो महीनों में शरणाथियों की म्यांमार में वापसी शुरू कराने पर सहमति जताई है।

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म्यांमार और बांग्लादेश की सीमा पर नो मैंस लैंड में रहने वाले दिल मोहम्मद रोहिंग्या मुसलमानों के एक नेता हैं। मोहम्मद का कहना है, "वे किसी न किसी दिन अपने घर लौटना चाहते हैं। हमारी ज़मीन म्यांमार में है, हम म्यांमार के नागरिक हैं। हम यहाँ अस्थायी रूप से रह रहे हैं ताकि हम अपनी जान म्यांमार की सेना, बॉर्डर गार्ड पुलिस फोर्स और स्थानीय बौद्ध भिक्षुकों से बचा सकें। ये लोग न सिर्फ़ हत्याएँ करते हैं, बल्कि हमें प्रताड़ित भी करते हैं। साथ ही हमारे घर जला दिए जाते हैं।"

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