विश्व आर्थिक मंच में भारत की नई तस्वीर पेश करने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए दावोस 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   22 Jan 2018 4:44 PM GMT

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विश्व आर्थिक मंच में भारत की नई तस्वीर पेश करने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गए दावोस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 

नई दिल्ली (गांव कनेक्शन/ आईएएनएस)। स्विटजरलैंड के दावोस में 'विश्व आर्थिक मंच' की बैठक में देश-विदेश के कई बड़े नेता दुनिया की कई समस्यों के बारे में मंथन करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक मंच बैठक (World Economic Forum) के लिए दावोस रवाना हो गए, जहां वह बैठक का उद्घाटन भाषण मंगलवार दोपहर 2.45 बजे (भारतीय समयानुसार) देंगे। करीब 20 साल बाद पहली बारी कोई भारतीय प्रधानमंत्री विश्व आर्थिक मंच की अगुआई करेगा।

वर्ष 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के ठीक बीस साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे।

भारत का नया चेहरा पेश करेंगे मोदी टीम

भारत के नए चेहरे को दुनिया के सामने पेश करने के लिए इस बारे प्रधानमंत्री मोदी पूरी तैयारी के साथ दावोस गए हैं। उनका साथ दे रहे हैं छह केंद्रीय मंत्री, 100 बड़ी कंपनियां के सीईओ और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं। देश के खजाना मंत्री अरूण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल तथा पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, एमजे अकबर और जितेंद्र सिंह पीएम को मदद करेंगे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस भी बैठक में हिस्सा लेने जा रहे हैं।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने एक ट्वीट में कहा, "भारत की लचीली अर्थव्यवस्था और व्यापार के लिए भारत को आकर्षक गंतव्य के रूप में पेश करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व आर्थिक सम्मेलन में शामिल होने के लिए दावोस रवाना।"

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इस बैठक में 60 देशों के प्रमुखों समेत 350 राजनीतिज्ञ, दुनिया की महत्वपूर्ण कंपनियों के मुख्य सीईओ तथा विभिन्न क्षेत्रों से करीब 3,000 नेता हिस्सा ले रहे हैं।

दुनिया के देशों के साथ भारत के संबंध वास्तवित रूप से बहुआयामी हुए

प्रधानमंत्री मोदी ने दावोस यात्रा पर रवाना होने से एक दिन पहले कहा था कि भारत का अन्य देशों के साथ संबंधों का हालिया वर्षों में विस्तार हुआ है। दुनिया के देशों के साथ भारत के संबंध वास्तवित रूप से बहुआयामी हुए हैं जिनमें राजनीतिक, आर्थिक, सामान्य जन के स्तर पर, और सुरक्षा तथा अन्य आयाम शामिल हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावोस में मुख्य कार्यक्रम के तहत 23 जनवरी को पूर्ण सत्र में भाषण देंगे। देवास स्विटजरलैंड का एक खूबसूरत शहर है। यहां की आबादी सिर्फ 11,000 है।

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मोदी मंगलवार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार परिषद के 120 सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे जो डब्ल्यूईएफ का एक हिस्सा है। वह इसके अलावा भारतीय कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से अलग से भी बातचीत करेंगे।

वर्ष 1971 में गठित संगठन की यह 48वीं बैठक जरूर है लेकिन मकसद वही यानी दुनिया के तमाम देशों और उनकी ताकतों के बीच बेहतर तालमेल से मजबूत माहौल बने। बड़ी राजनीतिक, आर्थिक, और सामाजिक चुनौतियों का सभी मिलजुलकर मुकाबला कर सकें और दुनिया का माहौल सकारात्मक हो।

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विश्व आर्थिक मंच का गठन

1971 में यूरोपीय प्रबंधन के नाम से इस फोरम की स्थापना जर्मन अर्थशास्त्री क्लॉस एम श्वाब और उनकी पत्नी हिल्ड ने श्वैब फॉउण्डेशन फॉर सोशल इंटरप्रेनरशिप के रूप में की थी। इसमें प्रो.श्वाब ने यूरोपीय व्यवसाय के 444 अधिकारियों को अमेरिकी प्रबंधन से मुखातिब कराया। 1987 में इसका नाम 'विश्व आर्थिक मंच' किया गया और तब से अब तक, प्रतिवर्ष जनवरी में दावोस में इसकी बैठक होती है।

वैश्विक नेताओं में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समापन भाषण करेंगे।

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