‘सैमसंग पे’ के जरिए डिजिटल भुगतान सेवा में उतरा सैमसंग 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   22 March 2017 7:22 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
‘सैमसंग पे’ के जरिए डिजिटल भुगतान सेवा  में उतरा सैमसंग गैलेक्सी नोट-7

नई दिल्ली (आईएएनएस)। भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान सेवा बाजार में अग्रणी दक्षिण कोरियाई इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग ने भी कदम रख दिया है। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स ने बुधवार को भारत में अपनी मोबाइल भुगतान सेवा 'सैमसंग पे' की शुरुआत कर दी।

सैमसंग पे का इस्तेमाल लगभग हर उस जगह खरीदारी के लिए किया जा सकता है, जहां डेबिट या क्रेडिट कार्ड का उपयोग होता है।

देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

सैमसंग पे के रजिस्टर्ड कार्ड के जरिए जहां सिर्फ एक टैप के जरिए भुगतान किया जा सकता है, वहीं सैमसंग पे ने अपने एप में प्रमुख भुगतान सेवा प्रदाता पेटीएम और भारत सरकार के 'यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस' (यूपीआई) को भी शामिल किया है।

सैमसंग के दक्षिण-पश्चिम एशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एच. सी. हांग ने कहा, "हमारे कार्ड नेटवर्क में वीजा, मास्टरकार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस, ऐक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, एसबीआई कार्ड और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक शामिल हैं। सिटी बैंक इंडिया के क्रेडिट कार्डस भी जल्द ही सैमसंग पे पर लाइव होंगे।"

सैमसंग पे एक बेहद सुरक्षित प्लेटफॉर्म है। यह तीन स्तरीय सुरक्षा के साथ काम करता है, जिसमें शामिल हैं- फिंगर प्रिंट ऑथेंटिकेशन, कार्ड टोकेनाइजेशन और सैमसंग का डिफरेंस-गाइड मोबाइल सेक्योरिटी प्लेटफॉर्म 'सैमसंग केनॉक्स' शामिल हैं।

सैमसंग इंडिया के मोबाइल बिजनेस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट असीम वारसी ने कहा, "सैमसंग पे के साथ हम ग्राहकों को डिजिटल भुगतान करने का अब तक का सर्वाधिक स्मार्ट तरीका प्रदान कर रहे हैं। सैमसंग पे सिग्नेचर केनॉक्स प्लेटफॉर्म, फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन एवं टोकनाइजेशन के द्वारा अत्यधिक सुरक्षित है।"

सैमसंग पे वर्तमान में गैलेक्सी एस7 एज, गैलेक्सी एस7, गैलेक्सी नोट 5, गैलेक्सी एस6 एज, गैलेक्सी ए5 (2016), गैलेक्सी ए7 (2016), गैलेक्सी ए5 (2017) तथा गैलेक्सी ए7 (2017) में उपलब्ध है।

                

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.