भूख दबाने के लिए भारत में सात करोड़ महिलाएं चबाती हैं तंबाकू 

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   12 Nov 2016 1:35 PM GMT

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भूख दबाने के लिए भारत में सात करोड़ महिलाएं चबाती हैं तंबाकू पत्ते में तम्बाकू भर बीड़ी बनाती एक महिला।

नई दिल्ली (भाषा)। भारत में 15 साल और उससे अधिक उम्र की करीब सात करोड़ महिलाएं तंबाकू चबाती हैं और उसकी एक अहम वजह मेहनत वाले काम के दौरान भूख को दबाने की इच्छा है।

एक रिपोर्ट कहती है, ‘‘फिलहाल 15 साल और उससे अधिक उम्र की सात करोड़ महिलाएं तंबाकू का सेवन करती (चबाती) हैं। आसानी से उपलब्धता एवं सस्ता दाम महिलाओं द्वारा उसके सेवन के प्रोत्साहन के अहम कारक हैं। वंचित महिलाओं में तंबाकू के सेवन का एक अहम कारक कठिन या मेहनत वाले काम के दौरान भूख को दबाने की इच्छा है।''

स्वास्थ्य मंत्रालय ने डब्ल्यूएचओ, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया, हीलिस सेक्षारिया इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ, सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एवं प्रीवेन्शन और अमेरिका के नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट के साथ मिलकर देश में तंबाकू चबाने के प्रभाव पर देश की पहली समग्र रिपोर्ट जारी की।

मुंह और गले के कैंसर को भारत में एक अहम स्वास्थ्य समस्या करार देते हुए रिपोर्ट कहती है कि हर साल पुरुषों में करीब 85,000 नए मामले और महिलाओं में 34,000 नए मामले सामने आते हैं जिनमें 90 फीसदी मामलों में किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल है तथा आधे से अधिक मामले की वजह तंबाकू चबाना है।

भारत में वर्ष 2009-10 में पंद्रह साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं के बीच कराए गए ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वेक्षण का हवाला देते हुए रिपोर्ट का कहना है कि तंबाकू चबाना तंबाकू इस्तेमाल का सबसे प्रचलित तरीका है तथा करीब 26 फीसदी लोग तंबाकू चबाते हैं उनमें 33 फीसदी पुरुष और 18 फीसदी महिलाएं हैं।

यह रिपोर्ट तंबाकू नियंत्रण पर विश्व स्वास्थ्य संगठन फ्रेमवर्क कन्वेंशन की कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज के सातवें सत्र पर जारी की गई है, भारत पहली बार इसकी मेजबानी कर रहा है।





          

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