एच1बी मामले में बोला अमेरिका- भारतीय कंपनियों के निवेश की कद्र करते हैं
गाँव कनेक्शन 25 April 2017 11:32 AM GMT
वाशिंगटन (भाषा)। वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा अपने अमेरिकी समकक्ष स्टीवन म्नुचिन के समक्ष एच1बी वीजा पर प्रतिबंधों का मामला उठाए जाने के कुछ दिन बाद अमेरिका ने कहा है कि वह भारतीय कंपनियों द्वारा किए गए निवेश की कद्र करता है और दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध चाहता है।
विदेश मंत्रालय के कार्यवाहक प्रवक्ता मार्क टोनर ने अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कल कहा, हम चाहते हैं कि भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंध मजबूत बने रहें। ट्रंप प्रशासन द्वारा की जा रही एच1बी वीजा की समीक्षा अैर भारतीय आईटी कंपनियों पर इसके प्रभाव से जुडे प्रश्नों के उत्तर में टोनर ने यह बात कही। भारतीय कंपनियां इस वीजा पर काफी निर्भर हैं।
टोनर ने कहा, हम अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों द्वारा किए जा रहे निवेश की बहुत कद्र करते हैं जो निस्संदेह हजारों अमेरिकी नौकरियों के लिए मददगार है। उन्होंने कहा, वीजा को लेकर किसी नई आवश्यकता के संबंध में मुझे यह जांच करनी होगी और देखना होगा कि क्या उनको अद्यतन किया गया है। टोनर ने कहा कि मौजूदा सरकार में अमेरिका वीजा साक्षात्कार और दाखिला प्रक्रिया जैसी प्रक्रियाओं के मजबूत करने के तरीके देख रहा है। टोनर ने कहा कि ये प्रक्रियाएं इस प्रशासन की शुरुआत से जारी हैं। यह प्रक्रिया आव्रजन और शरणार्थियों के आने के संबंध में भी हैं।
देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप
वीजा समीक्षा प्रक्रिया के बारे में पूछे जाने पर टोनर ने कहा, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह हमारे वाणिज्यदूतावास ब्यूरो, विदेशों में हमारे वाणिज्यदूतावास अधिकारियों, विदेशों में स्थित हमारे दूतावासों और मिशन की कार्यप्रणाली का हमेशा हिस्सा रहा है। हम इन वीजा को जारी करने की प्रक्रियाओं की समीक्षा कर रहे हैं और उन्हें मजबूत करने के तरीके खोज रहे हैं क्योंकि हम अमेरिकी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं। जेटली ने अमेरिका की अपनी यात्रा के दौरान रविवार को म्नुचिन के समक्ष एच1बी वीजा का मामला उठाया था और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों और पेशेवरों के योगदान को रेखांकित किया था। उन्होंने अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बुर रोस के समक्ष भी पहले यह मामला उठाया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एच1बी वीजा नियम कडे करने के लिए एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किए ताकि उनका दुरपयोग रोका जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि वीजा ‘सबसे कुशल या सर्वाधिक वेतन प्राप्त करने वाले' आवेदकों को दिया जाए। इस निर्णय से भारत के 150 अरब डॉलर के आईटी उद्योग पर असर पड़ेगा। भारतीय आईटी उद्योग ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त की थी क्योंकि मुख्य रुस से इन वीजा का इस्तेमाल घरेलू आईटी पेशेवर अमेरिका में अल्पकालिक कार्य के लिए करते हैं।
ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।
More Stories