ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्से लेने पहुंचे मोदी, चीनी राष्ट्रपति ने किया स्वागत

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ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्से लेने पहुंचे मोदी, चीनी राष्ट्रपति ने किया स्वागतपीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग

नई दिल्ली। चीन में ब्रिक्स देशों का सम्मेलन शुरू हो गया है। सोमवार को इसके स्वागत समारोह में सदस्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष पहुंचे। इस दौरान पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात भी हुई। इस दौरान जिनपिंग ने पीएम मोदी का सम्मेलन में स्वागत किया। इसके बाद सभी सदस्य देशों के प्रमुखों ने साथ में तस्वीर खिंचवाई। इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में आज इस सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन होगा और इसके बाद प्लेनरी सेशन होगा।

मोदी-जिनपिंग की मुलाकात पर नजर

डोकलाम विवाद के बाद इस बात पर दुनिया की नजर है कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की मुलाकात होगी या नहीं। वैसे उम्मीद जताई जा रही है कि दोनों सम्मेलन के इतर मुलाकात कर सकते हैं।

भारत उठा सकता है पाक आतंकवाद का मुद्दा

इस सम्मेलन में एक बार फिर पीएम मोदी पड़ोसी देश पाकिस्तान द्वारा सीमापार से फैलाए जा रहे आतंक का मुद्दा उठा सकते हैं। हालांकि, इससे पहले खबर आई थी कि चीन ने पीएम मोदी से ऐसा ना करने की अपील की है।

ये बोले मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘भारत ब्रिक्स की भूमिका को बहुत महत्व देता है, जिसने प्रगति और शांति के लिए अपनी साझेदारी का दूसरा दशक शुरू किया है। विश्व में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने, वैश्विक चुनौतियों से निपटने में ब्रिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका है।’ मोदी ने कहा कि पांच सितंबर को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में होने वाली ‘ब्रिक्स इमर्जिंग मार्केट एंड डेवलपिंग कंट्री डायलाग’ में वह ब्रिक्स के साझेदारों समेत नौ अन्य देशों के नेताओं के साथ बातचीत को लेकर उत्सुक हैं। उन्होंने बताया, ‘हम ब्रिक्स बिजनेस परिषद के साथ भी रूबरू होंगे।

आतंकवाद पर यह बोले जिनपिंग

इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने रविवार को ब्रिक्स देशों से सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में समग्र दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए उसके 'लक्षण और मूल कारणों' से निपटा जाना चाहिए ताकि आतंकियों के छिपने की कोई जगह न हो।

ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और द. अफ्रीका) बिजनेस फोरम के उद्घाटन भाषण में चिनफिंग ने कहा कि ब्रिक्स देशों को भू-राजनीतिक हॉटस्पॉट मुद्दों को सुलझाने की प्रक्रिया में रचनात्मक हिस्सा लेकर उचित योगदान करना चाहिए। उन्होंने भारत के साथ डोकलाम गतिरोध का सीधे जिक्र किए बिना कहा कि शांति और विकास के लिए ऐसे मुद्दों का हल किया जाना चाहिए। दुनिया संघर्ष और टकराव नहीं चाहती।

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