उप्र का कतर्निया पर्यटकों के स्वागत को तैयार

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उप्र का कतर्निया पर्यटकों के स्वागत को तैयारकतर्नियाघाट आने वाले पर्यटक अपने साथ रेडियो, रिवाल्वर, बंदूक आदि नहीं ला सकेंगे।

बहराइच (आईएएनएस/आईपीएन)। उत्तर प्रदेश का कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र पर्यटकों के लिए 15 नवंबर से खोल दिया जाएगा। इसके लिए वन विभाग ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। पर्यटक भी वन क्षेत्र की सुरम्यता का लुत्फ उठाने के लिए उत्साहित हैं। ठंड की आहट ने कतर्निया के सौंदर्य में चार चांद भी लगा रखा है। सूखी गेरुआ नदी में भी पानी आ गया है। इससे पर्यटकों को निराशा नहीं होगी। बोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे। कतर्नियाघाट सैंक्चुअरी में बाघ, तेंदुए, हिरन, हाथी, चीतल, बारहसिंघा व अन्य दुर्लभ वन्यजीव विहार करते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में जंगल की पगडंडियां क्षतिग्रस्त होने और वन्यजीवों के हमले की आशंका बढ़ने के मद्देनजर पर्यटकों के आगमन पर रोक लगा दी जाती है। 15 जुलाई से 15 नवंबर तक वन्यजीव विहार में पर्यटकों का प्रवेश वर्जित रहता है। यह अवधि बीतने में सिर्फ एक दिन बचा है।

ऐसे में पर्यटकों के स्वागत के लिए कतर्नियाघाट सैंक्चुअरी में तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है। इस बार कतर्नियाघाट पहुंचने वाले पर्यटक मोतीपुर और ककरहा रेंज में इको टूरिज्म के रूप में विकसित विश्राम भवन के अलावा वातानुकूलित थारूहट, 16 बेड के डबल स्टोरी डारमेट्री, कैंटीन, शुलभ शौचालय और जनरेटर का भी आराम उठा सकेंगे। प्रभागीय वनाधिकारी जीपी सिंह ने बताया कि इको टूरिज्म के लिए नए सिरे से निर्मित भवनों के अलावा ककरहा, मोतीपुर, निशानगाड़ा, धर्मापुर, मुर्तिहा और कतर्नियाघाट गेस्ट हाउस में भी पर्यटक ठहर सकेंगे। कतर्नियाघाट के सभी थारूहट पर्यटकों के लिए बुक किए जाएंगे।

देना होगा निर्धारित शुल्क

प्रभागीय वनाधिकारी ने बताया कि कतर्नियाघाट सैंक्चुअरी के विहार के लिए निर्धारित शुल्क पर्यटकों को अदा करना होगा। शुल्क अदायगी के बाद भी भवन और थारूहट की बुकिंग होगी।

आवाज करना होगा प्रतिबंधित

डीएफओ ने कहा कि कतर्नियाघाट आने वाले पर्यटक अपने साथ रेडियो, रिवाल्वर, बंदूक आदि नहीं ला सकेंगे। जंगल में तेज आवाज करना प्रतिबंधित है।

गेरुआ नदी में पहुंचा पानी, ले सकेंगे बोटिंग का मजा

कतर्नियाघाट सैंक्चुअरी 15 नवंबर को पर्यटकों के लिए खुल रहा है। लेकिन जंगल के बीच से गुजरने वाली गेरुआ नदी सूखी होने से समस्या अधिक है। लेकिन मरम्मत का कार्य पूरा होने के बाद चौधरी चरण सिंह गिरिजापुरी बैराज के गेट बंद होने के बाद नदी में पानी आ गया है।

बैराज के अभियंता एसआर वर्मा ने कहा कि पर्यटकों के आगमन को देखते हुए वन विभाग से वार्ता हुई थी। इस पर क्लोजर सीजन ऑफ कर दिया गया।

     

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